देश

दिल्ली पुलिस आयुक्त व संयुक्त आयुक्त से 8 मार्च को मिला सांसद प्रदीप टम्टा व सांसद महेन्द्र महरा के नेतृत्व में एक शिष्टमण्डल

भारी जनदवाब के बाद बुराडी में महिलाओं से मारपीट करने वाले सभी आरोपी  गिरफ्तार

 

दिल्ली पुलिस के केन्द्रीय संयुक्त आयुक्त खुराना द्वारा कड़ी फटकार के बाद  पुलिस ने आनन फानन में दबोचे  आरोपी
पीड़ितों को धमकाने से लोगों का मनोबल बनाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने  किया बुराड़ी का दौरा, दिल्ली पुलिस आयुक्त से की बात,
2 मार्च को बुराड़ी के प्रधान एन्कलेव में सरेआम महिलाओं से मारपीट, कपडे फाडने व बचाव में आये लोगों पर जानलेवा हमला

 

दलगत राजनीति व क्षेत्रवाद से हटकर बुराड़ी की जनता ने एकजूट होकर छेडा न्याय व अपराध मुक्त को आंदोलन

प्यारा उत्तराखण्ड डाट काम
भारी जनदवाब के बाद दिल्ली पुलिस ने 6 मार्च की सांय बुराड़ी के प्रधान एन्कलेव में महिलाओं के साथ मारपीट व कपडे फाडने का कृत्य करने वाले 6 नामजद गुनाहगारों को गिरफ्तार कर ही लिया। इनको छुडाने के लिए आरोपी पक्ष के वकीलों की भारी फोज लगाने के बाबजूद 7 मार्च तक तीस हजारी न्यायालय से इन आरोपियों को जमानत नहीं मिली।

वहीं 8 मार्च को सांसद प्रदीप टम्टा व सांसद महेन्द्र महरा के नेतृत्व में एक दस सदस्यीय शिश्टमण्डल महिला दिवस के दिन  दिल्ली पुलिस आयुक्त व संयुक्त आयुक्त से मिला। इस मुलाकात में दिल्ली पुलिस प्रमुख ने शिष्टमण्डल को भरोसा दिया कि महिलाओं से मारपीट करने वाले  आरोपियों को कानून कड़ी सजा देगा और पीड़ित पक्ष को सुरक्षा देगा। हर प्रकार की गुंडागर्दी पर मजबूती से अंकुश लगाया जायेगा। इस शिष्टमण्डल में सांसद प्रदीप टम्टा व सांसद महेन्द्र महरा के अलावा पीड़ित परिवार की महिलायें,क्षेत्र के गणमान्य लोग के अलावा पूर्व दर्जाधारी धीरेन्द्र प्रताप, डा विनोद बछेती, अनिल पंत, शशिमोहन कोटनाला, निशांत रौथान, देवसिंह रावत व नंदन सिंह रावत आदि सम्मलित थे। 

