किसी भी विदेशी संस्था को हमारी संप्रभुता और प्रतिष्ठा के साथ खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं दी जा सकती- उपराष्ट्रपति
अब भारत विरोधी कहानियों के कोरियोग्राफरों को प्रभावी ढंग से अस्वीकार करने का समय आ गया है- उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति ने छात्रों का भारतीय होने और भारत की ऐतिहासिक उपलब्धियों पर गर्व करने का आह्वान किया
उपराष्ट्रपति ने छात्रों से भ्रष्टाचार मुक्त और सहिष्णु समाज बनाने को कहा
उपराष्ट्रपति ने आईआईटी गुवाहाटी के 25वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया और मां कामाख्या मंदिर में पूजा-अर्चना की
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि समान नागरिक संहिता भारत और उसके राष्ट्रवाद को अधिक प्रभावी ढंग से बांध देगी और बल देकर कहा कि “यूसीसी लागू करने में किसी तरह की और देरी हमारे मूल्यों के लिए हानिकारक होगी।
Uniform Civil Code will bind Bharat & its nationalism more effectively.
Any further delay in implementation of #UniformCivilCode will be corrosive of our values. @IITGuwahati pic.twitter.com/QladDMqiCM
— Vice President of India (@VPIndia) July 4, 2023
उपराष्ट्रपति ने आज आईआईटी गुवाहाटी के 25वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए जोर देकर कहा कि राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत (डीपीएसपी) ‘देश के शासन में मौलिक’ हैं और उन्हें नियमों में बदलना राज्य का कर्तव्य है। यह उल्लेख करते हुए कि पंचायत, सहकारी समितियां और शिक्षा का अधिकार जैसे नीति निर्देशक सिद्धांत पहले ही कानून में बदल चुके हैं, उन्होंने रेखांकित किया कि यह संविधान के अनुच्छेद 44 को लागू करने का समय है।
भारत की छवि को धूमिल करने के प्रयासों और “लगातार राष्ट्र-विरोधी भारत विरोधी कथा रचने वालों के प्रति आगाह करते हुए श्री धनखड़ ने जोर देकर कहा, “यह सही समय है कि भारत-विरोधी कथा के कोरियोग्राफरों को प्रभावी ढंग से अस्वीकार कर दिया जाए।
It is high time that the choreographers of the anti-Bharat narrative orchestration are effectively rebuffed. @IITGuwahati pic.twitter.com/4bfQQEkGGV
— Vice President of India (@VPIndia) July 4, 2023
उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि “किसी भी विदेशी संस्था को हमारी संप्रभुता और प्रतिष्ठा के साथ खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। भारत को सबसे पुराना, सबसे बड़ा, सबसे क्रियाशील और जीवंत लोकतंत्र बताते हुए, जो वैश्विक शांति और सद्भाव को स्थिरता दे रहा है, उपराष्ट्रपति ने बल देकर कहा, “हम अपने समृद्ध और फलते-फूलते लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थानों पर चोट नहीं झेल सकते।
No foreign entity can be allowed to tweak with our sovereignty and reputation. @IITGuwahati pic.twitter.com/j1TPztJjFu
— Vice President of India (@VPIndia) July 4, 2023
उन्होंने भ्रष्टाचार को कतई सहन नहीं करने की नीति का जिक्र करते हुए भ्रष्टाचार मुक्त समाज बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘भ्रष्टाचार लोकतंत्र विरोधी है, भ्रष्टाचार खराब शासन है, भ्रष्टाचार हमारे विकास को कम करता है… भ्रष्टाचार मुक्त समाज आपके विकास की सबसे सुरक्षित गारंटी है। श्री धनखड़ ने इस बात पर भी अपनी अस्वीकृति व्यक्त की कि कुछ लोग भ्रष्टाचार के लिए पकड़े जाने पर कानूनी प्रक्रिया का सहारा लेने के बजाय सड़कों पर उतर आते हैं।
उपराष्ट्रपति ने छात्रों से भारतीय होने और इसकी ऐतिहासिक उपलब्धियों पर गर्व करने के लिए भी कहा। उन्होंने इच्छा व्यक्त की कि विद्यार्थी आर्थिक राष्ट्रवाद के प्रति प्रतिबद्ध हों और राष्ट्र और राष्ट्रवाद की कीमत पर आर्थिक लाभ लेने से बचें। उन्होंने छात्रों को दूरदर्शी व्यक्तित्व डॉ. बी. आर. अंबेडकर के बहुमूल्य शब्दों को भी याद दिलाया- “आपको पहले भारतीय होना चाहिए, अंत में भारतीय होना चाहिए और भारतीयों के अतिरिक्त कुछ भी नहीं।
श्री धनखड़ ने अपने दीक्षांत भाषण में विद्यार्थियों का ध्यान सहिष्णु होने की आवश्यकता की ओर भी आकर्षित किया। उन्होंने कहा, ‘हमें अन्य दृष्टिकोणों पर भी विचार करना चाहिए, क्योंकि अक्सर अन्य दृष्टिकोण सही दृष्टिकोण होता है।
उपराष्ट्रपति इससे पहले दिन में श्रीमती (डॉ.) सुदेश धनखड़ के साथ गुवाहाटी में प्रसिद्ध मां कामाख्या मंदिर गए और पूजा-अर्चना की। बाद में उन्होंने आईआईटी गुवाहाटी के विद्यार्थियों के साथ बातचीत की।
May Maa Kamakhya bless us all with eternal peace and prosperity!
Pleased to commence my visit to ‘Awesome Assam’ by seeking a blissful darshan at the most revered Shaktipeeth, Kamakhya Temple, which stands as a glorious symbol of our rich heritage. #KamakhyaTemple pic.twitter.com/GUjjeL2l7F
— Vice President of India (@VPIndia) July 4, 2023
इस अवसर पर असम के राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया, असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा, आईआईटी गुवाहाटी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. राजीव मोदी, आईआईटी गुवाहाटी के निदेशक प्रोफेसर परमेश्वर के. अय्यर, वरिष्ठ फैकल्टी सदस्यों, विद्यार्थियों और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
आईआईटी गुवाहाटी के 25वें दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति के संबोधन का पूरा पाठ पढ़ने के लिए क्ल्कि करें (https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1937287)
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