हार के बाद भी मोदी के लिए वरदान साबित हुआ 5 राज्यों का चुनाव परिणाम
चुनाव परिणामों के बाद नहीं होगा चुनाव मशीनों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन
चुनाव परिणाम से तार तार हुई मोदी शाह की अजेय छवि
भाजपा को इन पांच राज्यों में 35 लोकसभा सीटों का नुकसान होने की आशंका
प्यारा उतराखण्ड डाट काम
11 दिसम्बर को मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलांगना, छत्तीसगढ़ व मिजोरम यानी 5 राज्यों की विधानसभा चुनाव के परिणामों से भले ही भाजपा के लिए वेहद निराशाजनक रहा हो। छत्तीसगढ़, राजस्थान हार से भाजपाई सदमें में है। मध्य प्रदेश में किसी तरह लाज बची। वहीं तेलांगना में तेलांगना राष्ट्रीय समिति ने तीन चैथाई सीटों को जीत कर कांग्रेस हो हाशिये में धकेल दिया है। वहीं मिजोरम में एमएनएफ गठबंधन की जीतकर कांग्रेस से यह राज्य छीन लिया है।
5 राज्यों की विधानसभा चुनाव परिणाम
राजस्थान विस का चुनाव परिणाम
राज्य कुल सीटे-199, भाजपा(73), कांग्रेस(100 ) अन्य(27)
मध्य प्रदेश विस का चुनाव परिणाम
राज्य कुल सीटे -230, भाजपा-108, कांग्रेस-113, अन्य -9
छत्तीसगढ का चुनाव परिणाम
राज्य कुल सीटे -90, भाजपा-16, कांग्रेस-68, अन्य-6
तेलांगाना का चुनाव परिणाम 119
राज्य कुल सीटे तेरास-95, कांग्रेस-21, अन्य-3
मिजोरम का चुनाव परिणाम
राज्य कुल सीटे – 40 एमएनएफ-26 कांग्रेस-5 अन्य-9
कांग्रेसी इन चुनाव परिणामों से झूम रहे है। मिठ्ठाईयां बांटी जा रही है, पटाखों के धमाको के साथ कांग्रेसी अपनी खुशियों का इजहार कर रहे है। कांग्रेसी इन चुनाव परिणामों को प्रधानमंत्री मोदी की हार और राहुल गांधी की जीत बताने में लगे है। भले ही सरकार जोड़ तोड़ से कोई भी बना ले। पर हकीकत यह है कि इन 5 राज्यों का परिणाम आगामी 2019 के लोकसभा चुनाव की दृष्टि से मोदी के साथ राहुल गांधी के लिए भी बरदान साबित होंगे।
जिस प्रकार से मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ तीनों राज्यों में भाजपा को मिली करारी मात मिली। वह भाजपा के लिए बडे खतरे की घण्टी है। परन्तु यह भाजपा खासकर मोदी के लिए किसी बरदान से कम नहीं है। जिस प्रकार से जनादेश मिलने के बाद मोदी सरकार ने भाजपा के आदर्शों व चुनावी वादों को जमीदोज करके भाषणवाजी व विकास के जुमलों से जनता की आशाओं पर बज्रपात किया। नोटबंदी व जीएसटी नामक जेटली के टोटकों पर अंध विश्वास करके मोदी राज से आम जनता खासकर मोदी को ताजपोशी करने वालों को गहरा झटका लगा। भले ही मध्य प्रदेश में किसी तरह लाज बची पर यहां पर भाजपा को यहां दिन में तारे दिखाई दिये। समर्थकों का यह यह झटका भाजपा ने इन पांच विधानसभा चुनाव में महसूस किया।मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा को राजस्थान, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ में कडी चुनौती मिली उससे भाजपा को आगामी 2019 लोकसभा चुनाव के लिए एक खतरे की घंटी से कम नहीं है। यह एक प्रकार से भाजपा के खिलाफ जनाक्रोश है। भले ही सरकार गोवा की तर्ज पर भाजपा बना ले या कोशिश करे परन्तु यह जनता का विरोध मत है।
यह एक प्रकार से यह मोदी सरकार के लिए जनता की एक चेतावनी ही है। मोदी के लिए यह अवसर है कि जो भी समय उनके पास लोकसभा चुनाव होने से पहले है उसमें वह जनभावनाओं को सम्मान करते हुए मंहगाई, भ्रष्टाचार, व आतंक पर अंकुश लगाकर रोजगार प्रदान करते हुए देश में सुशासन का राज स्थापित करके श्रीराम जन्मभूमि निर्माण, अंग्रेजी की गुलामी से मुक्ति प्रदान करना, धारा 370 को हटाना, आतंकी पाक पर अंकुश लगाने व गो हत्या पर प्रतिबंध लगाने का काम कर अपनी स्थिति मजबूत करेंगे। यह ठोकर एक प्रकार से भाजपा व मोदी के लिए एक जीवनदायनी अवसर है। अगर इस ठोकर से मोदी ने सबक लिया तो वह 2019 लोकसभा चुनाव के लिए एक प्रकार से बरदान ही साबित होगा।
इन पांच राज्यों के चुनाव परिणाम भले ही भाजपा के लिए सुखद नहीं रहे। परन्तु छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में हारना भी मोदी व भाजपा के लिए इसलिए भी बरदान साबित होगा कि इन चुनावों के परिणामों के बाद देश में चुनावी मशीन के खिलाफ राष्ट्रव्यापी अभियान नहीं होंगे। अगर भाजपा इन तीन राज्यों में एक तरफा जीतती तो कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष इसे चुनावी मशीनों में छेडछाड़ का आरोप लगा कर मतदान पत्र से चुनाव कराने का अभियान छेड़ते। जो भाजपा की आशाओं पर बज्रपात करने वाली घटना होगी। अगर देश में चुनावी मशीनो के खिलाफ व्यापक जनांदोलन होता तो यह भाजपा के 2019 के चुनावी समर पर ग्रहण लगाने वाला ही साबित होगा।
