अरविंद केजरीवाल की कार्यप्रणाली से उनके गुरु #अन्ना_हजारे सहित देश की जनता निराश
प्यारा उत्तराखंड डॉट कॉम
अभी-अभी खबर आ रही है कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दाएं हाथ समझे जाने वाले मनीष सिसोदिया के आवास पर सीबीआई ने छापा मारा है। या छापा आबकारी घोटाले के संबंध में मनीष सिसोदिया की आवाज सहित 20 स्थानों पर छापामारी चल रही है।
आबकारी घोटाले में मनीष सिसोदिया की संलिप्तता का आरोप गाहे-बगाहे विपक्षी दल लगाते रहे ।इसी कारण शायद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कुछ महीने पहले मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी की आशंका को प्रकट की थी।
उल्लेखनीय है कि आबकारी घोटाले की सीबीआई की जांच करने की संस्तुति दिल्ली के उपराज्यपाल ने पहले ही दे दी है। उल्लेखनीय है कि शराब की नई नीति के कारण जहां दिल्ली को शराब का गटर बनाया गया। वहीं दिल्ली सरकार के राजस्व को 144 करोड रुपए का जो लाइसेंस शुल्क था उसे माफ करके एक प्रकार का दिल्ली के हितों पर वज्रपात किया गया। मनीष सिसोदिया के आवास पर सीबीआई की छापेमारी की भनक मिलते ही अरविंद केजरीवाल व मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर इसी भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली के जनहित के कार्यों में रुकावट डालने का अप्रत्यक्ष आरोप लगाते हुए कहा कि हम किसी भी प्रकार की जांच से नहीं डरते हैं और इस जांच में हम सहयोग करेंगे तथा दिल्ली में जनहित के कार्य इस प्रकार के दबाव में नहीं रुकेंगे।
सीबीआई द्वारा छापामारने के बाद अपने ट्वीट में मनीष सिसोदिया ने कहा कि सीबीआई आई है. उनका स्वागत है. हम कट्टर ईमानदार हैं . लाखों बच्चों का भविष्य बना रहे हैं।
हम सीबीआई का स्वागत करते हैं. जाँच में पूरा सहयोग देंगे ताकि सच जल्द सामने आ सके. अभी तक मुझ पर कई केस किए लेकिन कुछ नहीं निकला. इसमें भी कुछ नहीं निकलेगा. देश में अच्छी शिक्षा के लिए मेरा काम रोका नहीं जा सकता।
ये लोग दिल्ली की शिक्षा और स्वास्थ्य के शानदार काम से परेशान हैं. इसीलिए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और शिक्षा मंत्री को पकड़ा है ताकि शिक्षा स्वास्थ्य के अच्छे काम रोके जा सकें.
हम दोनों के ऊपर झूँठे आरोप हैं. कोर्ट में सच सामने आ जाएगा।
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्वीट में इस सीबीआई छापे की भर्त्सना करते हुए लिखा कि दिल्ली के शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल की पूरी दुनिया चर्चा कर रही है।इसे ये रोकना चाहते हैं।इसीलिए दिल्ली के स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्रियो पर रेड और गिरफ़्तारी।
75 सालों में जिसने भी अच्छे काम की कोशिश की,उसे रोका गया।इसीलिए भारत पीछे रह गया।
दिल्ली के अच्छे कामों को रुकने नहीं देंगे।
जिस दिन अमेरिका के सबसे बड़े अख़बार NYT के फ़्रंट पेज पर दिल्ली शिक्षा मॉडल की तारीफ़ और मनीष सिसोदिया की तस्वीर छपी, उसी दिन मनीष के घर केंद्र ने CBI भेजी
CBI का स्वागत है। पूरा cooperate करेंगे। पहले भी कई जाँच/रेड हुईं। कुछ नहीं निकला। अब भी कुछ नहीं निकलेगा।
बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे देश में जो अच्छा काम करता है उसे इसी तरह परेशान किया जाता है. इसीलिए हमारा देश अभी तक नम्बर-1 नहीं बन पाया.
