जवाहार लाल नेहरू की जयंती पर सीमान्त जनपद चमोली के गौचर में होता है 7 दिवसीय गौचर मेला
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने किया गौचर में 46 करोड़ की विकास योजनाओं का शिलान्यास
गौचर (प्याउ)। देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के जन्म दिन पर सीमान्त जनपद चमोली के गौचर में दशकों सालों से 7 दिन लगने वाला गौचर विकास का मेला इसी साल भी गौचर में बडे उत्साह से प्रारम्भ हुआ। संयुक्त उप्र में इस मेले का बड़ा महत्व रहा। स्वयं प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी भी इस मेले के शुभारंभ पर गोचर में पधारी थी। अब राज्य गठन के बाद इस मेले का महत्व भले ही राज्यस्तरीय है परन्तु इसकी वह धमक नहीं रही जो संयुक्त उप्र में इंदिरा गांधी जी के कार्यकाल के दौरान रहती थी। पहले इस मेले के प्रति जो उत्सुकता पूरे पर्वतीय जनपद के लोगों में रहती थी वह अब लोगों में वह उत्साह दिखाई नहीं दे रहा है। एक तो राज्य बनने के बाद हर विकासखण्ड में विकास आदि मेलों की बाढ़ सी आ गयी। प्रदेश के मुख्यमंत्री अब गांव या विकासखण्ड स्तर पर सहज ही पंहुच जाते है। यातायात व संचार क्रांति के बाद लोग देश विदेश के बडे से बडे मेलों से आये दिन रूबरू होते रहते है। ऐसे में लोगों का गौचर मेले के प्रति वह उत्सुकता व नजरिया नहीं रहा जो तीन चार दशक पहले था।
भले ही इस 2017 के गौचर मेले का शुभारंभ उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ही किया। गौचर में आयोजित 67 वें 7 दिवसीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेले के शुभारम्भ के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने 45 करोड़ 96 लाख, 75 हजार रूपये की विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री द्वारा किये गये इस 7 दिवसीय मेले में मुख्यमंत्री द्वारा किये गये ऐलान के अनुसार ं एडीबी वित्त पोषित कर्णप्रयाग नगरीय पम्पिंग पेयजल योजना लागत रू. 967.53 लाख, गौचर नगरीय पम्पिंग पेयजल योजना लागत रू. 650.00 लाख, नैनी आईसी से डुंग्री मोटर मार्ग लागत रू. 242.73 लाख, मोलागाड-मटई मोटर मार्ग लागत रू. 657.27 लाख, थिरपाक-काण्डई मोटर मार्ग लागत रू. 515.38 लाख, मीन मार्केट गौचर से जीजीआईसी गौचर तक पहुॅच मार्ग लागत रू. 21.00 लाख रुपये की विकास योजनाओं का लोकार्पण किया।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने तोली कल्याणी तल्ली मोटर मार्ग लागत रू. 391.81 लाख, पोखरी हरिशंकर मोटर मार्ग से थौली-थाला बैण्ड तक मोटर मार्ग लागत रू. 275.87 लाख, श्यान किसनपुर मोटर मार्ग एवं 80 मी0 स्पाॅन लौह सेतु लागत रू. 397.20 लाख, किमधार से स्यान-किशनपुर मोटर मार्ग लागत रू. 92.12 लाख एवं चटवापीपल से ग्राम सिरण-एण्ड मोटर मार्ग लागत रू. 385.84 लाख की विकास योजना का शिलान्यास भी किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने राजकीय इण्टर काॅलेज कर्णप्रयाग का नाम प्रथम विश्व युद्व के प्रथम विक्टोरिया क्राॅस पुरस्कार से सम्मानित वीसी दरबान सिंह नेगी के नाम रखने एवं गैरसैंण-धारगेड मोटर मार्ग का नाम स्वतन्त्रा संग्राम सैनानी बच्चन सिंह के नाम रखने की घोषाण भी की। इसके साथ ही उन्होंने गंगा गाय योजना के तहत दो महिला लाभार्थियों को 40-40 हजार रुपये के प्रदान किये। इस अवसर पर दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत जनपद चमोली एवं रूद्रप्रयाग के 1054 लघु एवं सीमांत कृषकों को दो प्रतिशत ब्याज दर 01 लाख रूपये तक के कृषि ऋण के चेक भी वितरित किये।
मेला में जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रदेश के शिक्षित नौजवानों को कृषि के प्रति प्रोत्साहित करते हुए नई तकनीकि के साथ कृषि क्षेत्र से जुड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि नई तकनीकि की सहायता से कृषि क्षेत्र में क्रान्ति लायी जा सकती है। डिग्री काॅलेज में पढने वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए बीमा योजना भी शुरू की गयी है।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए उनकी सरकार प्रतिबद्व है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षित बेरोजगार युवकों को रोजगार से जोड़ने के लिए सीमांत जनपद चमोली व पिथौरागढ में कौशल विकास केन्द्र खोलने का निर्णय लिया जा चुका है। सेना में भर्ती होने के इच्छुक नौजवान युवक एवं युवतियों के लिए गढवाल एवं कुमांऊ मण्डल में दो प्रशिक्षण केन्द्र भी खोले जायेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश सैनिक बाहुल्य प्रदेश है। इसको देखते हुए सरकार ने देश के लिए बलिदान देने वाले सैनिक व अर्द्ध सैनिक बलों के परिवार के एक सदस्य को राजकीय सेवा में लिये जाने का भी निर्णय लिया है, जिसका शासनादेश जारी हो चुका है।
क्षेत्रीय विधायक सुरेन्द्र सिंह नेगी ने लम्बित डायट भवन एवं पाॅलीटेक्निक छात्रावास निर्माण के लिए धन आवंटन की मांग भी मुख्यमंत्री के समक्ष रखी। मेला समिति के उपाध्यक्ष एंव नगर पालिका अध्यक्ष मुकेश ने मुख्यमंत्री को क्षेत्र की समस्या से अवगत कराते हुए चार सूत्रीय मांग पत्र भी दिया। जिसमें उन्होंने गौचर में मल्टी स्टोरी वाहन पार्किंग, पूर्व में घोषित पशु चिकित्सा महाविद्यालय व उत्तराखण्ड बोली भाषा संस्थान स्थापित करने, गौचर में सर्किट हाउस/स्टेट लेवल का गेस्ट हाॅउस बनाने की मांग रखी। मेले के उद्घाटन के दौरान स्थानीय स्कूली बच्चों एवं सांस्कृतिक दलों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गयी।