हरिपाल रावत को राष्ट्रीय स्तर पर नियुक्ति कराकर हरीश रावत ने दिया अपनी मजबूत पकड़ का परिचय
प्रदीप टम्टा व मनोज रावत के बाद हरिपाल रावत को कांग्रेस में हरीश रावत ने स्थापित करके किया समर्पित समाजसेवियों को राजनीति में स्थापित करने का सराहनीय कार्य
कांग्रेस द्वारा हरिपाल रावत को राष्ट्रीय संयुक्त सचिव व असम का सह प्रभारी बनाये जाने पर गढवाल भवन में आयोजित किया गया स्वागत सम्मारोह
नई दिल्ली(प्याउ)। उतराखण्ड राज्य गठन आंदोलन के शीर्ष आंदोलनकारी नेता हरिपाल रावत को इसी सप्ताह कांग्रेस आला कमान राहुल गांधी द्वारा राष्ट्रीय सचिव के साथ असम के सह प्रभारी बनाये जाने का उतराखण्डी समाज ने खुले दिल से स्वागत करते हुए 1 फरवरी को दिल्ली के गढवाल भवन में बडे उत्साह से स्वागत किया। कार्यक्रम में उतराखण्डी स्वर कोकिला मंगला रावत ने अपने मधुर गीतों से समारोह में इस अभिनन्द समारोह का आयोजन कांग्रेस के बैनर पर न हो कर हरिपाल रावत के मित्रों की तरफ से किया गया। आयोजक मंडल में वरिष्ठ आंदोलनकारी अनिल पंत, देवसिंह रावत, वरिष्ठ पत्रकार खुशहाल जीना, नंदन रावत, प्रेम शर्मा, हरीश प्रकाश, दिगमोहन नेगी, सुरेन्द्र हालसी, पंकज निगम, मोहन जोशी, अमर चंद ने सम्मारोह को सफल बनाने, अतिथियो का स्वागत करने में जुटे हुए थे। वहीं अभिनन्दन समारोह का संचालन रणवीर पुण्डीर ने किया।
भले ही इस अभिनन्दन समारोह में कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत व सांसद प्रदीप टम्टा सहित अनैक कांग्रेसी नेताओं ने सम्मलित हो कर हरिपाल रावत को राष्ट्रीय पदाधिकारी बनाये जाने पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का आभार प्रकट करते हुए हरिपाल रावत को पुष्पमाला पहना कर बधाई दी। वहीं इस समारोह में भाजपा, आम आदमी पार्टी, रालोद सहित अनैक दलों से जुडे वरिष्ठ उतराखण्ड समाजसेवियों ने दलगत राजनीति से उपर उठ कर इस सम्मारोह में भाग लेकर हरिपाल रावत को बधाई दी उससे हरिपाल रावत की समाज में स्वीकारोक्ति व मजबूत पकड़ का ही परिचय मिला। उल्लेखनीय है कि देश के सबसे प्रतिष्ठित समाचार पत्र दि हिंदू में कार्यरत रहे हरिपाल रावत दिल्ली में उतराखण्ड समाज के वरिष्ठ समाजसेवी है। वे उतराखण्ड राज्य आंदोलन के वरिष्ठ आंदोलनकारी संगठन ‘ उतराखण्ड महासभा के अध्यक्ष रहे। उतराखण्ड के हक हकूकों के लिए तीन दशक से अधिक समय से समर्पित रहे हरिपाल रावत का भाकपा के तमाम बडे नेताओं, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं व देश के छोटे राज्यों के गठन आंदोलनों के वरिष्ठ नेताओं से करीबी संबंध रहा। मृदु भाषी व समाजसेवा में समर्पित रहे हरिपाल रावत हरीश रावत के उतराखण्ड के मुख्यमंत्री रहते हुए उनके सबसे करीबी सिपाहेसलार व सलाहकार भी रहे। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस में सचिव रहे हरिपाल रावत पर उनके पिता जी कामरेड कल्याण सिंह रावत व वामपंथ का गहरा प्रभाव रहा। वे बचपन से वीर चंद्रसिंह गढवाली से लेकर हेमवती नंदन बहुगुणा सहित तमाम वरिष्ठ नेताओं के सम्पर्क में रहे। वर्तमान में वे हरीश रावत के सबसे विश्वसनीय सिपाहेसलार है। उनको राष्ट्रीय पदाधिकारी बनाने में हरीश रावत का महत्वपूर्ण योगदान है। हरिपाल रावत को राष्ट्रीय पदाधिकारी बना कर हरीश रावत ने उन लोगों का भी मुंह बंद कर दिया जो उन पर केवल अपने परिवार की राजनीति करने का आरोप लगाते है। प्रदीप टम्टा व मनोज रावत के बाद हरिपाल रावत जैसे समाज में समर्पित समाजसेवियों को कांग्रेस में स्थापित करके हरीश रावत ने प्रदेश व देश की राजनीति में केवल दागदार लोगों को संरक्षण देने के आरोपों को झूटलाने का ही काम किया।
