लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड में पहली बार आयोजित हुई कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन(CPA) की बैठक
बैठक में नदियों की स्वच्छता एवं विकास विषय पर चर्चा में जल संरक्षण को लेकर ठोस नीति बनाने पर बल दिया।
पिछले वर्ष सरकार ने 40 करोड़ लीटर जलसंचय किया,
इस वर्ष 70 करोड़ लीटर जलसंचय का लक्ष्य रखा गया है।
रिस्पना और कोसी नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए 3.5 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है।
उत्तराखण्ड में पहली बार आयोजित कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन(सी.पी.ए.) इण्डिया रीजन, जोनल-01 की बैठक आईएसबीटी स्थित एक स्थानीय होटल में आयोजित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन ने की।
इस अवसर पर सीपीए अध्यक्ष व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने उत्तराखण्ड विधानसभा अध्यक्ष को अध्यक्षीय शोध कदम के तहत उत्तराखण्ड में कुछ नये कार्यों को करने पर बधाई दी। उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर विचार रखते हुए कहा कि महिलाओं को देश के विकास के लिए आगे आना होगा। प्रत्येक राज्य की विधानसभा मे कुछ एक्सपर्ट्स लोगों को बुलाकर किसी एक मुद्दे को लेकर कृषि, उद्योग एवं अन्य विषयों पर चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश एक दूसरे से कैसे जुड़े और विकास की बात हो इन सब बातों को लेकर ही जोन वाइज बैठकों का आयोजन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बैठक में नदियों की स्वच्छता एवं विकास विषय पर चर्चा के दौरान कहा कि जल संरक्षण को लेकर ठोस नीति बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वर्षा के जल का संचय करना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। पिछले वर्ष ट्रेंचेज बनाकर 40 करोड़ लीटर जल का संरक्षण किया गया। जबकि इस वर्ष 70 करोड़ लीटर जल संरक्षण करने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने रिस्पना और कोसी नदी को पुनर्जीवित करने के लिए 3.5 लाख वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा है। हरेला पर्व के अवसर पर रिस्पना के किनारे 2.5 लाख वृक्ष लगाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि यह कार्य जन सहयोग से किया जायेगा। इसके लिए रिस्पना नदी को अलग-अलग जोन में बाँटा गया है।