• आज शाम तक श्री बदरीनाथ एवं केदारनाथ पहुंचे पौने दो लाख से अधिक श्रद्धालु।
• श्री गंगोत्री यमुनोत्री पहुंचे सवा लाख।
चार धाम यात्रियों के लिए शासन ने स्वास्थ्य सेवाओं का किया विशेष प्रबंध
11 मई 2022 देहरादून से प्याउ व उसूके ।
उत्तराखंड चारधाम पहुंचनेवाले तीर्थयात्रियों की संख्या तीन लाख से अधिक पहुंच गयी है ।तीर्थयात्रियों ने चारधाम यात्रा के प्रति अति उत्साह देखा जा रहा है ।पंजीकरण काउंटरों पर लंबी लाईने है ।तो बड़ी संख्या से सड़क मार्ग एवं हैली से तीर्थयात्री चारधाम पहुंच रहे है। आज शाम तक तक 288464 तीर्थयात्री चारधाम पहुंच गये हैं।
कुछ देर में यह संख्या तीन लाख से अधिक हो जायेगी।तीर्थयात्रियों को हर स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया हो इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी कर दी है।श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 8 मई को खुले आज 11 मई शाम तक 63337 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके है इसी तरह श्री केदारनाथ धाम में कपाट खुलने की तिथि 6 मई से आज 11 मई शाम तक तक 111538 तीर्थयात्रियों ने दर्शन कर लिए हैं। श्री बदरीनाथ धाम में आज चार बजे शाम तक 9365 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किये जबकि आज शाम तक 14995 श्रद्धालुओं ने श्री केदारनाथ जी के दर्शन कर लिए है।
श्री गंगोत्री धाम मे तीन मई से 10 मई तक 60630 तथा यमुनोत्री धाम में 52959 तीर्थयात्रियों ने दर्शन कर लिए है।
बताया कि श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय बदरीनाथ धाम एवं श्री केदारनाथ में यात्रा व्यवस्था का जायजा लेकर आजकल बदरीनाथ धाम में यात्रा की मानिटरिंग कर रहे है। अजेंद्र अजय ने यात्रियों से पंजीकरण, स्थानीय यात्रा मार्ग के मंदिरों में दर्शन किये जाने सहित आवासीय व्यवस्थाओं की सुनिश्चितता, स्वास्थ्य सुविधाओं के उपयोग हेतु तीर्थयात्रियों से अपील की है।
वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड शासन चार धाम की यात्रा के दौरान कई तीर्थ यात्रियों के आकस्मिक निधन की खबरों को देखते हुए यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सेवाओं का विशेष प्रबंध किया है ।उत्तराखण्ड की महत्वपूर्ण चारधाम यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर महानिदेशक डा० शैलजा भट्ट ने यात्रा मार्ग से सम्बन्धित जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारियों के साथ स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की
डा० भट्ट ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि चारधाम चात्रा के महत्वपूर्ण धाम केदारनाथ मार्ग में 08 स्थायी चिकित्सालय तथा 14 अस्थाई मेडिकल रीलिफ पोस्ट बनाये गये हैं, गंगोत्री मार्ग में 10 स्थायी चिकित्सालय एवं 03 अस्थाई मेडिकल रीलिफ पोस्ट, बद्रीनाथ मार्ग पर 19 स्थायी चिकित्सालय तथा 02 अस्थाई मेडिकल रीलिफ पोस्ट एवं यमुनोत्री मार्ग पर 11 स्थायी चिकित्सालय एवं 04 अस्थाई मेडिकल रीलिफ पोस्ट कार्य कर रहे हैं। यमुनोत्री मार्ग पर 08 फर्स्ट मेडिकल रिस्पोन्डर इकाईयां भी उपलब्ध हैं। यात्रियों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए 132 चिकित्सकों को विभिन्न अस्पतालों में तैनात किया गया है और सभी को 24×7 मुश्तैद रहने के निर्देश दिये गये हैं।
महानिदेशक ने बताया कि आकस्मिक उपचार एवं दुर्घटना / ट्रामा के दौरान रक्त की आवश्यकता को देखते हुए यात्रा मार्ग में 08 ब्लड बैंक तथा 04 ब्लड स्टोरेज यूनिट भी संचालित हो रही हैं। यात्रियों को किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य सूचना के लिए 104 हैल्प लाइन काम कर रही है जबकि 108 आपातकालीन सेवा की 102 एम्बुलेन्स तथा एडवान्स लाइफ सपोर्ट एम्बुलेन्स भी इस यात्रा के लिए प्रमुख एवं संवेदनशील स्थानों पर तैनात की गयी हैं।
चारधाम यात्रा के आरम्भिक दिनों में हुई 23 यात्रियों की आकस्मिक एवं दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु के कारणों के बारे में जानकारी देते हुए महानिदेशक ने कहा कि इनमें से कोई भी मृत्यु अस्पताल में नहीं हुई है और मृत्यु से पूर्व कोई भी हताहत यात्री चिकित्सालय पर उपचार हेतु नहीं लाया गया। सभी मृत्यु के सम्भावित कारणों में आकस्मिक हृदयघात हाईपरटेंशन, पूर्व में कोविड तथा अन्य बीमारियों से ग्रसित होना पाया गया है। महानिदेशक ने सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को इस बावत विस्तृत रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए।
महानिदेशक ने यह भी बताया की सचिव, चिकित्सा श्रीमती राधिका झा द्वारा भी यात्रा के दौरान स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की समीक्षा की गयी जिसमें एस.डी.आर.एफ. की टीम को मेडिकल टीम के साथ समन्वय करने के निर्देश दिये गये ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में यात्रियों को त्वरित सहायता प्रदान की जा सके।