1975 से ही उतराखण्ड राज्य गठन आंदोलन में समर्पित रहे हरिपाल रावत को कांग्रेस पार्टी द्वारा यह जिम्मेदारी दिये जाने से उत्साहित उतराखण्डी समाज ने दलगत राजनीति से उपर उठ कर खुले दिल से स्वागत किया। 1 फरवरी की सांयकाल दिल्ली में उतराखण्ड समाज की सामाजिक गतिविधियों के केन्द्र ‘गढवाल भवन’ मेें कार्य दिवस व ठण्ड को नजरांदाज करते हुए उतराखण्डी समाज के जागरूक समाजसेवियों, कलाकारों, पत्रकारों व राजनैतिक दलों से जुडे लोगों ने भारी संख्या में भाग लिया।
इस अभिनन्दन समारोह में भाग लेने वालों में आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता बचन सिंह धनोला, उतराखण्ड प्रकोष्ठ के कोषाध्यक्ष पंकज पैनूली, प्रताप थलवाल व आशा बराडा, भाजपा के आजाद नेगी, मोहन जोशी व लक्ष्मण आर्य तथा रालोद के दिल्ली प्रदेश महासचिव मनमोहन शाह आदि नेता सम्मलित हुए। विदेश व्यापार सेवा के पूर्व निदेशक महेश चंद्रा, पूर्व भविष्य निधि आयुक्त वी एन शर्मा आदि सम्मलित थे। वहीं कांग्रेस के प्रेमदत्त तिवारी, उमा जोश्ेाी, गजेन्द्र चैहान, प्रेम शर्मा, द्वारिका से बीएस नेगी, बीना बहुगुणा बछेती, समाजसेविका मोहनी रोतेला, प्रेमा धोनी, रेखा आर्य, मीनाक्षी गुप्ता आदि सम्मलित थी।
सामाजिक संगठनों में गढवाल हितैषिणी सभा के अध्यक्ष मोहब्बत सिंह राणा, उतराखण्ड समाज शालीमार बाग के अध्यक्ष रामप्रसाद भदूला व महासचिव प्रेम कुमाऊनी, गढ सलाण समिति, टिहरी उतरकाशी परिषद के अजय बिष्ट, फिल्म निर्माता महेश प्रकाश, नैनीडांडा विकास संघ नारायण सिंह गुसांई, पंचम रावत, डा आर एस बिष्ट,द्विवेदी, पूर्व सैनिक नंदन रावत, मोहन रावत, उतराखण्ड शिल्पकार चेतना मंच के हरीश प्रकाश, हरीश आर्य, सुरेश कोहली, प्रेम सिंह, उतराखण्ड राज्य गठन आंदोलन के वरिष्ठ आंदोलनकारी संगठनों में उतराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष खुशहाल सिंह बिष्ट, जनमोर्चा के अध्यक्ष दलवीर रावत, महासचिव प्रदीप वेदवाल, हीरो बिष्ट, ऊषा नेगी, उतराखण्ड महासभा के कर्ण बुटोला, रामेश्वर गौस्वामी, रवीन्द्र चैहान, किशोर रावत, उमेश रावत, पदम सिंह बिष्ट, सहित अनैक प्रतिष्ठित लोग आदि उपस्थित थे।
उतराखण्ड के दिल्ली में समर्पित पत्रकार सुनील नेगी, संयोगिता ध्यानी, रामप्रसाद ध्यानी, साहित्यकार रमेश हितैषी, ओम प्रकाश, द्वारिका प्रसाद चमोली आदि उपस्थित रहे।इस समारोह में दलगत राजनीति से उपर उठ कर बडी संख्या में उपस्थिती से साफ हो गया कि अब उतराखण्ड समाज अपने हक हकूकों के प्रति जागरूक हो गया है और वह दल के बंधुआ मजदूर बनने के बजाय वह अब अन्य समाजों की तरह राजनैतिक रूप से एक जागरूक समाज बन गया है। जो अपने समाज के समर्पित समाजसेवियों को हर दल में मजबूत देखना चाहता है।