प्रधानमंत्री मोदी व चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने महाबलीपुरम वार्ता में हुई यह सहमति
प्यारा उतराखण्ड
भारत की दो दिवसीय यात्रा में पधारे चीन के राष्ट्रपति के साथ महाबलीपुरम में हुई वार्ता से दोनों देशों ने अपने विवादों को दरकिनारे रख कर मिलकर विकास की डगर भरने में सहमत हो गये है। इसका ऐलान 12 अक्टूबर की सुबह महाबलीपुरम के समुद्र के तट पर बने कोवलम के कोव रिजोल्र्ट में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई 50 मिनट की वार्ता के बाद दोनों नेताओं ने अपने अपने संबोधनों में एक स्वर से कही। चीन के राष्ट्रपति जिंगपिंग का भव्य स्वागत करते हुए भारत के प्रधानमंत्री ने विश्व की सबसे प्राचीन भाषा तमिल में चीन के राष्ट्रपति व शिष्टमण्डल का स्वागत करते हुए भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की राजभाषा हिंदी में बोलते हुए चीनी राष्ट्रपति शी को भारत व चीन के 2000 साल पुराने आर्थिक स्मृद्धि के गौरशाली इतिहास का स्मरण कराते हुए पुन्न मिल कर इस गौरवशाली स्थान को मिल कर अर्जित करने की आशा प्रकट की। इसके साथ भारत के प्रधानमंत्री ने चीनी राष्ट्रपति व चीन की जनता को उसके 70वीं वर्षगांठ पर हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि हम दोनों देश अपने मतभेदों को दरकिनारे रख कर विकास की डगर भरेगे।
वहीं चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत द्वारा तमिलनाडू में किये गये भव्य स्वागत से अभिभूत हॅू और वह जीवन भर इसको याद रखेंगे। चीनी राष्ट्रपति ने भारत के साथ विकास की डगर मिल कर भरने की बात दोहराई। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने चीनी राष्ट्रपति को कांचीपुरम शिल्क से बना शाल दिया, इसमें चीनी नेता के पंसद के लाल रंग में बनी यह रेशमी शाल में चीनी राष्ट्रपति शी की तस्वीर भी बनी हुई थी। वहीं चीनी राष्ट्रपति ने मोदी को भारत के प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर वाला तोफहा प्रदान किया। तोफहों का आदान प्रदान करते समय अपनी अपनी तस्वीर देख कर दोनों राष्ट्र प्रमुख अपने मन की प्रसन्नता को छिपा नहीं पाये।
उल्लेखनीय है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत दौरे पर 11 अक्टूबर की दोहपरी को चैन्नई पंहुचे थे। चैन्नई के बाद सड़क मार्ग से चीनी राष्ट्रपति महाबलीपुरम पंहुचे जहां प्रधानमंत्री मोदी ने उनका भव्य स्वागत किया। 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रात्रि भोज भव्य शोर मंदिर परिसर मे किया। दोनों देशों के शासन प्रमुखों के बीच रात्रिभोज के दौरान 2.30 घण्टे लम्बी वार्ता भी चली। इस वार्ता में दोनों देशों ने आतंकवाद की चुनौतियों का मिलकर सामना करने का संकल्प लिया।
इसके साथ दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार को बढाने के लिए निवेश के नए क्षेत्रों को पहचानने सहित आर्थिक मामलों पर गहन चर्चा भी की। उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं ने व्यापार घाटे और व्यापार में असंतुलन पर भी बातचीत की।
इसके साथ दोनों देशों के शासनाध्यक्षों ने अनैक धार्मिक व पर्यटक स्थलों का भी भ्रमण किया।