नोटबंदी के बाद उपग्रह भेदी मिसाइल के सफल परीक्षण का ऐलान कर फिर प्रधानमंत्री मोदी ने मचाई खलबली
नई दिल्ली (प्याउ)। अचानक देशवासियों को नोटबंदी की खबर देकर प्रधानमंत्री मोदी नेेे जहां पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था। आज जैसे ही 27 मार्च को प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीटर एकाउंटसे एक संदेश देशवासियों को दिया कि
आज सवेरे लगभग 11.45 – 12.00 बजे मैं एक महत्वपूर्ण संदेश लेकर आप के बीच आऊँगा।
प्रधानमंत्री के इस संदेश से पूरे देश में ंखलबली मच गयी। लोग कायश लगाने लगे कि प्रधानमंत्री क्या संदेश देंगे।
परन्तु प्रधानमंत्री द्वारा दिये नियत समय के 12 मिनट बितने के बाबजूद प्रधानमंत्री द्वारा संदेश न दिये जाने से लोगों में भारी उत्सुकता मच गयी।
समाचार चैनलों से लेकर राजनैतिक दलों सहित आम जागरूक लोगों ंमें भारी बैचेनी मची है। 12.28 बजे प्रधानमंत्री मोदी ने यह संदंेश दिया कि भारत अंतरिक्ष महाशक्ति बन गया है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने आज मिशन शक्ति को बहुत ही सफलता से पूरा करके भारत को विश्व की चैथी महाशक्ति बना दिया। देश के वैज्ञानिकों ने मात्र तीन मिनट में मिशन शक्ति को सफलता पूर्वक पूरा किया। लो अर्थ आॅर्बिट मिशन के तहत 300 किमी दूरी पर स्थित एक सेटलाइट को मार गिराया। भारत के रक्षा अनुसंधान संस्थान डीआरडीओ ने देश में निर्मित एक सेटलाइट मारक मिसाइल से 300 किमी दूरी पर स्थित सेटलाईट मार गिराया । इस मिशन की सफलता से भारत, अमेरिका, रूस व चीन के बाद विश्व में चैथी अंतरिक्ष महाशक्ति बना। प्रधानमंत्री ने कहा भारत की यह उपलब्धी पर देश के वैज्ञानिकों व देशवासियों को हार्दिक बधाई। इसके साथ प्रधानमंत्री ने विश्व को भी आश्वस्त किया कि भारत ने इस मिशन शक्ति की सफलता से भारत ने भले ही बडी उपलब्धी अर्जित की यह शांति के लिए होगा। किसी देश के खिलाफ नहीं है। यह अंतरिक्ष में भारत के विकास की दिशा में एक बहुत बडी उपलब्धी है। इससे अंतरिक्ष से भारत पर होने वाले परमाणु आदि हमले या उसके सूचना तंत्र के माध्यम को नष्ट करने की ताकत अर्जित कर दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने किसी अंतरराष्ट्रीय समझोते का उलंघन नहीं किया।
उपग्रह भेदी मिसाइल परीक्षण
भारत ने 27मार्च को दोहपर 12 बसे से पहले ओडिशा स्थित अब्दुल कलाम द्वीप से उपग्रह प्रक्षेपण स्थल से ‘मिशन शक्ति को अंजाम दिया गया। भारत ने उपग्रह भेदी मिसाइल ’(ए-सैट ) से इसी जनवरी 2019 मेें भेजे गये एक छोटा उपग्रह को मार गिराया गया। गौरतलब है कि उपग्रह भेदी मिसाइल परीक्षण में यह हमला लो अर्थ ऑर्बिट यानी पृथ्वी की निचली कक्षा (600 से 700 किमी ऊचाई तक )में स्थापित उपग्रह पर किया गया। इतनी ऊंचाई पर स्थित किसी उपग्रह पर प्रहार करना बेहद कठिन कार्य होता है। इतनी ऊंचाई पर बहुत तेजी से चल रहे उपग्रह को मार गिराना होता है। देश विदेश के सैकडों उपग्रह अंतरिक्ष में विद्यमान है। इस समय 102 उपग्रह भारत के ही है।
उपग्रह भेदी मिसाइल वाली .इस तकनीकि में दक्ष सभी तीनों देशों ंको भी इस महारथ हासिल करने में कई वर्ष लगे । भारत के वैज्ञानिकों ने 2012 में ही इस विद्या में दक्षता प्राप्त कर ली परन्तु राजनैतिक नेतृत्व की इजाजत न मिलने पर विश्व में अपना परचम नहीं लहरा पाये। अब मोदी सरकार ने भारतीय रक्षा अनुसंधान परिषद को इसकी इजाजत देने के बाद 2 साल से इस मिशन को 27 मार्च को पूरा किया गया।
