अंतेष्टि यमुना के पावन तट निगम बोध घाट पर 29 दिसम्बर के प्रातः संम्पन
देवसिंह रावत,
उत्तराखण्ड राज्य गठन आंदोलन के वरिष्ठ साथी व गढ़वाल हितैषिणी सभा के वरिष्ठ सदस्य,यात्री निवास गढ़वाल भवन के प्रबंधक , इन्द्र सिंह रावत जी का आकस्मिक निधन 28 दिसम्बर को दिल्ली के राम मनोहर अस्पताल में हो गया है।उनके पार्थिक देह की अंतेष्टि यमुना के पावन तट निगम बोध घाट पर 29 दिसम्बर के प्रातः सम्पन्न हुई।
शोकाकुल परिवार में उनकी धर्मपत्नी, उनके दो बेटे, एक विवाहित बेटी, बहुयें, पोते, नाती तथा दो भाई है। सबसे मिलनसार व सुख दुख में भाग लेने वाले इंद्रसिंह रावत के निधन पर उनके परिजनों, मित्रों, राज्य गठन आंदोलनकारियों सहित पूरे क्षेत्र में शोक छा गया।
निगम बोध घाट में बड़ी संख्या में उत्तराखण्ड समाज के वरिष्ट समााजसेवी, उनके परिजनों व मित्रों ने दिवंगत इंदर सिंह रावत को अंतिम विदाई दी। अंतिम विदाई देने वालों में उनके छात्र जीवन के साथी व उत्तराखण्ड सरकार के मुख्यमंत्री के पूर्व सलाहकार हरिपाल रावत , उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देवसिंह रावत, उत्तराखण्ड राज्य लोकमंच के अध्यक्ष व दिल्ली पर्वतीय कांग्रेस के चेयरमेन बृजमोहन उप्रेती, उक्रांद के वरिष्ठ नेता प्रताप शाही, गढ़वाल हितैषिणी सभा के अध्यक्ष सूरत सिंह रावत, उपाध्यक्ष मोहब्बत सिंह राणा, महासचिव दीप प्रकाश भट्ट व कोषाध्यक्ष जीतेन्द्र सिंह सजवान सहित पूरी कार्यकारणी, गढवाल हितैषिणी सभा के पूर्व अध्यक्ष मदन मोहन बुडाकोटी, भाकपा नेता नरेन्द्र नेगी, साहित्यकार साहित्यकार दिनेश ध्यानी, मयूर विहार गढवाल समाज के पूर्व अध्यक्ष श्री रावत, दिवंगत रावत के सहयोगी मोहन सिंह रावत, आदि समाजसेवी सम्मलित थे।
उनके निधन की सूचना गढवाल हितैषिणी सभा ने अपने फेसबुक पर दी थी। पौड़ी गढवाल के वीरोंखाल क्षेत्र के डुमेला गांव के मूल निवासी इंद्र सिंह रावत राज्य गठन आंदोलन के प्रारम्भिक दिनों से जुडेे रहे। वे चाणाक्यपुरी स्थित यूथ होस्टल में कार्यरत होने के साथ दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक भी रहे। उनका कार्यालय आठवें व नवें दशक में राज्य गठन आदंोलनकारियों का प्रमुख मंत्रणा स्थानों में रहा। दिवंगत रावत राज्य गठन आंदोलन के प्रमुख संगठन उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा से जुडे रहे। उनके निधन पर मोर्चा के संयोजक अवतार रावत, अध्यक्ष देवसिंह रावत व पूर्व अध्यक्ष खुशहाल सिंह बिष्ट, उत्तराखण्ड महासभा के अध्यक्ष हरिपाल रावत, अनिल पंत व रामेश्वर गोस्वामी, गढवाल हितैषिणी सभा, सहित सभी प्रमुख संस्थाओं ने गहरा शोक प्रकट कर दिवंगत आत्मा की शांति की कामना की। दिवंगत इंद्रसिंह रावत के निधन की खबर सुनते ही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उनके परिजनों को दूरभाष पर अपनी संवेदना प्रकट की। आंदोलन के दौरान व राज्य गठन के बाद साथियों का प्रदेश की सत्ता में नेता व मंत्री बनने पर बदल जाने से दिवंगत इंद्र सिंह रावत का मोह प्रदेश के राजनेताओं से टूट चूका था।