आतंक के समूल नाश के लिए पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करके सभी संबंध तोड़ कर निर्णायक प्रहार करे भारत
आखिर पाक मेें आतंकी ठिकानों पर हमले के बाद कम होने के बजाय बढ क्यों रहा है भारत में पाकिस्तानी आतंक?
आतंकी संगठनों व आतंकियों की गिरफ्तारी व प्रतिबंध केवल भारत सहित विश्व की आंखों में धूल झोंकना है, भारत गुनाहगारों को भारत को सोंपने की मांग करे
वागवीर नहीं कर्मवीरों से ही लगेगा आतंकी पाक पर अंकुश
नई दिल्ली (प्याउ)। भारत की जनता इस बात से हैरान है कि जैसे पाकिस्तानी आतंक के ठिकानों पर हमला कर करारा सबक सिखाने का दावा करता है तो उस आघात के बाद पाकिस्तान अपनी नापाक आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने के बजाय आतंकी पाकिस्तान भारत में और अधिक ताडबतोड़ आतंकी हमले करने लग जाता है।
आम जनता को समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर इस पाकिस्तान पर अंकुश कैसे लगाया जाय? आखिर भारत सरकार क्या करे की जिससे पाकिस्तान भारत की तरफ आंख उठाके देखने का साहस वर्षों तक न कर सके। क्यों आतंकी पाक के हुक्मरानों के दिलों दिमाग में परमाणु शक्ति सम्पन्न व विश्व की चैथी सबसे बडी सामरिक शक्ति सम्पन्न भारतीय सेना का खौप क्यों नहीं है?
हर देशभक्त भारतीयों के दिलो दिमाग में एक ही प्रश्न क्रोंध रहा है कि पाकिस्तानी आतंक की भट्टी में धधक रहे भारत को कैसे उबारा जाय? आखिर पाकिस्तान पर अंकुश कैसे लगाया जाय। इन्हीं प्रश्नों का स्थाई समाधान पर प्रकाश डालते हुए भारतीय सामरिक विशेषज्ञ व भारतीय मुक्ति सेना के प्रमुख देवसिंह रावत ने दो टूक शब्दों में कहा कि ें भारतीय हुक्मरान 4 दशक से पाकिस्तानी आतंक पर अंकुश लगाने में पूरी तरह से असफल रहे। भारतीय हुक्मरानों के मानसिक दिवालियापन व दिशाहीनता इसी बात से उजागर होती है कि जो पाकिस्तान संसद से लेकर मुम्बई, पठानकोट, उरी व पुलवामा में जघन्य आतंकी हमले करता है उस पाकिस्तान को भारतीय हुक्मरान सबसे मित्र राष्ट्र का दर्जा दे रहे है। पुलवामा हमले के बाद जब देश की जनता ने आक्रोशित हो कर निरंतर प्रश्न उठाये तब भारत सरकार ने आधे अधूरे मन से पाकिस्तान से केवल सबसे मित्र राष्ट्र का दर्जा ही हटाया। होना तो चाहिए था कि भारतीय हुक्मरानों ने तुरंत पाकिस्तान को आतंकी व दुश्मन देश घोषित करके उससे सभी प्रकार के संबंध तोड़कर उसको सामरिक व आर्थिक संस्थानों पर हमला कर उसकी कमर तोड़नी चाहिए। उसको सिंध व बलुचिस्तान आदि तीन टूकडों में ंविभाजित करना चाहिए। परंतु भारतीय हुक्मरान तो अमेरिका आदि देशों से फरियाद करते रहते कि पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित किया जाय। भारत सरकार को ऐलान करना चाहिए था कि पाकिस्तान आतंकी देश है। परन्तु भारतीय हुक्मरान यह कह रहे है ंकि हम तो आतंकी ठिकानों पर हमला कर रहे है पाकिस्तान पर नहीं। जबकि