आज महिलाओं की सुधर रही हालत देखकर मुझे भी हर्ष हो रहा है। कभी घर की चार दिवारी तक ही सीमित रहती थी। प्रायः उनको शिक्षा, रोजगार, राजनीति व समाजसेवा से दूर रखा जाता था। इस कारण करोड़ों प्रतिभायें इन बंदिशों के कारण जमीदोज हो जाती थी।
आज एकाद अपवाद छोड़कर देश सहित पूरे विश्व में महिलाओं को पहले की तुलना में काफी अधिक सकारात्मक सुधार हो रहा है। स्थितियों में काफी सुधार हो गया। हमारे सीमांत व दूरस्थ कोठुली क्षेत्र (चमोली/उत्तराखंड )के गांवों की अनैक बेटियाँ चिकित्सक(भट्टियाणा), अध्यापिकायें (चिरखून), सुरक्षा बलों (कोठुली), व शासन प्रशासन (सुनभी, सैंज,ग्वाड़, भुलकेणी, कोथरा, कोट, जाख पाट्टियों व कफातीर)देश व प्रदेश का नाम रौशन कर रहे है ।उन सभी बेटियों को भी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।