प्रथम चरण में 102 संसदीय क्षेत्र में 19 अप्रैल 2024को मतदान सम्पन्न
प्यारा उतराखण्ड डाट काम
सात चरणों में हो रहे लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण, 19अप्रैल 2024 में उत्तराखंड, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, बिहार, असम व महाराष्ट्र सहित 21राज्यों के 102संसदीय सीटों को हुये मतदान में जहां तमिलनाडु, जम्मू कश्मीर, लक्षद्वीप आदि में भी भारी मतदान हुआ। वहीं उत्तराखंड राज्य की सभी पांच सीटों पर चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 53.56 प्रतिशत (सांय05:00 बजे) अपेक्षा से बहुत कम मतदान हुआ। उत्तराखंड राज्य में कुल औसत –
नैनीताल-उधम सिंह- 59.36,हरिद्वार – 59.01,अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ – 44.43,
टिहरी-उतरकाशी – 51.01 व
गढ़वाल – 48.79 प्रतिशत मतदान हुआ।
जबकि गत लोकसभा के लिए साल 2019 का औसत 58.01 प्रतिशत था।
प्रदेश में हुई आशा से कम मतदान से जहां राजनीतिक दलों की सांसें थम गई है। वहीं चुनावी विशेषज्ञ कम मतदान को लोकतंत्र की प्रति आम जनता की उदासीनता की साथ-साथ जनप्रतिनिधियों व सरकारों द्वारा आम जनहितों व सुख-दुख में उदासीन रहने को जिम्मेदार मान रहे हैं। देश के प्रमुख सामाजिक चिंतक व उत्तराखंड राज्य आंदोलन के पुरोधा देव सिंह रावत के अनुसार कम मतदान के लिए कहीं ना कहीं जनप्रतिनिधि वह सरकारें ही जिम्मेदार हैं। क्योंकि जब आम नागरिक यह देखा है कि देश की सरकार है व जनप्रतिनिधि उनके हितों की उपेक्षा करके अपने स्वार्थ में ही डूबे हुए हैं तो उनका मोह भंग हो जाता है। जो कम मतदान का कारण बना है। प्रथम चरण के मतदान के बाद प्यारा उत्तराखंड यूट्यूब चैनल में अपनी तीव्र प्रतिक्रिया प्रकट करती हुए देव सिंह रावत ने कहा कि देश के आम नागरिकों के सुख-दुख से न तो राजनीतिक दलों को कोई सरोकार है न ही सरकारों का। जनप्रतिनिधि एक प्रकार से दलीय गिरोह बंदी के ध्वजवाहक बन गये हैं। वे जनता की दुख दर्द में कहीं दूर तक खड़े नजर नहीं आते हैं। जिस प्रकार से आज आम नागरिक के लिए शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार व शासन तो दूर की कोड़ी साबित हो रही है। जनता महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार व आतंकवाद से त्रस्त है। भारत को तबाह करने के लिए पाक, चीन सहित विदेशी ताकतें निरंतर नापाक कृत्यों में संलग्न है परंतु देश की सरकार है राजनीतिक दल मात्र सत्तालोलुपता के लिए अंतुष्टीकरण में मस्त होकर देश की सुरक्षा व आम नगरों नागरिकों की खुशहाली को भी दाव पर लगा रही है। इसी कारण जहां आम जनता का जीना दुश्वार हो रखा है वहीं जनप्रतिनिधि अपने सुविधा वेतन-भत्ते व सत्ता लोलुपता में है निरंतर मस्त हैं इनकी संपत्तियां दिन दुगनी रात चौगुनी बढ़ रही है। यह देखकर आम जनता के मन में चुनाव को लेकर यही विचार सामने आता है कि कोई बने नृप हमें ही हानि। जब आम नागरिक यह देखा है की राजनीतिक दल उनके दुख दर्द में समर्पित नेताओं की जगह राजनीतिक दलों के आकर अपने अलोकतांत्रिक व जन विरोधी प्यादों को प्रत्याशी के रूप में उतरते हैं तो इससे आम जनता का मतदान की प्रति मोह भंग हो जाता है और मतदान का प्रतिशत निरंतर गिरता रहता है। राजनीतिक दलों की यह गिरोह बंदी व जन विरोधी मनोवृति ही देश में लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा बन गया है।इसी कारण से देश का आम जनमानस मतदान से दूर रह रहा है।
