’उत्तराखण्ड की विश्व स्तर पर पहचान बनाने का अवसर है जी 20 बैठक।’’ मुख्यमंत्री ने की आयोजित होने वाली जी20 बैठक की समीक्षा।’
देेवसिंह रावत
उतराखण्ड राज्य गठन के प्रमुख आंदोलनकारी संगठनों ने देश के प्रधानमंत्री मोदी से पुरजोर अनुरोध किया कि मार्च 2023 के अंतिम सप्ताह में उतराखण्ड में आयोजित होने वाली जी-20 की बैठक का आयोजन उतराखण्ड की जनांकांक्षाओं के प्रतीक राजधानी गैरसैंण में आयोजित करा कर उतराखण्ड राज्य गठन के लिये समर्पित आंदोलनकारी व शहीदों के समर्पण का सम्मान करें। आंदोलनकारियों ने प्रधानमंत्री का ध्यान इस बात की तरफ आकृष्ठ किया कि अभी इसी पखवाडे गैरसैंण विधानसभा में उतराखण्ड का विधानसभा सत्र सम्पन्न हुआ । इसके साथ हिमालय की गोद में गैरसैण के भराडीसैण में बना उतराखण्ड राज्य का एक मात्र निर्मित विधानसभा भवन देश की सबसे सुन्दर विधानसभा भवन भी हैैै। यहां से प्रकृति के विहंगम सौन्दर्य का आनंद लेकर विश्व के शीर्ष देश भारत की मुक्त कंठों से सराहना भी करेंगे। इसके साथ यहां इस आयोजन से उतराखण्ड का यह स्थल वैश्विक पर्यटको का आकर्षण का केंद्र भी बन जायेगा। जिसकी उपेक्षा करके उतराखण्ड सरकार ने अभी तक देश व उतराखण्ड को इससे लाभान्वित होने से वंचित रखा है। आशा है कि अगर प्रधानमंत्री इसमें दखल देंगे तो उतराखण्ड सरकार को अपने दायित्वों का बोध होगा। इससे देश व उतराखण्ड लाभान्वित भी होगा।
उतराखण्ड सरकार की अदूरदर्शी नजरिये के कारण यह स्थान अभी वैश्विक पर्यटन के नक्शे से गायब है। यहां की सरकारें व नेता अपने संकीर्ण नजरिये से यहां की निरंतर उपेक्षा कर केवल देहरादून व तराई क्षेत्रों को ही प्राथमिकता देते है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने 17 मार्च 2023शुक्रवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में जी 20 बैठक की आयोजन व्यवस्थाओं की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने इस माह के अंत में रामनगर में होने वाली जी 20 की पहली बैठक की सभी आवश्यक व्यवस्थायें समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिये। आयोजन की व्यवस्थाओं में किसी प्रकार की भी कोई कमी न रहे यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। यह विज्ञप्ति पढ़ कर उतराखण्ड के लिये समर्पित आंदोलनकारियों ने प्रधानमंत्री से यह गुहार लगाई।
17 मार्च को प्रदेश सरकार ने जी-20 की तैयारी बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस सन्धु एवं शासन के उच्चाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयुक्त कुमाऊँ तथा जिला अधिकारी ऊधमसिंह नगर व नैनीताल भी बैठक से जुड़े रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जी 20 की राज्य में आयोजित होने वाली बैठकों से विश्व स्तर पर उत्तराखण्ड की पहचान बनने का अच्छा अवसर है। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को इस आयोजन की व्यवस्थाओं की समय से सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर्यटन एवं जैव विविधता से पूरे विश्व को परिचित कराने का भी यह अवसर है इसके लिये सभी स्तरों पर बेहतर व्यवस्थायें सुनिश्चित की जाये। जिलाधिकारी उधमसिंह नगर एवं नैनीताल को उन्होंने निर्देश दिये कि पंतनगर से रामनगर तक के सड़क मार्ग को सुव्यवस्थित किया जाय। सड़कों की मरम्मत के साथ मार्ग के आस पास के क्षेत्रों में सफाई, सुरक्षा एवं सौन्दर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाये।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का भी यह अच्छा अवसर है। यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि जिन उत्पादों को हम व्यापक स्तर पर वैश्विक पहचान दिला सकते हैं, उनकी विशिष्टता की पहचान कर ली जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि जी-20 की बैठकों में आयोजन स्थल पर उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों पर आधारित स्टॉल लगाये जाएं। उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाएं। आयोजन स्थल पर योग एवं पंचकर्म की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में होने वाले जी-20 की बैठक के बेहतर आयोजन के लिए राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों के सुझाव भी लिया जाये। इस संबंध में व्यापक जन जागरूकता के प्रचार पर भी उन्होंने बल दिया।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु, सचिव शैलेश बगोली, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, दीपेन्द्र कुमार चैधरी, विनोद कुमार सुमन, डॉ. इकबाल अहमद, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी तथा वन, स्वास्थ्य एवं पुलिस के उच्चाधिकारियों के साथ वर्चुअल माध्यम से आयुक्त कुमाऊं दीपक रावत, जिलाधिकारी ऊधम सिंह नगर युगल किशोर पंत, जिलाधिकारी नैनीताल धिराज सिंह गार्बियाल एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।