नई दिल्ली(प्याउ)। 11 अगस्त 2019 को उत्तराखंडी फिल्म “मेरु गौं” का दिल्ली के गढ़वाल भवन मे दिग्दर्शन गंगोत्री फिल्मस के बैनर तले अनुज जोशी कृत इस फिल्म की निर्मात्री कृष्णा गौड़ ने पहली बार उत्तराखंड के सबसे ज्वलंत सरोकारों का फिल्मांकन करने का साहस किया ।उत्तराखंड के सबसे गंभीर मुद्दे पलायन, राजधानी गैरसैण व जनसंख्या पर आधारित विधानसभा परिसीमन के साथ उत्तराखंडी बोली भाषा-संस्कृति के गंभीर सवालों को भी प्रमुखता से उठाया। परंतु उत्तराखंड की जन आकांक्षाओं शहीदों की शहादत,प्रदेश के चौमुखी विकास व देश की सुरक्षा के प्रतीक राजधानी गैरसैण के विराट स्वरूप को समझने में खुद फिल्म को दिशा देने वाली अनूप जोशी खुद असफल रहे ।जिससे जो सँदेश गैरसैण के मुद्दे पर दिया जा सकता था वह नहीं दे पाए। हां पहाड़ से हो रहे विनाशकारी पलायन को बखूबी से फिल्मांकन करने में सफल रहे। इसके साथ आने वाले समय में विधानसभाई सीटों के परिसीमन के दंश जेसे ज्वलंत मुद्दे से जनता को सजग करने का उन्होंने सराहनीय कार्य किया। कुल मिलाकर और फिल्म आम उत्तराखंडियों को झकझोरने वाली एक देखने योग्य फिल्म है। इस फिल्म में सभी मंझे हुए कलाकारों ने सराहनीय प्रदर्शन किया। फिल्म में गीत संगीत प्रसिद्ध संगीतकार संजय कुमोला दिया और गीत जितेंद्र पवार ने दिया ।फिल्म की दिग्दर्शन कार्यक्रम का संचालन रंगकर्मी अजय बिष्ट ने किया। फिल्म में देश के अनेक प्रतिष्ठित फिल्म समीक्षक,रंगकर्मी व पत्रकार उपस्थित थे। सभी समीक्षा ने मुक्त कंठ से फिल्म की प्रशंसा की।
इस फिल्म के दिगदर्शन में उतराखण्ड के मुख्यमंत्री के पूर्व सलाहकार हरिपाल रावत देश के विख्यात,फिल्म समीक्षकों, नाटय मंच के वरिष्ठ मर्मज्ञों व पत्रकारों के साथ बडी संख्या में रंगकर्मियों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। फिल्म को मजबूती देेने के लिए कांग्रेसी नेता हरिपाल रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार को इस प्रदेश के लिए समर्पित फिल्म को करमुक्त प्रदर्शन कराना चाहिए। वहीं सांसदों को अपने कोष से फिल्म निर्माता को सहयोग देना चाहिए। इसके अलावा श्री रावत ने कहा कि पूर्वोतर की तरह उतराखण्ड में भी छोटे छोटे सिनेमा घरों का निर्माण किया जाना चाहिए।