समारोह में चुनावी गुटबाजी को भूला कर सभी सदस्य एक परिवार के रूप में इस समारोह में सम्मलित हुए। इस समारोह में सम्मलित होने वालों में पूर्व अध्यक्ष महिमानंद द्विवेदी, बिक्रम अधिकारी, मदन बुडाकोटी, गंभीर सिंह नेगी व सूरत सिंह रावत,, पूर्व महासचिव महावीर राणा, पवन कुमार मैठानी, महादेव बलूनी व डीपी भट््ट, पूर्व कोषाध्यक्ष ज्ञानचंद रमोला, अषाड सिंह अधिकारी, उदय सिंह नेगी, श्री केमवाल, शैलेंद्र नेगी,भारत सरकार के पूर्व सेवानिवृत सचिव नेगी हर्ष बर्धन खण्डूडी, आंदोलनकारी खुशहाल सिंह बिष्ट,
उल्लेखनीय है कि इसी सप्ताह 7 नवम्बर को नई कार्यकारणी के गठन के लिए हुए चुनाव सम्पन्न हुआ था। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में उत्तराखंड की सबसे प्राचीन व सबसे बड़ी सामाजिक संस्था के नाम से विख्यात सभा के सदस्यों की संख्या 4325 है। आज सुबह से दिनभर चली मतदान में केवल एक तिहाई के करीब सदस्यों ने इस चुनाव में भाग लिया। मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होने के बाद चुनाव अधिकारी ने मतगणना करा कर रात को सीट चुनाव परिणाम घोषित कर दिए।आम चुनाव में अजय बिष्ट, द्वारिका प्रसाद भट्ट व अनिल पंत के नेतृत्व वाला पैनल-1 भारी मतों से विजयी रहा।
चुनाव परिणाम आशा के अनुरूप शांतिपूर्ण ही रहे। उल्लेखनीय है कि प्रचार के दौरान ही सभा की मुख्य स्तंभ रहे विक्रम अधिकारी,महावीर राणा, गंभीर सिंह नेगी, जवाहर नेगी आदि प्रमुख लोग अजय बिष्ट के नेतृत्व वाली पैनल का समर्थन करके प्रचार में बढ़त हासिल कर चुके थे। वहीं पैनल 2 बृज मोहन उपरेती जेसे प्रभावशाली लोगों के समर्थन वाला था।
मतगणना के अनुसार अध्यक्ष पद के प्रत्याशी अजय बिष्ट को इस चुनाव में सबसे अधिक 842 मत मिले वहीं उनकी निकट प्रतिद्वंदी शैलेंद्र नेगी को मात्र 493 मत मिले।
उपाध्यक्ष पद के लिए बीजेपी प्रत्याशी जय सिंह राणा को 777 मत मिले ।वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंदी बिशन सिंह राणा को 672 मत मिले।
वहीं महासचिव पद के लिए द्वारिका प्रसाद को 781 व उनके निकट प्रतिद्वंदी पवन कुमार मैठानी को 581मत मिले।
कोषाध्यक्ष के पद के लिए विजयी रहे अजय बिष्ट दल के गुलाब सिंह जयाड़ा 763 व पराजित प्रत्याशी राजेश राणा को 592मत मिले।
वहीं उप कोषाध्यक्ष पद के लिए विजई प्रत्याशी अनिल पंत को 755 व पराजित उम्मीदवार राजेंद्र प्रसाद चमोली को 622 मत मिले।
सचिव पद पर विजयी प्रत्याशी दीपक द्विवेदी को 786 मत मिले। वही पराजित प्रत्याशी वीरेंद्र नेगी को 576 मत मिले।
संगठन सचिव पद के लिए विजय प्रत्याशी मुरारी खंडूरी को 786 मत व पराजित प्रत्याशी जगत सिंह असवाल वालों को 484 मत मिले।
सांस्कृतिक सचिव के पद पर विजयी प्रत्याशी संयोगिता ध्यानी को 806 व उनके निकटतम प्रतिद्वंदी सतीश गौनियाल को 557 मत मिले।
वही खेल सचिव पद के लिए विजयी प्रत्याशी भगवान सिंह नेगी को 798 मत मिले तथा उनके निकट प्रतिद्वंदी पूरण सिंह नेगी को 561 मत मिले।
साहित्य सचिव पद के लिए विजयी रही अजय बिष्ट दल के प्रत्याशी मनोरमा भट को 802 व पराजित प्रत्याशी कुलदीप सिंह केमवाल को 586 वोट मिले।
इसके साथ कार्यकारिणी की सभी पदों के लिए अजय बिष्ट दल के सभी प्रत्याशी ही विजय हुए। इस प्रकार इस दल को इस चुनाव में एक तरफा विजय मिली। अजय बिष्ट दल के सभी कार्यकारणी के सदस्य एकतरफा निर्वाचित हुए। कार्यकारणी के सदस्यों में राजेश्वर शर्मा, आजाद नेगी, अर्जुन सिंह राणा,, विकास चमोली,लखपत सिंह नेगी, जोतसिंह भण्डारी,यशोदा घिल्डियाल, जगत सिंह पंवार, रूपचंद बरौली, देवेश नौेटियाल,मंगल सिंह नेगी,सुधीस नेगी, शीशपाल अधिकारी, रामस्वरूप कंसवाल व धीरेंद्र रावत निर्वाचित हुए ।
पिछली बार गढ़वाल भवन के चुनाव में
गढ़वाल भवन की राजनीति की सबसे असरदार क्षत्रप विक्रम अधिकारी व बृज मोहन उपरेती एक साथ होने से चुनाव परिणाम विजय दल के साथ रहा परंतु इस बार विक्रम अधिकारी व बृज मोहन उपरेती अलग-अलग दलों को समर्थन कर रहे थे। इस बार भी विक्रम अधिकारी समर्थित संगठन गढ़वाल भवन में विजयी रहा।
इसके अलावा जीत के प्रमुख कारण यह भी रहा कि विजय दल ने अब तक उपेक्षित व वंचित रहे जनपदों को भी अपने दल में प्रमुख प्रतिनिधित्व दिया।
इसके साथ विजयी दल के साथ खुल कर समर्थन कर रहे अग्रणी समाजसेवी व गढ़वाल भवन में पूर्व महासचिव रहे महावीर सिंह राणा ने कहा कि नए प्रतिभाशाली लोगों को भवन में कार्य करने का अवसर मिलना चाहिए। चुनाव परिणाम से सदस्यों ने इस बात का पूरा समर्थन किया इसके लिए सबको धन्यवाद आशा प्रकट की कि चुनाव के मतभेदों को भुलाकर अब सभी सदस्य भवन की प्रगति के लिए एक परिवार की तरह एकजुट होकर कार्य करेंगे।
उल्लेखनीय है कि दोनों दलों ने ही भवन में हुए व्यापारी के अतिक्रमण को मुक्त करने का सदस्यों को प्रथम आश्वासन दिया है। वही विजयी रहे अजय बिष्ट दल ने आजादी के महानायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की मूर्ति लगाने का जो आश्वासन दिया था अब उस को साकार करना विजयी दल का पहला काम होगा।
इसके साथ गढ़वाल भवन में नए सदस्यों को सम्मलित करने का भी आश्वासन विजयी दल ने दिया है।