उत्तर प्रदेश देश

अतीक अहमद सहित 3 आरोपियों को(उमेश पाल अपहरण मामले में) उम्र कैद की सजा , 7बरी

4 दशक के अपराधिक जीवन में पहली बार किसी अदालत ने अतीक अहमद को दोषी करार दिया

प्यारा उत्तराखंड डॉट कॉम

आज 28 मार्च 2023 को प्रयागराज अदालत में उमेश पाल अपहरण के मामले में 17 साल बाद कुख्यात अपराधी अतीक अहमद सहित 3 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई व उसके भाई सहित 7 आरोपी बरी कर दिया ।उमेश पाल अपहरण मामले में माफिया अतीक अहमद, दिनेश पासी और उसके वकील खान सौलत हनीफ को दोषी करार दिया गया है। तीनों दोषियों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही तीनों पर  1-1लाख रू का जुर्माना भी लगाया गया । वहीं अतीक के भाई अशरफ उर्फ खालिद अजीम सहित सात अभियुक्तों को कोर्ट ने सबूत के अभाव में बरी कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के बाद तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य उमेश पाल ने पुलिस को बताया था कि वह हत्या का चश्मदीद था। उमेश ने आरोप लगाया था कि जब उसने अतीक अहमद के दबाव में पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को उसका अपहरण कर लिया गया था।  जुलाई 2007 को इस मामले में 11आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

प्रयागराज की अदालत में इसका फैसला न्यायाधीश डॉक्टर दिनेश चंद्र शुक्ल ने उमेश पाल के अपहरण के मामले में कुख्यात अपराधी सहित 10 आरोपियों का मामले पर फैसला दिया। इस मामले पर पूरे देश के जागरूक लोगों की नजरें लगी हुई है। कानून के विशेषज्ञों के अनुसार इस प्रकार के मामले में अधिकतम सजा आजीवन कारावास की हो सकती है। परंतु इस मामले में पीड़ित पक्ष उमेश पाल के परिजन इन अपराधियों को फांसी की सजा की मांग कर रहे हैं। गौरतलब है कि कुछ ही समय पहले उमेश पाल की प्रयागराज में खुलेआम दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी और इस कांड में भी आरोपी अतीक अहमद, उसकी धर्मपत्नी, उसका भाई, दोनों बेटे सहित अन्य गुर्गे आरोपी बनाए गए हैं। इस मामले में अतीक के परिजन व गुर्गे फरार हैं। इस वीभत्स हत्याकांड से पूरे भारत की जनता स्तब्ध है इसी पर आक्रोशित होकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सदन में संकल्प लिया था इस कांड के गुनाहगार माफियाओं को वह मिट्टी में मिला देंगे। उनके इस संकल्प को पूरा करते हुए उत्तर प्रदेश शासन प्रशासन ने इस कारण में लिप्त अपराधियों के अवैध भवनों संपत्तियों पर जहां बुलडोजर चलाया। वहीं उनकी जबरदस्त धरपकड़ जा रही है।

इस मामले में सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि कुख्यात अपराधी अतीक अहमद के 4 दशक के लंबे सफर में यह पहली बार हो रहा है कि न्यायालय ने उसे किसी मामले में दोषी करार दिया है। उसकी इतनी दहशत है कि उसके खिलाफ कोई व्यक्ति गवाह देने के लिए तैयार ही नहीं होता था। उसकी इसी दहशत और राजनीतिक संरक्षण के कारण आम जनमानस के लिए वह न केवल दुर्दांत अपराधी हो गया था अपितु उत्तर प्रदेश के कई सता धारियों का अजीज भी हो गया था।

जिसके कारण उसको निरंतर राजनीतिक संरक्षण मिल रहा था। इसी संरक्षण के दम पर वह सांसद तक बनकर लोकशाही को बेनकाब कर चुका था। पहली बार उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने पर जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश के अपराधियों पर अंकुश लगाया गया। उसी के कारण आज अतीक अहमद जहां न्यायालय में दोषी ठहराया गया है। वही उसका पूरा कुनबा कटघरे में खड़ा है। अतीक ही नहीं अपितु मुख्तार अंसारी जैसी दुर्दांत माफिया भी इन दिनों उत्तर प्रदेश की जेलों के शिकंजे में जकड़े हुए हैं। जिस प्रकार से योगी आदित्यनाथ के शासन में अपराधियों वह देश विरोधी तत्वों पर अंकुश लगाया जा रहा है उससे उत्तर प्रदेश सहित देश की आम जनता मुक्त कंठ से सराहना कर रही है। इसी कारण उत्तर प्रदेश जो बीमारू राज्य के नाम से कुख्यात था वह आज देश का विकास की डगर भरने वाला अग्रणी राज्यों की पंक्ति में शुमार हो गया है। उत्तर प्रदेश में योगी के सुशासन के भय से तमाम अपराधी या तो जेलों में बंद हैं या प्रदेश छोड़कर कहीं भूमिगत या देश के अन्यत्र जेलों में सजा काट रहे है। अपनी राजनीतिक पहुंच के कारण पंजाब में जेल के अंदर पनाहगाह बनाने वाले मुख्तार अंसारी व गुजरात में जेल में बंद रहे अतीक अहमद जैसे कुख्यात अपराधियों को उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश में लाकर इनकी दहशत को जमींदोज करने का काम किया। आती अहमद को 17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण कांड की कार्यवाही में कटघरे में खड़ा करने के लिए जिस प्रकार से 26 मार्च 2023 को गुजरात के साबरमती जेल से भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सड़क मार्ग से उत्तर प्रदेश लाया गया उससे इस दुर्दांत अपराधी के चेहरे पर कानून व्यवस्था का खौफ पहली बार नजर आया। अतीक अहमद को उम्र कैद की सजा सुनाए जाने के बाद अब उमेश पाल हत्याकांड मामले में भी मामला चलेगा जिसमें अतीक अहमद सहित उनके परिजन आरोपी हैं। दुनिया को दहलाने वाले इस हत्याकांड के आरोपियों को सजा-ए-मौत की मांग देश के तमाम संगठन कर रहे हैं। इस तरह साफ हो गया है कि अब अतीक अहमद का आतंक का सफाया होना तय है।

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