उतराखण्ड की सभी 5लोकसभा क्षेत्र में
कुल मतदाताओं की संख्या 83,21 207 है । टिहरी उत्तरकाशी संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 1574 144 है। इस संसदीय क्षेत्र में 2462 मतदान केंद्र है।
गढ़वाल लोकसभा संसदीय क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 1366 983 है। यहां 2365 मतदान केंद्र हैं।
अल्मोड़ा पिथौरागढ़ संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 1337 648 है तथा इस संसदीय क्षेत्र में मतदान केंद्रो की संख्या 2256 है।
नैनीताल उधम सिंह नगर संसदीय क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 1337 648 है, यहां 2328 मतदान केंद्र हैं।
वही हरिद्वार संसदीय क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 20 10 800 है। यहां मतदान केंद्र 2318 हैं। मतदाताओं की संख्या की दृष्टि से सबसे अधिक मतदाता हरिद्वार संसदीय क्षेत्र में हैं तथा सबसे कम मतदाता आरक्षित सीट अल्मोड़ा पिथौरागढ़ में हैं।
यहां पहले चरण के तहत ही 11729 मतदान केंद्रों में मतदान-19 अप्रैल 2024 को हुआ । पूरे देश में एक साथ मतगणना 4 जून 2024 को होगी ।
उल्लेखनीय है कि उतराखण्ड में निष्पक्ष लोकसभा चुनाव 2024 को सम्पन्न कराने के लिये प्रशासन ने कमर कसी थी।
उल्लेखनीय है कि 18 वीं लोकसभा की गठन के लिए देश में 19 अप्रैल से 01 जून 2024 तक, सात चरणों में हो रहे लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में 19 अप्रैल 2024को उत्तराखंड की सभी पांच सीटों, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश राजस्थान असम सहित 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों के लिए मतदान हुआ। इन राज्यों में 19 अप्रैल को होने वाले मतदान को संचालित करने के लिए मतदान व सुरक्षाकर्मी मतदान मशीनों सहित मतदान केंद्रों तक पहुंचे।
लोकसभा चुनाव 2024 में मुख्य मुकाबला केंद्रीय सत्ता में आसीन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाले भाजपा नेतृत्व वाले राजग गठबंधन का कांग्रेस सहित दो दर्जन से अधिक विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन के बीच में होने जा रहा है। इनके अलावा बसपा सहित कुछ अन्य दल अकेले ही चुनावी जंग में उतरे हुए हैं। इन चुनाव में जहां मोदी की नेतृत्व वाली राजग गठबंधन अबकी बार 400 पार सीटों की हुंकार भर कर विपक्ष का मनोबल ध्वस्त करने की रणनीति से चुनावी जंग लड़ रहा है। वहीं इंडिया गठबंधन मोदी के नेतृत्व वाली राजग गठबंधन को देश की लोक शाही के लिए खतरा बताते हुए उसको परास्त करने की हुंकार भर रहा है।
देखना यह है कि सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 की मतगणना का परिणाम 4 जून को क्या आता है ?