जहां तक अरविंद और मनीष का सवाल है कि दिल्ली में रहते उन्होंने शिक्षा व चिकित्सा क्षेत्र में युगांतकारी व क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की दुहाई दे रहे हैं ।वह भी हकीकत से परे है। आम आदमी पार्टी की शिक्षा नीति भी पूर्व सरकारों की पद चिन्हों पर ही चलती है ।परंतु इसमें दो राय नहीं है कि उन्होंने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी की पूर्ववर्ती सरकारों से थोड़ा बेहतर कार्य शिक्षा व चिकित्सा के क्षेत्र में किया। परंतु यह भारत को गुलाम बनाने वाली मैकाले की शिक्षा नीति को जारी रखने की अन्य सरकारों की तरह शिक्षा नीति दिल्ली के स्कूलों में है। ऐसा ही काम मोहल्ला क्लीनिक के नाम पर दिल्ली के अस्पतालों में सुधार के दावे का है इसमें कुछ गुणात्मक सुधार हुई परंतु जो दावे किए जा रहे हैं वह सच्चाई से कोसों दूर हैं। उनके द्वारा दिल्ली में परिवहन निगम में महिलाओं को निशुल्क यात्रा की सुविधा देना एक प्रकार से लैंगिक भेद व अनावश्यक सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का गलत कदम ही माना जा सकता है।अरविंद केजरीवाल का यही बड़ा काम है कि वह जनता की आंख में धूल झोंकने का कार्य बड़ी मासूमियत से करते हैं ।वह काम एक करेंगे तो उसे 100 गुना बड़ा बताएंगे। दिल्ली में खेल विश्वविद्यालय के प्रकरण पर वे पूरी तरह से बेनकाब हो चुके हैं। भ्रष्टाचार के मामले पर भी अरविंद केजरीवाल की सरकार पूर्ववर्ती सरकारों की तरह ही अपनों का बचाव व विरोधियों के कृत्यों का उछाल करने के अलावा कोई कार्य नहीं कर पाये। उनके इन्हीं कार्यो के कारण उनके गुरु अन्ना हजारे भी उनकी इस कार्य प्रणाली से बहुत ही निराश हैं। जिस कार्य के लिए उन्होंने अन्ना आंदोलन के दौरान जनता को राजनीति में आने का भरोसा दिया वह कार्य करने की बजाय वह अन्य दलों की तरह ही सत्ता में बने रहने का तिकड़म करके देश व जनता को निराश कर रहे हैं। भले ही अरविंद केजरीवाल कांग्रेस के कमजोर होने का लाभ उठाते हुए देश में भारतीय जनता पार्टी का विकल्प बनने की कोशिश करने के लिए कुछ गुजरात से लेकर हिमाचल सहित पूरे देश में अपनी राजनीतिक फैलाने में लगे हैं। इस मामले में उन्हें पंजाब में सफलता भी मिल चुकी है। उनके राजनीतिक रूप से स्थापित होने में बाहरी तत्वों के साथ कांग्रेस व भाजपा का भी अपरोक्ष सहयोग है। परंतु देश में जिस ढंग से हुई युवाओं को कहते थे हम सत्ता के लिए नहीं अपितु व्यवस्था परिवर्तन के लिए राजनीति में आए हैं उस नजरिए से उन्होंने देश के युवाओं और जनता की आशाओं पर वज्रपात ही किया। यह कृत्य अरविंद केजरीवाल अपनी अंध सत्तालोलुपता के लिए कर रहे हैं। अपने एक एक सहयोगियों को जिस प्रकार से उन्होंने आप से ही बाहर धकेलने का कृत्य किया ।वह किसी भी स्थिति में न लोकतांत्रिक है न नैतिक ।वह केवल अवसरवादिता की एक पराकाष्ठा है
