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मोटा अनाज आधारित उत्पादों को भारत सरकार ने दिया बढ़ावा

आज़ादी का अमृत महोत्सव

 09 दिसंबर 2024 , दिल्ली से पसूकाभास 

भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2022-2023 से वित्त वर्ष 2026-2027 की अवधि के लिए 800 करोड़ रुपये के खाद्य उत्पादों के साथ-साथ मोटे अनाज आधारित प्रोसेसर के उपयोग को बढ़ावा दिया है और उनकी कीमत को मंजूरी दी है। उत्पाद से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलएसएमबीपी) शुरू। इस योजना में निवेश की पुरातात्विक सीमा को हटा दिया गया है जिससे यह और अधिक सुलभ हो गया है। प्रोत्साहन राशि विकास अर्हता प्राप्त करने के लिए इस योजना के अंतर्गत स्टाम्प ऑफिस को आधार वर्ष की तुलना में कम से कम 10 प्रतिशत की वर्ष-दर-सेल बिक्री वृद्धि हासिल करनी होगी। यह योजना उपभोक्ता पैक में ब्रांडेड रेडी-टू-ईट और रेडी-टू-कुक चॉकलेट की बिक्री आधिकारिक तौर पर की जाती है जिसमें वजन या मात्रा के हिसाब से 15 प्रतिशत से अधिक अनाज होता है।

मोटा अनाज आधारित पीएलआई योजना के लिए शुरुआत में तीस मसालों को शामिल किया गया था। एक अतिथि के प्रोत्साहन के बाद अब 29 अतिथि हैं। योजना के निर्देश-निर्देशों के अनुसार, मोटे अनाज आधारित लैपटॉप की तैयारी में केवल घरेलू स्रोत वाले कृषि उत्पाद (एड्स, फ्लेवर और तेलों को ठीक करने के लिए) का उपयोग किया जाना चाहिए। इससे स्थानीय उत्पाद और कृषि उपज की खरीद को बढ़ावा मिलता है, जिससे किसानों को लाभ होता है।

इस योजना की अवधि पांच वर्ष है। पहले प्रदर्शन वर्ष (वित्त वर्ष 2022-2023) के संबंध में वित्तीय वर्ष 2023-2024 में खेले जाने थे। 19 पैट्रोल पैमाइश ने प्रॉसेस पेश किया और पैट्रोल पैट्रोल को अब तक 3.917 करोड़ रुपए तक चुकाया जा चुका है।

सरकार ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएल एमएसएमबीपी) को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय पेश किए हैं। इन मंचों में उपयोगकर्ता के लिए उपयुक्त पोर्टल की स्थापना और तत्काल समस्या समाधान के लिए नामांकित आईएसओ का निर्माण शामिल है। योजना बीएसएनएल को आसानी से समझने के लिए समय-समय पर योजना सीईओ पर जारी किए गए हैं। इसके अलावा, नियमित पर्यवेक्षण और मूल्यांकन प्रणाली बनाए रखी गई है, और योजना के निरर्थक कार्यान्वयन के लिए समर्पित शैक्षिक माध्यम से तकनीकी सहायता प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त, प्रभावशाली संचार और प्रगति पर नज़र रखना (ट्रैकिंग) सुनिश्चित करने के लिए मिर्जा के साथ सप्ताहांत बैठकें आयोजित की जाती हैं।

यह जानकारी केंद्रीय खाद्य सहकारी उद्योग राज्य मंत्री श्री रवनीत सिंह भट्टू ने राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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