उपग्रह भेदी मिसाइल परीक्षण से भारत विश्व का चैथा देश बन गया जिसके पास यह सामथ्र्य है। सबसे पहले 1958 में अमेरिका ने इस उपग्रह भेदी मिसाइल का सफल परीक्षण कर विश्व में सर्वप्रथम अपना परचम लहराया। उसके 6 साल बाद ही 1964 में सोवियत संघ ने यह परीक्षण किया तथा सोवियत संघ के विघटन के बाद रूस ने 2015 में अपनी इस सामथ्र्य का प्रदर्शन किया। इस सामथ्र्य से सम्पन्न तीसरे देश चीन ने 2007 में इसका सफल परीक्षण कर अपना परचम लहराया।
भारतीय रक्षा अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष जी. सतीश रेड्डी,ने इस स्वदेशी तकनीकी से बने उपग्रह भेदी मिसाइल दुनिया में जहां हमारी प्रतिभा, सामरिक शक्ति का परचम लहरायेगा वहीं यह एक प्रकार से देश को एक बडा सुरक्षा कवच साबित होगा।
उपग्रह भेदी मिसाइल की दक्षता प्राप्त होने से देश की सामरिक शक्ति में काफी बढोतरी हो जाती है। आज के जमाने में जहां पूरा तंत्र संचार से संचालित होता है। ऐसे में युद्ध के समय इस शक्ति से सम्पन्न होने से दुश्मन देश का पूरा संचार तंत्र नष्ट करके उसे पंगू बनाया जा सकता है। वही इस शक्ति से सम्पन्न होने से अंतरिक्ष में तैनात दुश्मन के हथियारों व संचार के उपग्रहों को नष्ट किया जा सकता है।
भविष्य में होने वाले युद्ध अंतरिक्ष व अत्याधुनिक तकनीकी रूप से लडे जायेंगे। भविष्य के साथ वर्तमान के युद्ध के दौरान उपग्रहों का प्रयोग अत्यन्त महत्वपूर्ण होता है। दुश्मन की इस तकनीक को तहस नहस करके दुश्मन को दुश्मन देश को जवाब देने के लिए इस तकनीक की जरूरत थी।. पाक व चीन के गठजोड के कारण भारत को इस शक्ति की नितांत जरूरत रही, जिसे पूरी करने में पूर्ववर्ती मनमोहन सरकार ने साहस नहीं दिखाया, उस साहस को दिखा कर मोदी सरकार ने देश को एक मजबूत सुरक्षा कवच देने का दायित्व निभाया। चुनावी दंगल के बीच इस उपलब्धी पर जहां भाजपा बाग बाग हो गयी। वहीं प्रधानमंत्री द्वारा अपनी सरकार की इस महत्वपूर्ण उपलब्धी का ऐलान चुनावी समर के बीच किये जाने से परेशान विरोधी भले ही वैज्ञानिको को बधाई देते नजर आये पर देश को इस शक्ति से सम्पन्न करने का साहस करने वाली मोदी सरकार को इसका श्रेय देने से बच कर अपनी झेंप बचाते नजर आये।
प्रधानमंत्री के इस संदेश सुनने के बाद राजनैतिक लोगों ने चैन की सांस लेते हुए चुनाव के समय प्रधानमंत्री द्वारा ऐसी जानकारी को स्वयं देने के बजाय डीआरडीओ या अंतरिक्ष संस्थान द्वारा दिया जाना चाहिए । परन्तु उन लोगों को गहरी निराशा हुई जो आशा करते थे कि प्रधानमंत्री देश हित में अपने महत्वपूर्ण संकल्प लेंगे।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री द्वारा संदेश देने का टवीट करने के बाद पूरे देश में खलबली मच गयी थी। लोग कई कयाश लगा रहे थे कि प्रधानमंत्री आज क्या ऐलान कर सकते है। प्रधानमंत्री के एक संदेश देने के ऐलान के तत्काल बाद प्यारा उतराखण्ड के सम्पादक देवसिंह रावत ने तत्काल प्रधानमंत्री के ट्वीटर पर ट्वीट कर यह लिखा की देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण संदेश निम्नलिखित है। श्री रावत ने ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री से प्रश्न किया कि क्या आप
देश आप से आशा कर रहा था कि आप देश को निम्नलिखित महत्वपूर्ण कार्य करने का संदेश देंगे।
मोदी जी क्या आप देश से अंग्रेजी व इंडिया की गुलामी से मुक्त करने का संकल्प लेंगे?
क्या आप भारत को आतंक से तबाह करने वाले पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करकेे सभी संबंध तोड़ने का ऐलान करेंगे?
क्या आप देश पर लगे गौहत्या व बाबरी कलंक से मुक्ति दिलाने का संकल्प लेंगे?
क्या आप देश में शिक्षा व चिकित्सा के निजीकरण पर प्रतिबंध लगाने का संकल्प लेंगेे?
क्या आप केवल चुनावी हित साधने का ऐलान करेंगे?
क्या प्रधानमंत्री मोदी देश की सुरक्षा पर मंडरा रहे खतरे से उबरने के लिए ं 30 साल के लिए आपातकाल लगाने का संदेश देशवासियों को देंगे?