नई दिल्ली, 4 नवम्बर को उत्तराखण्ड आंदोलनकारी संगठनों की समन्वय समिति ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को दिया ज्ञापन दे कर उत्तराखण्ड सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में चयनीत (2016-2017) किये जा चूके उत्तराखण्ड राज्य गठन के सक्रिय समर्पित आंदोलनकारियों को राज्य स्थापना दिवस 2019 से पहले तत्काल चिन्हीकरण कराने हेतु ज्ञापन दिया ।
उत्तराखण्ड आंदोलनकारी संगठनों की समन्वय समिति ने आज 4 नवम्बर की दोपहरी को दिल्ली स्थित स्थानिक आयुक्त इला गिरि को मुख्यमंत्री के नाम इस आशय का ज्ञापन उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा(देवसिंह रावत,खुशहाल सिंह बिष्ट ), उत्तराखण्ड जन मोर्चा, उत्तराखण्ड लोकमंच, उत्तराखण्ड महासभा(अनिल पंत ), उत्तराखण्ड क्रांति दल(प्रताप शाही),उतराखण्ड संयुक्त संघर्ष समिति( मनमोहन शाह) ने सौंपा।
(उतराखण्ड राज्य आंदोंलनकारियों ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत को दिया ज्ञापन( द्वारा स्थानिक आयुक्त उतराखण्ड नई दिल्ली)
श्रीमान त्रिवेन्द्र सिंह रावत,
विषय-उत्तराखण्ड सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में चयनीत (2016-2017) किये जा चूके उत्तराखण्ड राज्य गठन के सक्रिय शीर्ष आंदोलनकारियों को राज्य स्थापना दिवस 2019 से पहले तत्काल चिन्हीकरण कराने हेतु
मान्यवर, उत्तराखण्ड राज्य गठन जनांदोलन में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के 30 लाख उत्तराखण्डियों की अग्रणी भूमिका रही। न केवल राज्य गठन आंदोलन के सूत्रधार के रूप में अपितु इसको राज्य गठन तक निरंतर आंदोलित रखने में दिल्ली के आंदोलनकारियों का ऐतिहासिक योगदान रहा।
राज्य गठन के बाद उत्तराखण्ड की सरकार ने राज्य गठन आंदोलनकारियों के कल्याण की कई घोषणाओं का ऐलान किया। प्रदेश में जहां सरकार ने हर जनपद मुख्यालय में आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण किया गया। परन्तु दुर्भाग्य है कि जिस दिल्ली के आंदोलनकारियों ने राज्य गठन आंदोलन में ऐतिहासिक भूमिका निभाई उस दिल्ली के सक्रिय व समर्पित दिल्ली के आंदोलनकारियों के चयन करने के लिए एक अदद चिन्हीकरण केन्द्र तक नहीं बनाया गया। राज्य गठन आंदोलनकारी प्रदेश सरकार से निरंतर दिल्ली राजधानी क्षेत्र में रहने वाले 30 लाख उत्तराखण्डियों के योगदान को देख कर उनकी उपेक्षा न न्याय संगत थी व नहीं राज्य के हित में। राज्य गठन आंदोलनकारी प्रारम्भ से ही सरकार द्वारा आंदोलनकारी के चयन के मापदण्डों को राज्य गठन आंदोलनकारियों के लिए अपमान करने वाला व अन्यायपूर्ण बता कर सरकार से इसमें निरंतर सुधार करने की मांग करने के साथ दिल्ली में एक आंदोलनकारी चिन्हीकरण केन्द्र खोलने की पुरजोर मांग करते रहे।