गौरलतब है कि 3 मार्च की सांयकाल 6 बजे दिल्ली के बुराडी के  विजय चैक (प्रधान इन्क्लेब शुक्र बाजार रोड) पर हजारों लोग एकजूट  हो कर प्रधान इन्कलेव के गुनाहगारों को गिरफ्तार न करने से आहत होकर बुराडी में व्यापक जनांदोलन छेडने का संकल्प लिया। लोग इस बात से हैरान थे कि 2 मार्च को प्रधान एन्कलेव में कानून व्यवस्था को धत्ता बता कर मानवता को शर्मसार करने वाले हैवानों ने जिस प्रकार से महिलाओं से मारपीट की और महिलाओं को बचाने के लिए आगे आये आम लोगों के साथ मारपीट  कर खुलेआम गुंडागर्दी की। उनके खिलाफ जनता ने बुराड़ी में पुलिस के पास प्राथमिकी भी दर्ज करा दी। इसके बाबजूद 24 घण्टे बीत जाने के बाबजूद क्षेत्र में सरेआम घुम रहे इन 6 आरोपियों को दिल्ली पुलिस पकड़ नहीं रही थी । दिल्ली पुलिस के केन्द्रीय संयुक्त आयुक्त से बात करने वाले शिष्टमण्डल में डा विनोद बछेती, अनिल पंत, गंभीर सिंह नेगी व देवसिंह रावत प्रमुख थे। बुराड़ी से इस मामले में सहायक उपायुक्त से न्याय की गुहार लगाने के लिए निशांत रौथाण, शशि मोहन कोटनाला, राहुल सत्ती, देव सौटियाल, पार्षद कौस्तुबा नंद बलोदी आदि सम्मलित थे।
बुराड़ी में एकता मंच के तमाम कार्यकत्र्ताओं के साथ सभी समाज के लोग प्रमुखता से इस न्याय की यात्रा में साथ दे रहे है। इस प्रकरण पर डा विनोद बछेती ने केन्द्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा से सम्पर्क किया। केन्द्रीय मंत्री अजय टम्टा ने सहायक उपायुक्त से बात की। पुलिस अधिकारी ने मंत्री को आश्वासन दिया कि वे इस मामले में आरोपियों को गिरफ्तार करेंगे। इसके बाद भी पीड़ित पक्ष पर दवाब डालने के लिए गुनाहगारों के पेरोकार निरंतर दवाब डाल कर धमकाते रहे। हालांकि आरोपी निरंतर सभी प्रकार के आरोपों को नकारते रहे परन्तु घटना के समय वहां पर बनायी गयी अनैक विडियों होने के कारण, पुलिस को भारी जनदवाब के कारण सभी आरोपियों को गिरफ्तार करना पडा। इस घटना की जानकारी 6 मार्च को जब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को बुराड़ी क्षेत्र से आये समाजसेवी शशि मोहन कोटनाला, अनिल पंत, राहुल सत्ती, देव सौंटियाल व देवसिंह रावत ने दी, तो मुख्यमंत्री हरीश रावत ने तत्काल दिल्ली पुलिस आयुक्त से इस घटना के बारे में बताते हुए सभी नामजद आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने भी दिल्ली पुलिस आयुक्त से षिकायत की।
इसके बाद बुराड़ी से आये शिश्ट मण्डल ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को पीड़ित परिवार व आरोपियों द्वारा धमकाने से सहमें लोगों का मनोबल बनाने के लिए क्षेत्र का दौरा करने की मांग की। जिसको तुरंत स्वीकार करते हुए 7 मार्च की दोहपर को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, अपने सलाहकार हरिपाल रावत, अनिल पंत, देवसिंह रावत, नंदन रावत व पटवाल को लेकर बुराड़ी पंहुचे। वहां पीड़ित परिवार से सम्पर्क करने के बाद वहां पर उपस्थित बडी संख्या में आये उत्तराखण्डी समाज के लोगों को संबोधित कर आश्वासन दिया कि आरोपियों को हर हाल में कानून सजा देगा। इस अवसर पर श्री रावत ने स्थानीय लोगों व समाज को मिलजुल कर साथ रहने का भी आवाहन किया। इस अवसर पर बुराड़ी क्षेत्र के थानाप्रमुख को भी श्री रावत ने दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग की। इस अवसर पर थाना प्रमुख ने बताया कि सभी नामजद आरोपी 6 मार्च को ही गिरफ्तार किये जा चूके है। वह तुरंत दोनों पक्षों के बीच सुलह करने के प्रयास भी कर रहे है।
बुराड़ी क्षेत्र की पुलिस के ढुलमुल रवैये से आहत हो कर पीडिताओं को न्याय दो व गुनाहगारों को सजा दो के मिशन के तहत उत्तराखण्ड एकता मंच ने इस प्रकरण के खिलाफ दोषियों को दण्डित कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलवाने के लिए मातृशक्ति के साथ हर समाज वर्ग ने दलगत राजनीति व क्षेत्रवाद से उपर उठकर भाग लिया ।