लोकसभा चुनाव 2024 की पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल 2024 को देश की 102 लोकसभा क्षेत्रों में होगा। इसके तहत उत्तराखंड की सभी पांच सीटों के लिए भी मतदान 19 अप्रैल को किया जा रहा है।
उत्तराखंड में मुख्य मुकाबला सत्तासीन भाजपा बनाम कांग्रेस के बीच में हो रहा है।
उत्तराखंड में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के चुनावी दंगल में उतरने से दूर रहने के कारण पहले जो चुनाव भाजपा की तरफ एक तरफा लग रहा था,वो अब गढ़वाल लोकसभा चुनाव में कांग्रेसी प्रत्याशी गणेश गोदियाल के जुझारू तैवरों व उक्रांद प्रत्याशी आशुतोष नेगी के तीखे सवालों से भाजपा बुरी तरह घिर गई है। टिहरी में निर्दलीय प्रत्याशी बाबी पंवार को व्यापक जनसमर्थन के कारण भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर लग गई है।
इसके अलावा हरिद्वार लोकसभा सीट पर दबाव के कारण कांग्रेस की जीती सी हुई हरिद्वार लोकसभा सीट आसानी से भाजपा की झौली में जा रही है। खानपुर की सीट पर बसपा की प्रत्याशी व स्वतंत्र प्रत्याशी उमेश कुमार भी अपनी उपस्थिति मजबूती से दर्ज कर चुका है।
प्रदेश के राजनीति विशेषज्ञों के अनुसार जैसे ही चुनावी शंखनाद होने के ठीक पहले जैसे ही कांग्रेसी नेता हरक सिंह रावत ने चुनावी समर के लिए कमर कसी तो ठीक उसी समय हरक सिंह रावत पर जिस प्रकार से केंद्रीय जांच एजेंसियों ने वर्षों से लंबित पड़े पुराने मामले में ताबड़तोड़ कार्यवाही की तो, इससे भाजपा के मंसूबों को भांप कर न केवल हरक सिंह रावत ने अपितु कांग्रेसी दिग्गज हरीश रावत व यशपाल आर्य ने चुनावी समर से दूरी बना ली। इसके बाद स्थितियों को भांपते हुए टिहरी लोक सभा क्षेत्र के सशक्त उम्मीदवार प्रीतम सिंह ने भी चुनाव न लड़ने का ऐलान किया। कांग्रेसी प्रत्याशी जोत सिंह गुनसोला प्रदेश के ईमानदार नेताओं में जाने जाते हैं, परंतु कांग्रेस संगठन की कमजोरी व अर्थाभाव के कारण वे भाजपा की संसाधनों व नेताओं के सैलाब का मुकाबला करने में 19 ही नजर आ रहे हैं।
अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र पर भाजपा व कांग्रेस की परंपरागत प्रतिद्वंदी अजय टम्टा व प्रदीप टम्टा के बीच में मुकाबला रोचक होगा। इस समय इस क्षेत्र में कांग्रेसी प्रत्याशी प्रदीप टम्टा, भाजपा प्रत्याशी अजय टम्टा से गत लोकसभा चुनाव से बेहतर ही टक्कर दे रहे हैं।
वहीं नैनीताल उधम सिंह नगर संसदीय सीट पर अगर कांग्रेस अपने मजबूत प्रत्याशी यशपाल आर्य को चुनावी दंगल में उतारती तो यहां भाजपा को यह सीट जीतना मुश्किल हो जाता। परंतु इस सीट पर कांग्रेस आला नेतृत्व के करीबी प्रकाश जोशी भाजपा से मुकाबले में वह स्थिति नहीं बन पा रहे हैं जिसकी यहां की कांग्रेसियों को अपेक्षा है।
सन् 2024 की इन लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की पांच सीटों के लिए जहां 97 प्रत्याशियों ने अपने नामांकन दाखिल किया जिम 86 प्रत्याशियों का नामांकन स्वीकार किया 10 प्रत्याशियों का नामांकन त्रुटि पूर्ण होने के कारण निरस्त किया गया तथा एक प्रत्याशी ने अपना नाम वापस लिया इस प्रकार 55 प्रत्याशी इस चुनावी दंगल में मतदानी जंग में उतरे हुए हैं।
उत्तराखंड में अल्मोड़ा पिथौरागढ़ लोकसभा सीट के लिए जहां 16 नामांकन दाखिल हुए ,15 स्वीकार किए गये,1ने नाम वापसी की। इस प्रकार चुनावी मैदान में 7 प्रत्याशी डटे हुए हैं।
