सरकारी ई-बाजार (जीईएम) तथा औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) स्टार्ट-अप्स के लिए एक पीओसी सीमा विकसित करने की प्रक्रिया में है और वह जल्दी ही स्टार्ट-अप्स को जीईएम प्लेटफॉर्म पर लाने में सक्षम होगी। यह देश में सरकारी बाजार तक पहुंच के लिए स्टार्ट-अप्स का लांच पैड होगा और उन्हें जीईएम प्लेटफॉर्म पर वस्तुएं बेचने का एक अवसर देगा। सरकारी उपयोगकर्ता पर स्टार्ट-अप्स द्वारा दिए गए नवाचार उत्पादों और सेवाओं का प्रयोग के आधार पूर्व परीक्षण कर सकेंगे और उसके बाद फीडबैक देंगे।
चूंकि स्टार्ट-अप्स उत्पाद और सेवाएं नवप्रवर्तनशील है और उनकी तुलना इस तरह के उत्पादों और सेवाएं से नहीं की जा सकती, कोई भी खरीदार इनका तीन महीने उपयोग कर सकता है और इसके बाद वह स्पष्ट करेगा कि यह उत्पाद उपयोगी है और इसके दाम मुनासिब है। इस उपयोगकर्ता प्रमाणपत्र के आधार पर उत्पाद अथवा सेवा को जीईएम में सूचीबद्ध किया जाएगा।
जीईएम सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की अधिकतम संख्या को प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए एक मिशन मोड में काम कर रहा है। एमएसएमई सहायता और कार्यक्रम की पहुंच के लिए यह जीईएम की पहल है जो 100 जिलों को शामिल कर 100 दिनों के लिए चल रही है। इस कार्यक्रम की शुरूआत एमएसएमई की सहायता के लिए राष्ट्रीय मिशन के रूप में नवंबर, 2018 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई थी।
देश के 77 जिलों में जीईएम इस मिशन का हिस्सा है और 100 दिन के मिशन के आधे रास्ते पर, जीईएम प्लेटफॉर्म पर 26 प्रतिशत वेंडर एमएसएमई क्षेत्र से हैं और जीईएम प्लेटफॉर्म पर एमएसएमई के 781 पंजीकरण पूरे किए जा चुके हैं।
जीईएम के जरिए अपनी जरूरत के मुताबिक खरीद कर रहे 170 सीपीएसई द्वारा की गई एक लाख करोड़ की सीपीएसई खरीद में से 25 प्रतिशत एमएसएमई से है।
बड़ी संख्या में जीईएम प्लेटफॉर्म पर लाने के उद्देश्य से एमएसएमई को प्रोत्साहन और सहायता देने के लिए, बिल पर छूट देने संबंधी सेवा, टीआरईडी के जरिए जीईएम पर एमएसएमई के लिए ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है जिसे उत्पादों के पहले और बाद में पोत पर लदान के लिए सिडबी से सहायता मिल रही है। छोटे उद्यम भुगतान में देरी से निपटने में कठिनाई महसूस करते हैं, जीईएम यह सुनिश्चित कर रहा है कि इस मुद्दे को एमएसएमई के लिए सुलझा दिया जाए जो अब टीआरईडी सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। साथ ही कुछ उत्पादों को जीईएम पर एमएसएमई के लिए रिजर्व कर दिया है। जीईएम 13 भाषाओँ में विशिष्ट रूप से निर्मित प्रशिक्षण मॉडयूल देने की भी पेशकश करता है ताकि इन्हें प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत किया जा सके।
जीईएम अब सेवा क्षेत्र पर विशेष ध्यान दे रहा है जिसे इस वर्ष केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा चैंपियन क्षेत्र के रूप में घोषित किया जा चुका है। परिवहन, निरीक्षण, वेबकास्टिंग और विश्लेषण सेवाओं का लाभ सरकारी विभागों द्वारा जीईएम के जरिए उठाया जा सकता है।
जीईएम प्लेटफॉर्म पर उपयोगकर्ताओं के लिए उत्पाद को पट्टे पर देने की सुविधा भी उपलब्ध है। जीईएम प्लेटफॉर्म के जरिए 33 सेवाएं जैसे क्लाउड, कैब सेवा, एचआर हायरिंग, सफाई और सुरक्षा लीज़ पर देने के लिए उपलब्ध हैं।
उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए जीईएम सरकारी विभागों के लिए क्यूसीबीएस आधारित खरीद की पेशकश भी कर रहा है।
स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवश्यक जीईएम चिकित्सा उपकरणों पर हाल ही में संपन्न राष्ट्रीय मिशन में इन्हें प्लेटफॉर्म पर लाया गया है। जीईएम पर चिकित्सा उपकरणों की खरीद के लिए जैव प्रोद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत कलाम इंस्टीट्यूट ऑफ हैल्थ टेक्नोलॉजी, विशाखापट्टनम के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
जीईएम प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल विश्व बैंक की 50,000 अमेरिकी डॉलर तक की परियोजनाओं का आर्डर देने के लिए किया जा रहा है।
जीईएम पर राष्ट्रीय मिशन (एनएमजी) की शुरूआत केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने 5 सितंबर, 2018 को की थी ताकि प्रमुख केन्द्रीय मंत्रालयों, राज्यों और संघ शासित प्रदेशों तथा सीपीएसयू और पीएसयू सहित उनकी एजेंसियों द्वारा जीईएम को तेजी से अपनाकर उसका इस्तेमाल किया जा सके।
इस प्लेटफॉर्म को बनाने का उद्देश्य है :
सार्वजनिक खरीद में समग्रता, पारदर्शिता और प्रभावोत्पादकता को बढ़ावा देना, कैशलेस, संपर्क रहित और कागज रहित लेनदेन करना, संपूर्ण प्रभावोत्पादकता को बढ़ाना ताकि खरीद में सरकारी खर्च पर पर्याप्त बचत हो सके और सरकारी खरीदारों द्वारा खरीदे जाने वाले सभी प्रकार के उत्पादों और सेवाओं की आसानी से उपलब्धता रहे।