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मोदी सरकार ने की खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि व दलहन प्रोत्साहन की घोषणा📈

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खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि 📈

केन्द्रीय कैबिनेट ने विपणन सत्र 2023-24 के लिए सभी अधिदेशित खरीफ फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी को दी मंजूरी।

सरकार ने दलहन के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2023-24 की मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत अरहर, उड़द और मसूर की खरीद की सीमा हटाई; किसान इस वर्ष पीएसएस के तहत अरहर, उड़द और मसूर की अपनी उपज का कितना भी हिस्सा बेच सकते हैं

इस फैसले से आगामी खरीफ और रबी बुवाई के मौसम में इन दालों का बुवाई क्षेत्र बढ़ने की उम्मीद है

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने राज्य सरकारों को निर्देश भी दिया कि वे अरहर और उड़द पर लगी स्टॉक सीमा का सख्ती से पालन करना सुनिश्चित करें और उनकी कीमतों पर निगरानी रखें

06जून 2023,नई दिल्ली से पसूकाभास

खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि 📈

केन्द्रीय कैबिनेट ने विपणन सत्र 2023-24 के लिए सभी अधिदेशित खरीफ फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी को दी मंजूरी।

इसके अलावा दालों के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सरकार ने 2023-24 की मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत अरहर (तुअर), उड़द और मसूर पर लगी 40 प्रतिशत की खरीद सीमा को हटा दिया है। सरकार के इस फैसले से बिना किसी सीमा के किसानों से एमएसपी पर इन दालों की खरीद की जा सकती है। सरकार द्वारा लाभकारी कीमतों पर इन दालों की सुनिश्चित खरीद से किसानों को उत्पादन बढ़ाने के लिए आगामी खरीफ और रबी बुवाई के मौसम में अरहर, उड़द और मसूर के बुवाई क्षेत्र को बढ़ाने के लिए प्रेरित करने में मदद मिलेगी।

सरकार ने 2 जून, 2023 को आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 को लागू करते हुए अरहर और उड़द पर स्टॉक सीमा लगा दी थी ताकि जमाखोरी और अनैतिक व्यापार गतिविधियों को रोका जा सके तथा इस तरह उपभोक्ताओं को राहत दी जा सके। स्टॉक सीमा थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी श्रृंखला के खुदरा  विक्रेताओं, मिल मालिकों (चक्की वालों) और आयातकों के लिए लागू की गई है। इन सबके के लिए उपभोक्ता मामले विभाग के पोर्टल (https://fcainfoweb.nic.in/psp) पर अपने स्टॉक की स्थिति घोषित करना भी अनिवार्य कर दिया गया है।

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने अरहर और उड़द पर लगाई गई स्टॉक सीमा पर अगली कार्रवाई के तहत राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने राज्यों में इस सीमा का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें। इसके लिए राज्यों को विभिन्न गोदाम संचालकों के साथ सत्यापन करके कीमतों और स्टॉक की स्थिति की निगरानी करने के लिए भी कहा गया है। इसके साथ-साथ विभाग ने सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन (सीडब्ल्यूसी) और स्टेट वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन (एसडब्ल्यूसी) को भी उनके गोदामों में रखी अरहर और उड़द से संबंधित विवरण उपलब्ध कराने को कहा है।

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