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उदयपुर की हैवानियत भारत के साथ  विश्व  मानवता के लिए है गंभीर खतरा

अंध तुष्टिकरण व कट्टरपंथी तत्वों पर लगाया जाए कड़ा अंकुश

देव सिंह रावत
भारत पाक सीमा से लगे प्रांत राजस्थान के उदयपुर शहर में कल 28 जून 2022 की दिन दोहपरी में दो हैवानों ने एक दर्जी कन्हैया लाल को ग्राहक बनकर उसी के दुकान में बहुत ही निर्मलता से उसे मौत के घाट उतारा। यही नहीं इसके बाद उन दोनों हैंवानो ने इस जघन्य हत्या का वीडियो बनाकर इसे नूपुर शर्मा प्रकरण का समर्थन करने का दोषी बताते हुए उसके सर कलम करने की कृत्य को जायज ठहराते हुए देश के प्रधानमंत्री मोदी को भी खुली धमकी दी। इसके तुरंत बाद ही इन दोनों हैवानों ने इसका वीडियो पूरी दुनिया में दहशत फैलाने के लिए इंटरनेट जगत में जारी कर दिया।
इस हैवानियत की पराकाष्ठा देख सुन कर पूरा विश्व स्तब्ध होने के साथ आक्रोशित हो गया। इस घटना के खिलाफ जनता में भड़के आक्रोश पर अंकुश लगाने के लिए उदयपुर के नौ थाना क्षेत्रों में तुरंत कर्फ्यू लगाया गया। इसके साथ पूरे राजस्थान में धारा 144 लगाई गई।
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने इस घटना की कड़ी भर्त्सना करते हुए दोषियों को के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया इस प्रकरण के कुछ ही घंटों बाद राजस्थान पुलिस ने दोनों अपराधियों को दबोच लिया। इस खौफनाक घटना से पूरा देश उद्वेलित हो गया देश के प्रधानमंत्री गृहमंत्री, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रियंका, मायावती, अखिलेश यादव सहित सभी दलों के नेताओं ने इस प्रकरण की तीव्र भर्त्सना करते हुए गुनाहगारों को तुरंत कड़ी सजा देने की मांग की। इसके साथ देशवासियों से समाज में शांति बनाए रखने का अनुरोध भी किया। इस घटना की सभी धर्मों के प्रमुखों ने कड़ी भर्त्सना की वही इस बात पर गहरी चिंता प्रकट की कि भारत में इस प्रकार की तालिबानी हरकतों को सर न उठाने दिया जाए। इन दोनों हैवानों का संबंध पाकिस्तान की कुख्यात एजेंसी व आतंकियों से कहां तक गठजोड़ है इसकी जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी तुरंत सक्रिय हो गई है।
गौरतलब है कि गत माह एक खबरिया चैनल की बहस में एक नादान मुस्लिम पक्षकार ने जब भगवान शिव को अपमानित करते हुए अपशब्द कहे तो अपनी धार्मिक आस्था पर इस गंभीर हमले पर प्रहार करते हुए भाजपा की प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने कुरान आदि में उल्लेखित घटना का बखान किया। तो मुस्लिम पक्षकार हैं इसे पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब का अपमान बतया। जबकि इसी प्रकार के बयान इस्लामिक कट्टरपंथी मौलाना समय-समय पर देते रहे ।परंतु इनके बयानों पर किसी ने हाय तोबा नहीं मचायी। इसके बाद इस मामले को मुस्लिम कट्टरपंथियों व धार्मिक गुरुओं ने इस्लाम का अपमान बताते हुए सड़कों पर देशव्यापी हिंसक प्रदर्शन किए। यही नहीं यह तमाम कट्टरपंथी सड़कों पर इस अपराध का दंड सर धड़ से अलग करने का खौफनाक नारे लगा रहे थे। किसी भी मुस्लिम परस्त धार्मिक, राजनैतिक व सामाजिक रहनुमा ने कट्टरपंथियों द्वारा मुस्लिमों को भड़काने के लिए लगाए जा रहे इस हैवानियत भरे नारे पर अंकुश लगाने या इसका विरोध करने का अपना दायित्व तक नहीं निभाया। इस पूरे प्रकरण में भारत के तथाकथित तमाम मौलाना, राजनेताओं व विश्व भर के तमाम इस्लामिक विद्वानों को पाकिस्तान के उस मौलाना से सीख लेनी चाहिए जिन्होंने नूपुर शर्मा प्रकरण पर उस खबरिया चैनल पर नूपुर शर्मा की आस्था को रोदने वाले मुस्लिम को दोषी ठहराते हुए, सत्य का बोलने का साहस जुटाया।
इस प्रकरण पर न केवल सड़कों पर अपितु खबरिया चैनलों व इंटरनेट की दुनिया में खौफनाक नारों, धमकियों व नफरत फैलाने वाली बातों की एक प्रकार से बाढ़ सी आ गई। सबसे हैरानी की बात है कि जिस कन्हैया लाल की निर्मम हत्या कल हैवानों द्वारा की गई। उसको इसी प्रकरण में हैवान पहले ही मारने की खुलेआम धमकी दी थी। पुलिस प्रशासन से शिकायत करने के बावजूद पुलिस प्रशासन ने उन गुनाहगारों को दबोच कर मृतक को सुरक्षा देने का दायित्व तक नहीं निभाया। उल्टा उसे ही प्रताड़ित कर उसे एक प्रकार से है वनों के आगे असहाय ही छोड़ दिया।