आखिरकार उत्तराखण्ड सरकार ने अक्टूबर 2016 को दिल्ली के उप जिलाधिकारी अनुराग आर्य की नियुक्ति की। इसके साथ दिल्ली में राज्य गठन आंदोलनकारी चिन्हीकरण समिति दिल्ली का भी गठन किया गया। दिल्ली में आंदोलनकारियों के चयन के लिए पहली बार राज्य गठन आंदोलनकारी संगठनों को आधार बना कर किया गया। प्रदेश सरकार ने राज्य गठन आंदोलनकारियों के चयन मापदण्ड में न्यायोचित सुधार कर दो शासनादेश (1) संख्या 1279/बीस-4/2016-3(10)/2014 दिनांक 13 नवम्बर 2016 तथा (2) जो आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण के मानकों के सम्बंध में संख्या 1521/बीस-4/2017-9(उ रा आं)2016 दिनाॅंक 03 जनवरी 2017 को निकाला।
दोनों की तत्कालीन प्रमुख सचिव डा. उमाकांत पंवार द्वारा जारी किये गये।
इसके तहत ही दिल्ली में उप जिलाधिकारी व आंदोलनकारी चिन्हीकरण समिति दिल्ली ने दिल्ली के उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा, उत्तराखण्ड महासभा,उत्तराखण्ड जनमोर्चा, उत्तराखण्ड राज्य लोक मंच, उत्तराखण्ड क्रांति दल, हिमनद संघ(भाजपा), उत्तराखण्ड संयुक्त संघर्ष समिति व सक्रिय पत्रकारों सहित अन्य सामाजिक संगठनों से जुडे समर्पित सक्रिय आंदोलनकारियों के आवेदन पत्रों, आंदोलन से जुडे रहने वाले दस्तावेजों की जांच करने के बाद चयन समिति ने आंदोलनकारियों का चिन्हिकरण के लिए चयन किया। इन चयनित आंदोलनकारियों को उनके जनपदों की चिन्हीकरण आंदोलनकारियों की सूचिबद्ध करने के लिए उन उनके जिलों में भेजी गयी। जहां से यह चयनीत आंदोलनकारियों के पटवारी के पास उसके मूल निवास का सत्यापन करने के लिए समय पर भेजा गया। जो अब जिलाधिकारी के पास पंहुच चूके है।
परन्तु इसी दौरान आपके नेतृत्व में नयी सरकार के पदासीन होने के बाद जिलाधिकारियों ने पूर्व सरकार में प्रारम्भ हुए इन कार्यो को नयी सरकार द्वारा स्पष्ट निर्देश न दिये जाने से ठण्डे बस्ते में डाल दिये है। जिससे आंदोलनकारियों में भारी निराशा छा गयी है। पूर्व सरकार द्वारा दिल्ली के आंदोलनकारियों के कल्याण के लिए प्रदेश में लागू तमाम योजनाओं को लागू कराने के लिए आंदोलनकारियों ने सन् 2017 में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व तत्कालीन वित्तमंत्री प्रकाश पंत की उपस्थिति में एक विस्तृत व महत्वपूर्ण भैंटवार्ता भी दिल्ली के उत्तराखण्ड सदन में हुईै थी। तब आपने ने आंदोलनकारियों को आश्वासन दिया था कि उनकी सरकार आंदोलनकारियों का सम्मान करते हुए इस मामले में त्वरित कार्यवाही करेंगे। आपका ध्यानाकर्षण के लिए आंदोलनकारियों ने दर्जनों ज्ञापन दे दिये है।परन्तु ढाई साल बीत जाने के बाबजूद अभी इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई।
हमें आशा है कि आप इस मामले में सकारात्मक कदम उठाते हुए राज्य गठन आंदोलन में सक्रिय भागेदारी निभाने वाले चयनीत आंदोलनकारियों को चिन्हीकरण कराने में अपना आशीर्वाद देंगे।
मान्यवर, जिलाधिकारियों को दिल्ली में आंदोलनकारियों के चयनित किये जाने की प्रक्रिया से विज्ञ न होने के कारण पौड़ी जनपद सहित अन्य जनपदों के जिलाधिकारी इस मामले में उचित निर्णय नहीं ले पाये है। कृपया उनके द्वारा दिल्ली वापस भेजे गये चयनित आंदोलनकारियों की सूचि को पुन्न जनपदों में चयनित आंदोलनकारी सूचिबद्ध करने का स्पष्ट निर्देश देने की कृपा कर
उत्तराखण्ड आंदोलनकारी संगठनों की समन्वय समिति
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