उत्तराखंड

रूद्रप्रयाग चोपता में बारात की जीपों के दुर्घटनाग्रस्त होने से 12 लोगों की दर्दनाक मौत! आखिर ये किसकी लापरवाही है ? देखे ये पूरा लेख

29 अप्रैल को रूद्रप्रयाग व कालसी में बारात की जीपों के दुर्घटनाग्रस्त होने से 12 लोगों की दर्दनाक मौत व 2 दर्जन से अधिक घायल

कालसी(प्याउ)। 29 अप्रैल को भी उत्तराखण्ड में दो जीप दुर्घटना में 12 लोग मारे गये व 24 घायल हो गये। ऐसी दुर्घटनाये उत्तराखण्ड में कहीं न कहीं हर रोज घटित हो रही है। आये दिन कहीं न कहीं जीप, बस, कार दुर्घटनाये होने की खबरे आती रहती है। किसी न किसी गांव में हर दिन मातम छाया रहता है। बच्चे अनाथ हो जाते है। परन्तु क्या मजाल की प्रशासन इस दिन प्रतिदिन जानलेवा बन गयी समस्या के निदान के लिए कडे उपाय करे। परन्तु सरकार के कानों में जूं तक नहीं रैंग रही है। उत्तराखण्ड में इन दिनो कहीं न कहीं जीप दुर्घटना होने से लोगों के मारे जाने की खबरे आम हो गयी।

इन दुर्घटनाओं के पीछे दो ही कारण नजर आता है वह है बेलगाम जीप चालक व शराब ही नजर आते है। इन दुर्घटना पर सरकारें मुआवजा का ऐलान करके अपना कर्तव्य इति समझती है। परन्तु इसके मूल कारणों का निदान करने का न तो प्रदेश की सरकार के पास समय होता है व नहीं सोच।
न तो सरकार ने यातायात विभाग इन बेलगाम जीप, कार, बस व ट्रक के चालकों पर नियंत्रण कर रही है। व नहीं शराब पर ही अंकुश लगा रही है। 8 या दस सवारियों वाली जीपों में प्रायः 12 से 24 लोगों को जानवरों की तरह ढोया जा रहा है। इस पर प्रशासन का कहीं अंकुश नहीं है। केवल भुवनचंद खण्डूडी के मुख्यमंत्री काल में इस समस्या की तरफ प्रशासन ने ध्यान दिया था। उसके बाद निरंतर यह समस्या विकराल होती जा रही है। दो पैसे के लिए ये जीप चालक अंधाधुंध चलाते हैं। दूसरे नशे में इतने धूत रहते हैं कि जिस कारण आये दिन कहीं न कहीं जीप, कार, बस व ट्रक दुर्घटना की खबरें पहाड़ी क्षेत्रों में आती रहती है। यह संख्या निरंतर बढ़ते जा रही है। यातायात नियंत्रण करने वाला प्रदेश का विभाग भ्रष्टाचार की कुम्भकर्णी नींद में सोया है।

शराब आदि नशे पर अंकुश लगाने के बजाय प्रदेष सरकार ने बहुत शर्मनाक ढंग से सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ऐसी ही दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए राजमार्गो से  शराब  की दुकानों को हटाने के फरमान पर पलीता लगाते हुए सीधे सर्वोच्च न्यायालय की आंखों में धूल झोंकने का कृत्य कर राजमार्ग का नाम जिला मार्ग में परिवर्तन कर शराब के नशे से होने वाल दुर्घटनाओं को और बढ़ावा दिया है।

उत्तराखण्ड में 29 अप्रैल शनिवार का दिन बारातियों पर ग्रहण का दिन रहा। शनिवार को प्रदेश  में दो बारातों की खचाखच भरी जीपों के दुर्घटनाग्रस्त होने पर एक दर्जन बाराती कालकल्वित हो गये और करीब दो दर्जन लोग घायल हो गये। इससे जश्न मना रहे दोनों बाराातियों की खुशियों पर दुर्घटना का  बज्रपात होने से पूरे क्षेत्र का माहौल ही गमगीन हो गया। मुख्यमंत्री ने इस दुर्घटना पर दुख प्रकट करते हुए मारे गये लोगों के निकट आश्रित को  1 लाख, गंभीर घायलों को 50 हजार और सामान्य घायलों को 25 हजार रुपये की मदद देने के निर्देश दिए।
पहली दुघर्टना रूद्र प्रयाग जनपद में हुई। इसमें बारातियों की जीप चोपता के पास दुर्घटना ग्रस्त होने से इस जीप के चालक सहित 7 बारातियों की दर्दनाक मौत हो गयी। इस दुर्घटना में 7 लोग घायल हुए। सुत्रों के अनुसार 14 लोगों को लेकर कर सोरांखाल से चोपता वापस लोट रही बारात की यह जीप चोपता के समीप बगड में दुर्घटनाग्रस्त हो गयी।  यह दुर्घटना रुद्रप्रयाग के चोपता-उखरेली मार्ग पर हुई। इस जीप में चालक के अलावा  3 बच्चों, 3 महिलाओं की दर्दनाक मौत हो गयी।
वहीं दूसरी दुर्घटना देहरादून के कालसी विकासखण्ड में बारातियों से खचाखच भरी जीप के दुर्घटना होने से इसमें सवार 5 बारातियों की दर्दनाक मौत हो गयी व 18 घायल हो गये।  बरातियों से भरी एक जीप के अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिरने से कालसी प्रखंड के नागथात गांव के समीप बारातियों से भरी  जीप खाई में जा गिरी। जिससे जीप में सवार पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि 18 घायल हो गए। घायलों को सीएचसी विकासनगर व लेहमन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सुत्रों के अनुसार इस जीप में दो दर्जन के करीब लोग भैड़ बकरियों की तरह ठुसकर बेठे हुए थे। इसके साथ इस दुर्घटना का एक कारण चालक का नशे में होना भी बताया जा रहा है।
सुत्रों के अनुसार लोहारी गांव से रामपुर गांव गयी बरात जब सांयकाल वापस लोहारी गांव लोट रही थी तो यह खचाखच भरी जीप नागथात के समीप जीप यकायक गहरी खाई में गिर कर दुर्घटना ग्रस्त हो गयी। दुर्घटना होते ही स्थानीय ग्रामीणों ने बचाव कार्य किया। शवों को बाहर निकाला व घायलों को अस्पताल में भेजा।

About the author

pyarauttarakhand5