इस प्रकार की हैवानियत को भारत में बढ़ावा देने के लिए मूल रूप से गुनाहगार हैं वे राजनीतिक दल जो अपने कुर्सी के लिए न्याय का गला घोट कर अन्य तुष्टिकरण करने पर उतारू हैं जिसके कारण देश की सुरक्षा व अमन-चैन पर इस प्रकार का जघन्य गंभीर खतरा मंडराने लगा है। अगर इस प्रकार के नारे लगाने वाले हैवानों, कट्टरपंथियों और उनके आकाओं पर समय रहते उत्तर प्रदेश के योगी सरकार की तरह कड़ी कार्रवाई की जाती तो इस प्रकार किए कृत्य करने की हिम्मत जुटाने से पहले अपराधी सौ बार सोचते।
उत्तर प्रदेश के कानपुर सहित देश के विभिन्न शहरों में इस पर हजारों हजार मुस्लिम समाज के लोग सड़कों पर उतरे। यही नहीं विश्व में मुस्लिम देशों के इस्लामिक संगठन जिसके 56 देश सदस्य है उसने भी भारत में हुई इस घटना की कड़ी भर्त्सना की इसके साथ ही खाड़ी के कई देशों ने भारत में मोहम्मद साहब के अपमान पर गहरी नाराजगी प्रकट करते हुए भारतीय राजदूत को भी तलब किया। इस विश्वव्यापी प्रकरण पर भारत में खेद प्रकट करते हुए संबंधित देशों को स्पष्ट किया कि भारत सभी धर्मों संप्रदायों का वह जनता की जनता की धार्मिक आस्था का सम्मान करता है। भारत सरकार, राज्यों की तमाम सरकारों और राजनीतिक दलों को इस हैवानियत के बाद सबक लेकर इस बात का प्रबंध करना चाहिए कि किसी भी सूरत पर देश की सद्भावना शांति से खिलवाड़ करने वाले इस प्रकार की हैवानियत सर ना उठा पाए। इसके लिए अपराधियों को तुरंत त्वरित न्यायालयों में वाद चलाकर 6 माह में ही सजा-ए-मौत का प्रावधान किया जाना चाहिए। मुस्लिम समुदाय सहित सभी धर्मों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि भारत किसी भी कीमत पर तालिबानी हरकतों को स्वीकार नहीं करेगा। यहां पर तालिबानी करण करने की कोशिश करने वाले तत्वों को, उनके रक्षक आकाओं को तुरंत गिरफ्तार करके, उनकी नागरिकता को रद्द करके, उनकी संपत्ति को ज़ब्त करके उन्हें आजीवन सजा देने के बाद देश निकाला दिया जाना चाहिए। जब तक कड़ाई से इस प्रकार के तत्वों पर अंकुश नहीं लगाया जाएगा, तब तक इस प्रकार के तत्व देश के अमन चैन और सौहार्द को अपने आकाओं के इशारे पर तहस-नहस करेंगे।

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