वहीं जहां तक कांग्रेस व राहुल गांधी का सवाल है कि यह 5 विधानसभा के चुनाव एक प्रकार से बरदान ही साबित हुए। वह भाजपा के तीन अभेद किलों (राजस्थान, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ)को भेदने का काम किया, खासकर छत्तीसगढ़ में भाजपा का सुफडा ही साफ करने का काम किया। वह देश में राहुल गांधी को भाजपा द्वारा पप्पू बता कर अयोग्य बताने वाले बादलों को छटने वाला साबित होगा। देश खासकर देश की राजनीति में राहुल गांधी का स्वीकारोक्ति बढ़ेगी। आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नये जोश व खरोस के साथ मोदी को कडी दक्कर देने में सक्षम रहेगी। राहुल गांधी के नेतृत्व में इन पांच राज्यों के चुनाव में मोदी व शाह की अजेय छवि को गहरा झटका लगा। इन 5 चुनावों ंसे साफ हो गया कि मोदी को हराया जा सकता है अगर विपक्षी दल एकजूट हो कर साथ दें तो मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा को पराजित किया जा सकता।
इन पांच राज्यों के 83 लोकसभा सीटों पर 2014 के लोकसभा चुनाव के हिसाब से भाजपा के पास 63, कांग्रेस के पास 6 व अन्य के पास 14 है। इन पांच राज्यों के चुनाव से साफ है कि इन राज्यों में 83 लोकसभा सीटों के हिसाब से 28 भाजपा 38 कांग्रेस व 17 अन्य के पक्ष में दिख रहा है। इस प्रकार भाजपा को इन पांच राज्यों में 35 सीटों का नुकसान होने की आशंका है।
मतगणना से पहले इन पांच राज्यों में हुए चुनाव में मतगणना के बाद किये गये खबरिया चैनलों ने आंकलन के तहत राजस्थान में कांग्रेस, मध्य प्रदेश में कांग्रेस बढत में, तेलांगना में तेरास, छत्तीसगढ में कांग्रेस व मिजोरम में एमएनएफ के सत्तारूढ होने का ऐलान कर दिया था।गौरतलब है कि इन पांच राज्यों में राजस्थान 200/199, मध्यप्रदेश 230, तेलांगाना 119, छत्तीसगढ 90 व मिजोरम 40 सीटों पर हुए मतदान की मतगणना हुई। चुनाव परिणामों ने भी सर्वेक्षणों के आंकलनों पर ही मुहर लगा रही है।
उल्लेखनीय है कि जिस प्रकार से मोदी व शाह के नेतृत्व में भाजपा ने देश के आधे से अधिकांश 19 राज्यों में सत्ता पर काबिज हो गये। भाजपा हर चुनाव मोदी शाह की युगल जोड़ी की सरपरस्ती में मजबूती से लड रही है। कांग्रेस सहित विरोधी दल सत्तारूढ भाजपा पर मतगणना मशीन से छेडछाड से आशंकित है। जो इन पांच राज्यों के
परन्तु देश के इन चुनावी आंकलनों के बाजीगरों से कहीं अधिक विश्वसनीय मानी जाती है देश का कुख्यात व गैरकानूनी धंधा स्टोरियों यानी सट्टेबाजों का धंधा का बहुत ही विश्वसनीय माना जाता है।चुनावों के समय अधिकांश राजनैतिक दल ही नहीं समाचार जगत भी सट्टेबाजों के धंधे के चुनावी सट्टेबाजी के आंकलनों को अधिक विश्वसनीय मानता है।
चुनाव परिणाम आने से पहले ही इन 5 राज्यों के चुनाव के परिणामों के बारे में सट्टेबाजी के धंधे में राजस्थान में कांग्रेस की ताजपोशी का ऐलान कर दिया। राजस्थान के कुख्यात व गैरकानूनी सट्टेबाजों के धंधे के अनुसार जो खबरे छन कर आ रही है उसके अनुसार 199 सीटों में से राजस्थान में कांग्रेस प्रदेश में 112 से 125सीटे मिल सकती है।
भले ही वसुंधरा मतगणना के समय मंदिर में जा कर मतगणना के समय पूजा अर्चना कर रही थी परन्तु सट्टेबाजों ने भाजपा को 75 से 80 सीटें की दे रही है। खबरों ंके अनुसार सट्टेबाज पूरे विश्वास से कहते हैं कि केवल उप्र विधानसभा चुनाव परिणामों के अलावा सट्टेबाजी का आंकलन पूरी तरह से सटीक रहा। सट्टेबाजार में राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में गहलोत पर दाव लगाया जा रहा था। चुनाव परिणामों से सबक लेते हुए जहां भाजपा को जनांकांक्षाओं व अपने चुनावी वादों की सुध लेने के लिए मजबूर होना पडेगा वहीं कांग्रेस को भाजपा के साथ अपनी खुद की असफलता से सबक लेकर आगामी लोकसभा चुनाव में मजबूत उम्मीदवारों का चयन करके देशहित व जनहित के लिए खुद को समर्पित करना पडेगा।