अल्मोड़ा पिथौरागढ़ संसदीय क्षेत्र से प्रमुख उम्मीदवारों में वर्तमान भाजपा सांसद अजय टम्टा कांग्रेसी प्रत्याशी प्रदीप टम्टा बस सपा प्रत्याशी नारायण राम -उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के किरण आर्य व इंजीनियर ज्योति प्रकाश टम्टा सहित सात प्रत्याशी चुनावी जंग में उतरे हुए हैं।
वहीं गढ़वाल लोकसभा संसदीय क्षेत्र से 21 प्रत्याशियों ने नामांकन भरे, 20 के नामांकन स्वीकृत हुए,एक प्रत्याशी का नामांकन रद्द किया गया। इस प्रकार चुनावी दंगल में गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र से मतदान के लिए 13 प्रत्याशी चुनावी जंग में डटे हुए है।
गढ़वाल संसदीय क्षेत्र से प्रमुख उम्मीदवारों में भारतीय जनता पार्टी के अनिल बलूनी कांग्रेस के गणेश गौदियाल, उत्तराखंड क्रांति दल के आशुतोष नेगी, बसपा की धीर सिंह, श्यामलाल मुकेश प्रकाश दीपेंद्र नेगी सुरेश देवी सहित 13 प्रत्याशी चुनावी दंगल में है।
वहीं हरिद्वार लोकसभा सीट के लिए 30 प्रत्याशियों ने नामांकन की 21 प्रत्याशियों का नामांकन स्वीकृत किया गया 9 प्रत्याशियों का नामांकन निरस्त किया गया, किसी प्रत्याशी ने नामांकन वापस नहीं लिया। इसके कारण 14 प्रत्याशी चुनावी दंगल में डटे हुए हैं।
हरिद्वार संसदीय सीट के प्रमुख प्रत्याशियों में भाजपा से उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, कांग्रेस से उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पुत्र वीरेंद्र रावत, बसपा, निर्दलीय प्रत्याशी उमेश कुमार उत्तराखंड क्रांति दल के मोहन सिंह असवाल अकरम हुसैन अविनाश कुमार सहित 14 प्रत्याशी चुनावी दंगल में है।
टिहरी उत्तरकाशी संसदीय क्षेत्र में 15 उम्मीदवारों ने नामांकन किया और 15 उम्मीदवारों के ही नामांकन स्वीकृत किए गए किसी प्रत्याशी ने नाम वापस नहीं लिया। इस प्रकार 11 प्रत्याशी चुनावी दंगल में हैं।
टिहरी उत्तरकाशी संसदीय क्षेत्र से प्रमुख उम्मीदवारों में वर्तमान सांसद भाजपा प्रत्याशी माला राज्य लक्ष्मी शाह, कांग्रेस की जौत सिंह गुनसोला, बसपा के नेम चंद, उत्तराखंड क्रांति दल समर्थित स्वतंत्र प्रत्याशी बॉबी पवार, सुदेश तोमर, प्रेम दत्त सेमवाल, विपिन कुमार अग्रवाल सरदार खान पप्पू, ब्रृज भूषण कर्नवाल, साहित्य 11 प्रत्याशी चुनावी दंगल में हैं।
वहीं नैनीताल उधम सिंह नगर संसदीय क्षेत्र से 15 प्रत्याशियों ने नामांकन भरे, नामांकन जांच व नाम वापसी की बात 10 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है।
नैनीताल उधम सिंह नगर संसदीय क्षेत्र के प्रमुख उम्मीदवारों में भारतीय जनता पार्टी के मोदी सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट, कांग्रेस से राहुल गांधी के सिपाहे सलार प्रकाश जोशी, बसपा के अख्तर अली, उत्तराखंड क्रांति दल के शिव सिंह,भारत की लोक जिम्मेदार पार्टी के जीवन चंद्र उप्रेती, अमर सिंह सैनी सुरेंद्र सिंह,अखिलेश कुमार, रमेश कुमार मैक्स सहित 11 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है।
इस चुनाव को निष्पक्ष कराने के लिए जांच निर्वाचन आयोग ने कमर कसी हुई है इसी के तहत लोक सभा सामान्य निर्वाचन-2024 में उत्तराखंड राज्य में चुनाव सीजर मैनेजमेंट सिस्टम के अन्तर्गत 16 मार्च से प्रथम चरण के चुनाव सेपहले तक हुई कुल 16 करोड़ 05 लाख मूल्य की जब्ती की है।