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नहीं रहे भारत के सबसे वरिष्ठ अधिवक्ता व पूर्व कानून मंत्री राम जेठमलानी

9 5 वर्षीय राम जेठमलानी के निधन से कानून जगत में छाया गहरा शोक

 
नई दिल्ली (प्याउ)। आज 8 सितम्बर को देश के सबसे वरिष्ठ, प्रतिष्ठित अधिवक्ता  व  देश के पूर्व कानून मंत्री राम जेठमलानी का निधन होने से कानून जगत में शोक छा गया। कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे 95 वर्षीय राम जेठमलानी ने दिल्ली स्थित अपने निवास 2 अकबर रोड़ में अंतिम सांस ली। राम जेठमलानी के निधन पर देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री व गृहमंत्री सहित देश के सभी राजनैतिक दलों ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राम जेठमलानी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि श्री राम जेठमलानी जी के निधन से, भारत ने एक असाधारण वकील और प्रतिष्ठित सार्वजनिक व्यक्ति को खो दिया है, जिन्होंने न्यायालय और संसद दोनों में समृद्ध योगदान दिया है। वह मजाकिया, साहसी और कभी भी किसी भी विषय पर साहसपूर्वक व्यक्त करने से नहीं कतराते थे।
श्री राम जेठमलानी जी के सबसे अच्छे पहलुओं में से एक उनके मन की बात कहने की क्षमता थी। और, उसने बिना किसी डर के ऐसा किया। आपातकाल के काले दिनों के दौरान, उनकी स्वतंत्रता और सार्वजनिक स्वतंत्रता के लिए लड़ाई को याद किया जाएगा। जरूरतमंदों की मदद करना उनके व्यक्तित्व का एक अभिन्न हिस्सा था।

मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे श्री राम जेठमलानी जी के साथ बातचीत करने के कई अवसर मिले। इन दुखद क्षणों में, उनके परिवार, दोस्तों और कई प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदना। वह यहाँ नहीं हो सकता है लेकिन उसके अग्रणी काम पर रहेगा! शांति।

     सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता अवतार सिंह रावत ने राम जेठमलानी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनको कानून जगत को धु्रवतारा बताया। श्री रावत ने कहा कि सात दशक तक भारत के कानून जगत को मजबूत दिशा देने वाले राम जेठमलानी कानूनविदों के लिए प्रेरणा के सदा स्रोत रहेंगे।

भारत के कानून जगत में छाये रहने वाले राम जेठमलानी  6ठी व 7वीं लोक सभा में वे भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर मुंबई से दो बार चुनाव जीते थे। बाद में अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में केन्द्रीय कानून मन्त्री व शहरी विकास मन्त्री रहे थे। परन्तु वे सदैव अपने स्वतंत्र विचारों के कारण कभी किसी दल की लक्ष्मण रेखाओं में बंधने वाले नहीं थे। एक विवादस्पद बयान के चलते उन्हें जब भाजपा से निकाल दिया था तो उन्होंने भाजपा के तत्कालीन शीर्ष नेता अटल बिहारी वाजपेयी के ही खिलाफ सन 2004 में लखनऊ लोकसभा सीट से ताल ठोक दी।  7 मई 2010 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का अध्यक्ष चुना गया था। 2010 में उन्हें फिर से भाजपा ने पार्टी में शामिल कर लिया था और राजस्थान से राज्य सभा का सांसद बनाया। राम जेठमलानी उच्च प्रोफाइल से सम्बन्धित मामलों के मुकदमे की पैरवी करने के कारण विवादास्पद रहे और उसके लिए उन्हें कई बार कड़ी आलोचना का सामना भी करना पड़ा था। यद्यपि वे उच्चतम न्यायालय के सबसे महँगे वकील थे इसके बावजूद उन्होंने कई मामलों में निशुल्क पैरवी की। इंदिरा गांधी के हत्यारों व एक आतंकी की पैरवी करने के कारण उनकी जननिंदा का सामना भी करना पड़ा। राजीव गांधी के प्रधानमंत्री कार्यकाल में उनके प्रधानमंत्री से पूछे सवाल भी पूरे देश में चर्चा में रहे। वहीं चंद्रशेखर के कार्यकाल में उनके इसी प्रकार से सवाल उठाने के कारण आक्रोश का सामना करना भी देश भर में चर्चा में रहे। मनमोहन सरकार के प्रखर विरोधी रहे जेठमलानी, नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के प्रखर समर्थक भी रहे। परन्तु प्रधानमंत्री मोदी के सत्तासीन होने के कुछ ही समय बाद उनका प्रधानमंत्री मोदी से भी मोह भंग हो गया था।

राम जेठमलानी का जन्म 14 सितम्बर 1923 को  भारत के सिंध प्रांत के शिकारपुर शहर में भूलचन्द गुरुमुखदास जेठमलानी व उनकी पत्नी पार्वती भूलचन्द के यहाँ हुआ था। सिन्धी प्रथानुसार पुत्र के साथ पिता का नाम भी आता है । इसी के अनरूप उनका पूरा नाम राम भूलचन्द जेठमलानी था। बचपन में उनके परिजन उनको राम के नमा से पुकारते थे। राम जेठमलानी  स्कूली शिक्षा के दौरान दो-दो क्लास एक साल में पास करने के कारण उन्होंने 13 साल की उम्र में मैट्रिक का इम्तिहान पास कर लिया और 17 साल की उम्र में ही एलएलबी  की डिग्री हासिल कर ली थी। उस समय वकालत की प्रैक्टिस करने के लिये 21 साल की उम्र जरूरी थी मगर जेठमलानी के लिये एक विशेष प्रस्ताव पास करके 18 साल की उम्र में प्रैक्टिस करने की इजाजत दी गयी। बाद में उन्होंने एससीसाहनी  कालेज कराची एलएलएम की डिग्री प्राप्त की। 18 साल से कुछ ही अधिक उम्र में राम जेठमलानी की  शादी पारम्परिक हिन्दू पद्धति से दुर्गा नाम की एक कन्या से कर दी गयी। 1947 में भारत-पाकिस्तान के बँटवारे से कुछ ही समय पूर्व उन्होंने रत्ना साहनी नाम की एक महिला वकील से दूसरा विवाह कर लिया। जेठमलानी के परिवार में उनकी दोनों पत्नियों से कुल चार बच्चे हैं-रानी, शोभा और महेश (दुर्गा) व  जनक  (रत्ना) है। राम जेठमलानी के निधन से देश के कानून जगत का एक चर्चित सितारा विराट शून्य में विलीन हो गया। 7 दशक तक कानून जगत में छाये रहने वाले राम जेठमलानी की विरासत उनके बेटे महेश जेठमलानी संभाल रहे हैं परन्तु राम जेठमलानी की रिक्तता देश के कानून जगत में लम्बे समय तक महसूस की जायेगी।

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