रुद्रप्रयाग जनपद के जनप्रतिनिधियों से मिलने स्वयं मुख्यमंत्री पहुंचे रुद्रप्रयाग
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अंकिता प्रकरण में आकंठ घिरी उत्तराखंड प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार की छवि को जनता में उबारने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 8 अक्टूबर 2022 शनिवार को गढ़वाल विकास निगम तिलवाड़ा में जनपद के जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य ग्राम प्रधान, सभासदों एवं विभिन्न जनप्रतिनिधियों से संवाद किया। गौरतलब है कि आमतौर पर मुख्यमंत्री व मंत्री देहरादून स्थित अपने कार्यालय व आवास में जनता सहित जनप्रतिनिधियों को समय-समय पर मिलते रहते हैं। परंतु 2024 में पूरे देश में एक बार फिर मोदी को सत्तासीन करने के अभियान में जुटी भारतीय जनता पार्टी अपने मजबूत किले उत्तराखंड में इन दिनों प्रदेश के शासकों के कुशासन के कारण काफी अलोकप्रिय हो गई है। इसी को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी आला नेतृत्व में जहां एक तरफ मुख्यमंत्री सहित अनेक मंत्रियों व प्रदेश अध्यक्ष को दिल्ली में तलब करके उन्हें जनता के बीच भारतीय जनता पार्टी की छवि को युद्ध स्तर पर सुधारने का स्पष्ट निर्देश दिया है। हालांकि देश में बढ़ती हुई महंगाई, बेरोजगारी व कुशासन के कारण भारतीय जनता पार्टी की लोकप्रियता पर एक प्रकार से ग्रहण सा लग गया है। परंतु उत्तराखंड में सत्तासीन धामी सरकार के कुशासन, खासकर सरकारी नौकरियों की बंदरबांट व भारी भ्रष्टाचार, राजधानी गैरसैण, मुजफ्फरनगर कांड, मूल निवास, भू कानून, जनसंख्या पर आधारित विधानसभा की परिसीमन व अपराधियों पर नकेल न कसने आदि जनहित विरोधी कार्यों से भाजपा प्रदेश में बेहद अलोकप्रिय हो चुके हैं। प्रदेश सरकार की जनता में हो रही किरकिरी के कारण आलाकमान बेहद चिंतित है। परंतु उत्तराखंड के हितों को नजरअंदाज करके आलाकमान द्वारा अपने प्यादों को थोपने वाली राजनीति के कारण भाजपा के गढ़ समझे जाने वाले उत्तराखंड में भी जनता प्रदेश के कुशासन से बेहद त्रस्त है।
गौरतलब है कि जिस प्रकार से अंकिता भंडारी प्रकरण में भारतीय जनता पार्टी के नेता के पुत्र आरोपी निकले, उसके बाद जिस प्रकार से समय पर कार्रवाई नहीं की, उससे जनता बेहद आक्रोशित है। हालांकि जनाक्रोश को देखते हुए बाद में प्रशासन ने आरोपी भाजपा नेता के पुत्र को गिरफ्तार किया। परंतु न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस प्रकरण में जनता की नजरों में जहां प्रदेश सरकार व शासन कटघरे में दिखे, उससे जनता को आशा थी कि प्रदेश सरकार जन भावनाओं को सम्मान करते हुए एवं निष्पक्ष जांच करने के लिए इस प्रकरण की केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा जांच कराती। इसमें भी प्रदेश सरकार अभी तक विफल रही। प्रदेश भाजपा सरकार को इस प्रकरण से उबरने के लिए कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है। वहां अपनी खीज निष्पक्ष पत्रकारों पर उतारना चाहती है। वही सरकारी नौकरी में व्याप्त भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच करने के बजाय 22 सालों में हो रही इस बंदरबांट के गुनाहगारों को सजा देने के बजाय मात्र 6 साल पर कार्यवाही करके अपना मुखड़ा साफ करना चाहती है। इससे जनता का आक्रोश कम नहीं हुआ। इसे देखते हुए अब सरकार ने अधीनस्थ चयन आयोग के कुछ पूर्व पदाधिकारियों को घेरे में लिया है। परंतु जिस प्रकार से वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष से लेकर अब तक के सभी मुख्यमंत्री, कई मंत्री व नौकरशाह संदेह के घेरे में हैं ।उन पर कार्रवाई न करके मात्र प्यादों पर कार्रवाई करना जनता को चेहरा साफ़ करने के नाटक के अलावा कुछ नहीं दिखाई दे रहा है।
हालांकि प्रदेश के मुख्यमंत्री व संगठन इन दिनों पूरे प्रदेश की युद्ध स्तर पर दौरा कर रहे हैं जनता व जनप्रतिनिधियों से मिलकर सरकार के कार्यों का महिमामंडित कर रहे हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने कल रुद्रप्रयाग जनपद का भी दौरा किया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब जनप्रतिनिधि जनता के प्रति जिम्मेदार लोग हैं, सबका दायित्व है कि अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूर्ण मनोयोग से करें। उन्होंने कहा कि हमारा ध्येय होना चाहिए कि मिलकर विकास के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद स्तरीय जो काम हैं उनके लिए जनप्रतिनिधियों को देहरादून तक न आना पड़े। जिस कार्य का समाधान जहां हो सकता है वहीं उसे पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि हम सबको एक वर्क कल्चर स्थापित करना है।
मुख्यमंत्री ने चार धाम यात्रा के सफल संचालन के लिए सभी जनप्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान भी जनप्रतिनिधियों की अहम भूमिका रही यही कारण है कि हम सबने कोविड महामारी से डटकर मुकाबला किया। मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से आह्वान करते हुए कहा कि हम सब को वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने की दिशा में मिलकर काम करना है।
इस दौरान रुद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी, केदारनाथ विधायक श्रीमती शैला रानी रावत , बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, ज़िला पंचायत अध्यक्ष सुमन्त तिवाड़ी, पूर्व विधायक श्रीमती आशा नौटियाल व बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।