उत्तराखंड

टिहरी के पिपोला गांव में मिले हथियारों के जखीरे के बाद लोगों में जगी गढ़े खजाना मिलने की आश

घनसाली(प्याउ)। उत्तराखण्ड के टिहरी जनपद में घनसाली क्षेत्र के पिपौला गांव में हो रही सडक की खुदाई के दौरान मिले बडे मात्रा में हथियारों के जखीरे के बाद लोगों की नजरें गढ़े खजाने को ढूढ रही है। सड़क खुदाई के दौरान यहां हथियारों मिले पुराने जमाने के हथियारों के मिलने की इतला गांव वालों द्वारा जिलाधिकारी तक देने के बाद जिलाधिकारी ने तुरंत उप जिलाधिकारी को घोटी पिपला गांव में जा कर हथियारों को कब्जे में लेने का आदेश दिया। इसकी भनक लगते ही पुरातत्व विभाग भी सक्रिय हो गया। इसके साथ लोगों में बडी उत्सुकता बढ़ गयी कि  हथियार मिलने के बाद कहीं यहां पर गढ़ा खजाना हो तो वह मिल सकता है। परन्तु इसकी संभावनायें ना के बराबर है परन्तु लोगों में आश बनी हुई है।
माना जा रहा है कि ये हथियार राजशाही के जमाने के है। इन हथियारों में 90 तलवारें, चाकू, बरछे और जंजीरें मिली। इन हथियारों पर भले ही जंक लगने से जरजर हो गयी हो पर इसके बाबजूद भारी लग रहे थे। जैसे सड़क खोदने वाले मजदूरों ने यहां पर हथियार मिलने से सूचना स्थानीय ग्रामीणों को दी तो लोग सहम गयी। खुदाई रोक दी गयी। ग्रामीणों ने इसकी सूचना  प्रशासन को देकर इसकी जांच पुरात्व विभाग से कराने की मांग की।
इस प्रकरण की खबरे पूरे क्षेत्र में आग की तरह फेल गयी। दूर दूर से गांवों के लोग इसे देखने के लिए आ रहे है। हालांकि यहां पर हथियार बड़ी संख्या में मिले पर बडे बुजुर्गों को आश है कि यहां पर खजाना भी मिल सकता है। इसी गढ़े खजाने की तलाश में गांव का हर नजर कर रही है। परन्तु प्रशासन द्वारा इस गांव में डेरा डालने के बाद ग्रामीणों को अपनी आश पर ग्रहण लगते हुए नजर आ रहा है। लोगों को विश्वास है राजशाही के जमाने में कई स्थानों पर ऐसे हथियारों के जखीरे के साथ गढ़े खजाने जमीदोज हैं। जिसकी तलाश सही ढंग से नहीं की गयी। राजा व उनके वजीर इत्यादि अपनी सम्पति को सुरक्षित रखने के लिए कई स्थानों पर जमीदोज करते रहते थे। ऐसी कई स्थानों पर कभी कभार मिलता रहता है।

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