देश

शत्रु राष्ट्र घोषित करके मुहतोड़ जवाब न देने से बार बार भारत पर हमला करने का दुशाहस कर रहा है आतंकी पाकिस्तान

पाकिस्तान का फिर भारत आतंकी हमला और सीमा नौशेरा पर सीमा पर गोलीबारी

 
किसके दवाब में भारत को तबाह करने में तुले आतंकी पाक को मित्र राष्ट्र का दर्जा हटा कर शत्रु राष्ट्र घोषित नहीं कर रही है मोदी सरकार

 
देश की सरकारों को जब 71 साल से देश की भाषा, नाम का तक का भान नहीं है तो देश के हक हकूकों व सम्मान की रक्षा का कहां होगा?

 
देवसिंह रावत
एक तरफ पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर प्रांत के पुलवामा  में केन्द्रीय सुरक्षा बल के कैंप पर आतंकी हमला किया। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तानी सेना ने रजोरी के नौशेरा सीमा पर अंधाधुंध गोलीबारी कर रहा है। परन्तु भारत सरकार न जाने किसके दवाब में या अंध मोह में भारत को बर्बाद करने के लिए बार बार हमला कर रहे पाकिस्तान को मित्र राष्ट्र का दर्जा दिये हुए है।
जम्मू कश्मीर के पुलवामा  में स्थित केन्द्रीय सुरक्षा बल के कैंप में 31 दिसम्बर के तडके 2.10 बजे अंधेरे में हमला कर पाक के आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर ग्रिनेड से हमला कर कैंप में घुस गये। इस आतंकी हमले में में 2 जवान शहीद हो गये और 3 घायल हो गये। इसके बाद ये आतंकी केंप में स्थित प्रशासनिक भवन की चोथी मंजिल में घुस कर वहां से हमला कर रहे है। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाक के प्यादे जैश ए मोहम्मद ने लिया।
पुलवामा में केन्द्रीय सुरक्षा बल के केंप पर आतंकी हमला कर घुसे तीनों आतंकियों को सुरक्षा बलों ने घेरा हुआ है। इनसे मुठभेड़ जारी है।
आतंकी पाकिस्तान के प्रति भारत सरकार को तत्काल अपने रवैये को बदल कर पाकिस्तान को दिया गया मित्र राष्ट्र के दर्जे को छिन कर उसे शत्रु राष्ट्र घोषित कर उससे सभी प्रकार के सभी सम्बंध तोड़ कर उसको कड़ा सबक सिखाना चाहिए। सबसे हैरानी की बात है पाकिस्तान को सबक सिखाने के नाम पर मोदी सरकार द्वारा कराये गये पाकिस्तान के अंदर घुस कर किये गये आकस्मिक हमले के बाबजूद पाकिस्तान और निर्ममता से भारत पर आतंकी हमले व सीमा पर हमला करता ही रहा है।  इसलिए भारत सरकार को देश की रक्षा के लिए तत्काल पाकिस्तान को शत्रु राष्ट्र घोषित कर उसकी पूरी तरह कमर तोड़ देनी चाहिए। अन्यथा पाकिस्तान भारत के अंदर आतंकियों को निरंतर भेजते रहेगा और भारत आतंकी हमलों से छलनी होता रहेगा। वह मित्रता के आड़ में अपनी आतंकियों को भारत में घुसा रहा है और देश के अंदर धार्मिक उन्माद भड़का कर देश की शांति भंग रहा है। मोदी सरकार व उसके रणनीतिकारों को एक बात का भान रखना चाहिए कि देश के हर जांबाज का खून पानी नहीं है। देश को तबाह करने को तुले पाकिस्तान से एक पल के लिए मित्रता रखना देश के हितों पर कुठाराघात ही मानता है। इसलिए देश की जनभावनाओं को समझते हुए देश की सरकार को पाकिस्तान से मित्र राष्ट्र का दर्जा छिन कर उसे शत्रु राष्ट्र की घोषित कर उसको ऐसा करारा सबक सिखाये जैसे इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान को दो टूकडे कर सिखाया था। नहीं तो इन छुटपुट हमलों से आतंकी पाक मानने वाला नहीं है। नहीं इन छुटपुट हमलो से उसकी अकल ठिकाने लग सकती है।
भारत की कमजोर विदेश नीति के कारण आज कश्मीर का बडा हिस्सा जहां पाकिस्तान व चीन ने कब्जा कर रखा है। भारत सरकार इन दोनों भारत विरोधी देशों से मित्रता का जितना मजबूती से दामन थामती है उसका एकांश भी इन दोनों द्वारा कब्जाये कश्मीर पर बात तक नहीं करते। भारत सरकार को चाहिए कि वह पाक व चीन दोनों को दो टूक वार्ता करती कि भारतीय क्षेत्र के कश्मीर को लोटाये बिना उन से किसी प्रकार की मित्रता नहीं हो सकती। दुर्भाग्य यह है देश की अभी 71 सालों से न कोई राष्ट्र हितों की रक्षा की न आंतरिक नीति है व नहीं विदेश नीति। देश के हुक्मरान देश के हितों के प्रति निरंतर उदासीन रहते है। न भारत कश्मीर के हिस्सों पर काबिज हुए पाक व चीन दोनों को विश्व स्तर पर कटघरे पर तक खड़ा नहीं कर पाया। देश की स्थिति इतनी दयनीय है कि देश में जब अंग्रेजों के जाने के 71 साल बाद भी देश उन्हीं अंग्रेजों की भाषा अंग्रेजी व इंडिया का गुलाम बना हुआ है तो देशहितों के विचारों व स्वाभिमान को संचारित कहां से देश में होगा। गुलामी में जीने के लिए अभिशापित देश के हुक्मरानों को देश को फिरंगी भाषा से आजाद करने की होश तक नहीं है तो देश का नाम को कैसे हासिल करेंगे। देश के हिस्सों पर काबिज पाक व चीन के कब्जे से छुडाने की बात तो अभी दूर की कोड़ी है।

देश का दुर्भाग्य है कि अंग्रेजों के जाने के बाद 71 सालों से कोई ऐसी सरकार नहीं आसीन रही जिसे देश के नाम, भाषा, सम्मान व हक हकूकों का भान हो। ये पदलोलुपु व निहित स्वार्थी नेतृत्व के कारण विश्व गुरू व सोने की चिडिया रहा देश संसार का सबसे अधिक भ्रष्ट व असहाय देश बना हुआ है। देश के हुक्मरानों को अभी इतना भी भान नहीं है कि किसे शत्रु व किसे मित्र बनाया जाय। ऐसे में देश के सम्मान व हक हकूकों की रक्षा कैसे होगी यही यज्ञ प्रश्न है।

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