हकीकत यह है कि जैश ए मुहम्मद, तालिबान, अलबदर या मसूद या सईद इत्यादि तो केवल पाकिस्तान के प्यादे हैं असली सरगना पाकिस्तान है। जब तक आतंक की विष बेल पाकिस्तान को पूरी तरह से तबाह नहीं किया जायेगा तब तक भारत में पाक प्रायोजित आतंक का अंत होगा ऐसी कल्पना करना भी मूर्खता ही होगा। पाकिस्तान ही है जो भारत में आतकियों को आतंक फैलाने के लिए कश्मीर सहित पूरे देश में भेज रहा है। उनको हथियार व संसाधन दे रहा है। यही नहीं वह हुरिर्यत सहित पत्थरबाजों को संरक्षण देता है। भारत सरकार को कठोर कदम उठाने चाहिए। पाकिस्तान पर अंकुश लगाये बिना आतंक समाप्त किसी हालत में नहीं होगा। यह काम विश्व विरादरी नहीं खुद भारत को करना होगा। परन्तु दुर्भाग्य यह है भारतीय हुक्मरान देश के हितों से अधिक दलगत हितों व अपनी कुर्सी के लिए अधिक वरियता देते है। पाकिस्तान को अब अमेरिका अफगानिस्तान में सहयोगी बना कर तालिबान से ेसमझोता कर रहा है। ऐसे में पाकिस्तान जैश ए मुहम्मद के कुख्यात होने के बाद अब अलबदर आतंकी संगठन को कश्मीर में बढावा दे रहा है। ऐसे में भारत सरकार को छापामारी व हवाई हमलों के बाद और अधिक हमलावर बन कर पाकिस्तान पर कमर तोड हमला करना पडेगा। वहीं उसे
पत्थरबाजों व देशद्रोहियों को अंध पोषण करने वालों से शक्ति से निपटना पडेगा। इसके साथ गुनाहगारों पर कार्यवाही करने पर सेनिक को जेल से रिहा करना होगा। इसके साथ इस अनुकुल समय में धारा 370 व अनुच्छेद 35-ए को हटाने का काम करना चाहिए। देश के हुक्मरानों को एक बात समझ लेना चाहिए कि देश की रक्षा मात्र वागवीरों से नहीं जांबाज कर्मयोगियों जांबाजों से होती है।
इसके साथ भारत सरकार को आतंकी पाकिस्तान द्वारा भारत व दुनिया की आंखों में धूल झोंकने के लिए 5 मार्च को सईद व मसूद आदि आतंकी संगठनों पर ेलगाये गये प्रतिबंध व चंद आतंकियों की हुई गिरफ्तारी के झांसे मेें नहीं आना चाहिए। पाकिस्तान पुलवामा हमले के बाद भारत सहित सुरक्षा परिषद द्वारा पाकिस्तान में जैश ए मुहम्मद सहित तमाम आतंकी संगठनों के खिलाफ जो विश्व व्यापी माहौल बनाया उससे पाकिस्तान की रक्षा के लिए पाकिस्तान ने इन आतंकियों व उनके संगठनों पर अंकुश लगाने के लिए यह छदम कदम उठाये। यह कदम एक प्रकार से उनको ओसामा बिन लादेन जैसी सुविधा व सुरक्षा प्रदान करनी ही है। भारत को चाहिए कि वह केवल इन आतंकियों को भारत को सौंपने की पुरजोर मांग करनी चाहिए। पाक की जेलें तो आतंकियों के लिए सुरक्षित ऐशगाह ही है।