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में जिस प्रकार से अरविंद केजरीवाल सरकार ने आबकारी नीति में बदलाव करके शराब की नीति से दिल्ली को शराब मय कर दिया था उसका विरोधी दलों के साथ देश की जागरूक नागरिकों ने भारी विरोध किया था। भाजपा व कांग्रेस सहित तमाम दलों ने इसे शराब के व्यवसाय में लिप्त चंद माफियाओं को लाभ पहुंचाने के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था जब इस मामले की तह में जांच की गई तो इसे देखकर दिल्ली सरकार ने अपनी शराब नीति को पलट कर पुरानी शराब नीति को लागू करने का ऐलान किया परंतु तब तक बहुत देर हो गई थी जिस प्रकार से दिल्ली के एक मंत्री सत्येंद्र जैन जो अरविंद केजरीवाल के बहुत करीबी बताए जाते हैं वह भी भ्रष्टाचार के मामले में ही जेल में हैं। वहीं केजरीवाल पार्टी के कई नेताओं पर दिल्ली दंगों में संदिग्ध कार्य करने के आरोप लगाए जा रहे हैं और एक नेता जेल में भी बंद है। इस प्रकार देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना आंदोलन के घरों से निकले अरविंद केजरीवाल व उनकी मंडली के कारनामों को देखकर देश की जनता हैरान है कि किस प्रकार से आंदोलन के दौरान अरविंद केजरीवाल व उनकी मंडली दूसरी नेताओं पर आरोप लगाते हुए यह कहती थी कि जिस नेता पर भ्रष्टाचार का आरोप लग गया उसे तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए। परंतु जब हुए सत्तासीन हुई तो उनके कई नेताओं पर भ्रष्टाचार व अन्य मामलों में आरोप लगाएगी जेल में गए परंतु अरविंद केजरीवाल ने अभी तक उन पर कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। जिन लोगों को अरविंद केजरीवाल अन्ना आंदोलन के दौरान भ्रष्टाचारी बताकर उनको जेल डालने की हुंकार भरते थे। परंतु सत्ता में आने के बाद उनके साथ गलबहियां कर सरकार बनाने में भी अरविंद केजरीवाल करने से नहीं चूके।
भारत का दुर्भाग्य रहा कि यहां के नेताओं के भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी-बड़ी डींगे हांकते हैं। परंतु जैसे ही सत्ता में आते ही हुई पूर्व भ्रष्टाचारियों की तरह ही देश को लूटने लग जाते हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना आंदोलन के बाद दिल्ली की सत्ता में आये अरविंद केजरीवाल का असली चेहरा देखकर देश के लाखों लोग स्तब्ध हैं। देश के लोगों को विश्वनाथ प्रताप सिंह के भ्रष्टाचार की बातें याद आ गई। कितने जख्म दिए देश के हुक्मरानों ने देश की जनता को शिक्षा, चिकित्सा, न्याय व रोजगार से विमुख कर जातिवाद क्षेत्रवाद व संप्रदाय के जहरीले मुद्दों पर उलझाये रखा। देश में अल्पसंख्यक बहुसंख्यक क्षेत्रवाद व जातिवाद मेरे उलझे रहने के कारण आम नागरिक भारतीय तक नहीं बन पाया। देश को अपनी भाषा अपनी संस्कृति अपने मन से वंचित किया गया है। देश की दर्दनाक विभाजन के बाद देश के हुक्मरानों ने उन ताकतों को जमीदोज करने का काम नहीं किया, जिनके कारण विभाजन हुआ था। भारत विरोधी ताकतों को कुचलने की बजाय उनका शर्मनाक पोषण किया गया। आज की राजनीतिक दलों का एकमात्र लक्ष्य देश् व समाज सेवा न होकर केवल सत्ता में काबिज होकर अकूत संपत्ति अर्जित करना है। इसी मनोवृति के कारण भ्रष्टाचारी तत्वों पर इमानदारी से अंकुश लगाने में सभी दल असफल रहे दूसरों को नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले अधिकांश दल खुद उस पथ पर नहीं चलते हैं।