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चौथी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बने शेर बहादुर देउबा

काठमाण्डूं(प्याउ) । नेपाली कांग्रेस के दिग्गज राजनीतिज्ञ शेर बहादुर देउबा को आज राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने देश के नए प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई। देउबा के शपथ लेने के बाद सात नए मंत्रियों, नेपाली कांग्रेस के तीन, सीपीएन (माओवादी सेंटर) के तीन और नेपाल लोकतांत्रिक फोरम के एक ने शपथ ली। उनके मंत्रीमण्डल में 3 उपप्रधानमंत्री और 4 मंत्रियों है।
मंत्रिमंडल का गठनदेउबा ने चौथी बार देश के प्रधानमंत्री पद की कमान संभाली है। गौरतलब है कि इस पद पर देउबा से पहले प्रचण्ड प्रधानमंत्री के पद पर आसीन थे जिन्होने नये प्रधानमंत्री के चयन के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
नेपाल की सबसे पुरानी पार्टी-नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष देउबा को 6 जून को देश का 40वां प्रधानमंत्री चुना गया। नेपाली कांग्रेस अध्यक्ष के पक्ष में संसद के 593 वोटों में से 558 सांसदों ने मतदान किया, इनमें देउबा के पक्ष में 388 वोट पड़े।  प्रधानमंत्री देउबा ने तीन उपप्रधानमंत्री और चार मंत्रियों के साथ आठ सदस्यीय मंत्रिमंडल का गठन किया है। गौरतलब है कि 12 साल पहले नेपाल के राजा ज्ञानेंद्र बीर बिक्रम शाह देव ने उन्हें पद से हटा दिया था। वर्तमान में हुए प्रधानमंत्री के पद के लिए वे एकमात्र प्रत्याशी थे। देउबा के प्रधानमंत्री बनने से नेपाल के भारत के साथ पटरी से उतर चूके सम्बंध फिर से पटरी पर चढ़ने की आश बलवती हो गयी है।
देउबा को समर्थन देने वाले दलों में पुष्प कमल दहल प्रचंड की पार्टी सीपीएन (माओवादी सेंटर), राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक पार्टी, राष्ट्रीय जनता पार्टी-नेपाल(आरजेपी-एन), संघीय समाजवादी फोरम-नेपाल, नेपाल लोकतांत्रिक फोरम और सीपीएन (संयुक्त) है। इसके साथ संसद में 25 सदस्य वाली आरजेपी-एन ने भी देउबा का समर्थन किया। देउबा के प्रधानमंत्री बनने से मधेशी व पहाड़ी विवाद के समाधान की आश जग गयी है। क्योंकि देउबा ने मधेस समर्थित दलों की मांगों को पूरा करने के लिए  2015 में लागू किए गए नेपाली संविधान में संशोधन करने में अहम भूमिका निभाई थी। नेपाल में लगातार अस्थिरता के वातावरण से वहां के विकास पर भी ग्रहण लग गया है। नेपाल नरेश विक्रम शाह के बाद व माओवादी आंदोलन की चपेट में आने के बाद यहां हुई राजनैतिक उथल पुथल ने नेपाल को बुरी तरह से झकझोर कर रख दिया है।

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