जिसमें सभी ने न्याय मिलने तक इस मुहिम को जारी रखने का संकल्प लिया इसमें समाज सेवी बिनोद बिष्ट, गजेन्द्र चैहान, अनिल पंत, इंजीनियर गणेश चंद्रा ,गढवाल हितैषिणी सभा के पूर्व अध्यक्ष गंभीर सिंह नेगी व विनोद बछेती  ने भी सम्मलित हो मुहिम में साथ रहने का संकल्प लिया। इस बैठक में थाना प्रभारी, विधायक संजीव झा व पार्षद कौस्तुबानंद बलोदी,ने संबोधित कर अपनी अपनी तरफ से न्याय दिलवाने का वचन दिया । इस बैठक में बडी संख्या में महिलाओं ंके साथ युवाओं व हर समाज के प्रतिष्ठित समाजसेवियों ने भी भाग लिया।
इस गुण्डागर्दी व दिल्ली पुलिस की अपराधियों को संरक्षण देने वाली प्रवृति आक्रोशित बुराड़ी क्षेत्र के युवा समाजसेवी निशांत रौथान ने बुराड़ी की आम जनता से आवाहन किया कि अब गुंडागर्दी को जड़ से खत्म करने के लिए आगे आयें।
वहीं फेसबुक पर इस प्रकरण पर अपना आक्रोश प्रकट करते हुए कृपाल दत्त उप्रेती ने इसे बेहद शर्मनाक घटना बतायी। उन्होने कहा कि  बुराड़ी जैसे क्षेत्र में महिलाओं को बेइज्जत कर मारपीट की गयी।  उन्होने क्षेत्र के विधायक बलोदी को इस प्रकरण पर अपनी जिम्मेदारी निभाने का आवाहन किया। वहीं उन्होने साफ षब्दों में लिखा कि यह घटना के पीछे  रेत माफिया व पुलिस की मिलीभगत से हुआ है। इनके अवैध धन्धों व गुण्डागर्दी पर अंकुष लगाना चाहिए। भविष्य में कोई भी किसी भी आम नागरिक व उसके परिवार के साथ ऐसी गुण्डागर्दी करने की हिम्मत न जुटा पाये।
इस प्रकरण से आहत क्षेत्र के समाजसेवी व गायक राहुल सत्ती ने कहा कि यह जघन्य घटना है। परन्तु अफसोस है कि क्षेत्र में ऐसे जघन्य कृत्य किया। इस प्रकरण के दोषियों को हर हाल में पुलिस को गिरफ्तार करना होगा।
इस प्रकरण पर बुराडी की सभा में सम्मलित हुए पत्रकार अनिल पंत ने अफसोस प्रकट करते हुए कहा कि ऐसे अपराधियों को घटना के तुरंत बाद गिरफ्तार करने के बजाय पुलिस उनको 36 घण्टे बाद गिरफ्तार करने में नाकाम रही। इस प्रकरण पर बुराडी क्षेत्र की आम अमन परस्त जनता को आगे आना होगा तभी अपराधियों को संरक्षण दे रही पुलिस को अपना कर्तव्य याद आयेगी।