यह जगजाहिर है कि भारतीय हुक्मरानों की पाक से मित्रता परस्त नीति के कारण ही कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकियों के हमले में आये दिन भारतीय सैनिकों की शहादत से जहां माॅ भारती लहुलुहान हो रखी है। आतंकी पाकिस्तान ने भारत के सबसे बडे संस्थान संसद से लेकर आर्थिक राजधानी मुम्बई, वायुसेना अड्डे पठानकोट, उरी में सेना शिविर व पुलवामा में केसुब के काफिले पर जघन्य हमले कर भारतीय स्वाभिमान को खुली चुनौती दशको से दे रहा है। पर भारत सरकार ने 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में हुए जघन्य आतंकी हमले के बाद 26 फरवरी को 1971 के बाद पहली बार पाकिस्तान के अंदर घुस कर हमला कर उसके आतंकी अड्डो को तबाह किया। भारतीयों ने वर्तमान मोदी सरकार का दिल खोल कर सराहना की। देश भर में जश्न का माहौल रहा। रहता भी क्यों नहीं आतंकी पाक को चार पांच दशक से ऐसा करारा जवाब नहीं दिया गया। कारगिल भी भारतीय सीमा के अंदर हुआ। उल्लेखनीय है कि 26 मार्च को पुलवामा हमले की जिम्मेदारी लेने वाले पाकिस्तान के आतंकी संगठन ‘जैश ए मुहम्मद सहित अन्य आतंकियों को करारा सबक सिखाने के लिए भारतीय वायुसेना के जांबाज 12 मिराज 2000 विमानों ने पाकिस्तान में बालाकोट, मुजफराबाद चकोटी, गढी हब्बीबुल्लाह, खैबर सहित अनैक स्थानों पर हमला कर पूरी तरह तबाह कर 250 से अधिक आतंकियों को जमीदोज करने की साहसिक कार्य किया। इससे पहले भारत सरकार ने आतंकियों को खुला संरक्षण देने वाले पाकिस्तान से सबसे मित्र राष्ट्र का दर्जा हटा दिया। यही नहीं भारत की मोदी सरकार ने पाकिस्तान से आयात किये जाने वाली वस्तुओं पर 200 प्रतिशत कर लगा कर उसको करारा झटका दिया। इसके साथ जिस प्रकार से पुलवामा में हुए आतंकी हमले के खिलाफ सारी दुनिया ने कडी भत्र्सना की। अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, जापान व इजराइल सहित देशों ने आतंक के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान पर भारत का खुला समर्थन किया।
चीन को भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के जैश ए मुहम्मद का उल्लेख करने वाले निदा प्रस्ताव में सहमति देने के लिए मजबूर होना पडा।
इन सबके बाबजूद पाकिस्तान ने भारत में आतंकी घटनाओं पर तत्काल रोक लगाने के बजाय निरंतर भारतीय सीमा पर पाकिस्तानी सेना हमला करती रही। 28 फरवरी को पाकिस्तानी वायुसेना के 3 एफ-16 लडाकू विमान भारत पर हमला करने का असफल प्रयास करते। जिस भारतीय जांबाज वायु सेना ने विफल कर दिया। यही नहीं भारत के एक लडाकू मिग विमान पर सवार विंग कमांडर अभिनन्दन ने पाकिस्तान के लडाकू विमान एफ 16 को मार गिराया। हालांकि उनका विमान भी दुर्घटनाग्रस्त हो गया और वे पाक अधिकृत कश्मीर में पेरासूट के सहारे उतरे वहां पाक सेना ने उनको बंधक बना दिया। उसके बाद भारत सहित अंतरराष्ट्रीय दवाब के चलते पाकिस्तान ने दो दिन में ही बंदी बनाये विंग कमांडर अभिनन्दन को भारत को सौंप दिया। परन्तु पाकिस्तानी सेना इसके बाबजूद 100 से अधिक बार भारत पर अकारण गोलीबारी कर रही है। भारत के अनैक नागरिक व सैनिक इससे हताहत हो रहे है। यही नहीं पाकिस्तानी आतंकियों ने कश्मीर में आतंकी हमलों में भारतीय जांबाज निरंतर शहीद होते रहे। आतंकी 60 घण्टे लम्बी मुठभैड सेना से कर रहे है।