पौड़ी(प्याउ)। इस सप्ताह 3 से 5 अगस्त तक उत्तराखण्ड में आयी विनाशकारी वर्षा ने जहां पूरे प्रदेश के जनजीवन को बूरी तरह प्रभावित किया। परन्तु इस अतिवर्षा ने सबसे अधिक तबाही पौड़ी जनपद में मची। कोटद्वार में इस विनाशकारी वर्षा से 6 लोग मारे गये व 50 से अधिक घायल हो गये। पूरे कोटद्वार क्षेत्र में अनैक मकान, दुकान, खेत खलिहान, पुल व सड़कें इत्यादि बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गये।
वहीं पौडी जनपद में कई क्षेत्रों में भी इस अतिवर्षा से जान, माल व पशुओं के मारे जाने की खबरे है।
4 अगस्त की रात्रि को पौड़ी जनपद के जयहरीखाल विकासखण्ड के रीठा गांव के ल्वीठा तोक में जयसिंह के मकान की दीवार गिरने से भीतर सोयी उसकी 28 वर्षीय पत्नी दीपा देवी व उसका चार वर्षीय बेटा साहिल दब गये। यह हादसा होते ही गांववालों ने मलवे से दोनों को निकाल कर लैन्सीडाॅन कैंट चिकित्सालय में भर्ती कराया। परन्तु इलाज के दौरान दोनों को नहीं बचाया जा सका।
वहीं दूसरी तरफ अतिवृष्टि से पौड़ी जनपद के थैलीसैंण तहसील के ओखलयूं गांव के किसान की बचेसिंह की गोठ(गोशाला) के ढहने से उसमें बंधी 20 बकरियां दब कर मर गयी।
अतिवर्षा से कल्जीखाल क्षेत्र के भेटुली गांव के कुशलानंद की गोठ के ढहने से दो गाय व 10 मुर्गियांें की दबकर मौत हो गयी। वहीं अतिवर्षा से यमकेश्वर क्षेत्र में हैवल नदी में उफान आने से जोगियाना गांव के एक दर्जन मकानों पर खतरा मंडराने लगा।