इस घटना पर गहरा दुख प्रकट करते हुए देश में जनांदोलनों के प्रमुख नेता भूपेन्द्र सिंह रावत ने फेसबुक मे लिखा कि दुखः का विषय है कि आज भी महिलाओं पर हमला करने वाले गुंडे गिरफ्तार नहीं हुए।इतनी बडी संख्या में एकजुटता देखकर अच्छा लगा और उम्मीद है कि ऐसी ऐकता बनी रहेगी।  इस तरह के अपराधियों के खिलाफ जब आर पार की लडाई आप लडना चाहें तो मुझे भी अपने साथ एक सिपाही के तौर पर जरूर शामिल होंगा। मुझे वर्ष 1993 की वह घटना याद आती है जिस वक्त मुझे 17 दिन बुराडी क्षेत्र में डेरा डालकर अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाही करवानी पड़ी थी  यह एक अफसोस जनक घटना उक्त क्षेत्र में रात को घर में घुस कर एक लड़की का अपहरण किया गया था मैं और इन्द्र चंद रजवार पीडित परिवार के घर पहुंचे थे लेकिन लोकलाज के कारण उस परिवार ने आप बीती नहीं बताई जो घटना थी उसको हम अपने जीवन में बोलने और लिखने का साहस नहीं कर सकते आप समझदार समझ चुके होंगे कि घर से जवान लड़की का अपहरण कर उसके साथ देर रात को क्या कुछ हुआ होगा। हम आज भी आपके साथ हैं अफसोस है कि मैं बुराडी से दूर हॅू। लेकिन जब भी लगे कि हमे आपके बीच पहुचने की जरूरत है तो एक सूचना जरूर भेजें।

इस प्रकरण पर फेसबुक पर अपनी आहत भावना प्रकट करते हुए आकाश शर्मा ने कहा कि प्रधान एन्क्लेव, बुराड़ी में होली के दिन बीच रोड में कपड़े फाडे जाते है। उसके बच्चों को मारा जाता है। उस परिवार के मुखिया को मारा जाता है, लेकिन समाज मे कुछ लोग ऐसे है जो सिर्फ अपना राजनीतिक उल्लू सीधा करना जानते है। प्राथमिकी दर्ज हुई। 6 में से 2 अपराधी पकड़े गए, 4 गायब है अभी तक। लेकिन हम प्रशासन को ये बात कह रहे है, कि लड़ना हमारा स्वभाव नही, तो भाइयों ये बताये की पुलिस आपकी सुनेगी, कोई कार्यवाही करेगी, कल प्रधान एन्क्लेव में हुई मीटिंग में इलाके के डीसीपी कहाँ थे, क्योंकि कुछ लोग सिर्फ चेहरा चमकाना चाहते थे, समाज से उन्हें कुछ लेना देना नही है, मैं किसी कारण वश दिल्ली से बाहर गया था, लेकिन फोन पर ही अपने से जुड़े लोगों को मीटिंग में भेजा।  इस पर कार्यवाही तेज होनी चाहिए। इस केस का 100 नंबर पर पहुचने वाले जांच अधिकारी को ससपेंड करवाना होगा, उसके लिए डीसीपी पर दवाब बनाना चाहिए।
इस घटना पर फेसबुक पर प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए विष्णु शर्मा ने लिखा कि इस प्रकरण को राजनैतिक रंग नहीं देना चाहिए। अच्छा होता कि जिनसे झगड़ा हुआ जिनका झगड़ा हुआ और आर डब्लू ए साथ में चार पाँच और समझदार लोग बैठ कर हल निकालते.। क्षेत्र में ऐसे अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए सबसे पहले गली मुहल्लों में जूस और चाउ मीन के अड्डों पर चखना बेचने पर रोक लगाओ. फसाद की जड़ यही है. इनहि दूकानो के आस पास लोग शराब पीते है और बदतमीजी होती है।
प्रधान एन्कलेव प्रकरण की शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस को चाहिए था कि तत्काल ऐसे गुनाहगारों को गिरफ्तार कर कडी सजा दिलाने का अपना कर्तव्य का निर्वहन करती। परन्तु 36 घंटे बाद भी अपराधियों को गिरफ्तार न करने से पुलिस की गुनाहगारों को बचाने की मंशा जग जाहिर हो गयी। ऐसी स्थिति को देख कर क्षेत्र के अमन पसंद जनता को चाहिए कि वह क्षेत्र से पुलिस के संरक्षण में चल रही ऐसे गुण्डागर्दी को मुक्त करने के लिए दलगत राजनीति व क्षेत्र वर्ग से उपर उठ कर न्याय के लिए एकजूट हो। तभी पुलिस का अपराधियों से मोह भग होगा और अपने दायित्व का निर्वहन करेगी।

About the author

pyarauttarakhand5