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फरवरी माह में सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं नहीं होगी : शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने देश के शिक्षकों के साथ वर्चुअल माध्यम से बातचीत की

हितधारकों के साथ बातचीत करके सीबीएसई बहुत जल्द ही तारीखों की घोषणा करेगा- केंद्रीय शिक्षा मंत्री

22दिसम्बर 20020 नई दिल्ली  से पसूकाभासस

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’  ने आगामी प्रतियोगी और बोर्ड परीक्षाओं के बारे में देश के शिक्षकों के साथ वर्चुअल माध्यम से बातचीत की।

इस अवसर पर, श्री पोखरियाल ने कहा कि गुरु का महत्व हमेशा ही भगवान से ज्यादा रहा है, इसीलिए हमें आचार्य देवो भव:­ की भावनाओं का ध्यान रखते हुए सभी शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए। मंत्री ने कहा कि शिक्षकों के द्वारा किए गए प्रयासों के कारण ही देश में ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था सफल साबित हुई है। मंत्री ने छात्रों और समाज के बीच कोविड-19 के बारे में जागरूकता का फैलाव करने के लिए सभी शिक्षकों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया। उन्होंने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में पूरी ईमानदारी के साथ शामिल होने के लिए शिक्षकों को धन्यवाद दिया।

बोर्ड परीक्षा की तारीखों से संबंधित प्रश्नों का उत्तर देते हुए, श्री पोखरियाल ने कहा कि हमारी सरकार छात्र-केंद्रित सरकार है और उसने हमेशा ही छात्रों के हित में काम किया है। श्री पोखरियाल ने कहा कि सीबीएसई द्वारा 2021 की परीक्षाओं का आयोजन करने की दिशा में आवश्यक तैयारियां की जा रही है। उन्होंने कहा कि जहां तक परीक्षाओं के लिए सुनिश्चित तारीखों का प्रश्न है, तो फरवरी माह में बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित नहीं की जाएंगी और सीबीएसई द्वारा हितधारकों से चर्चा करने के बाद बहुत जल्द ही तारीखों की घोषणा की जाएगी।

9वीं कक्षा के छात्रों को व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने के संबंध में दिए गए एक सुझाव के जवाब में, श्री पोखरियाल ने कहा कि सीबीएसई के लगभग 8,583 स्कूल ऐसे हैं जहां व्यावसायिक शिक्षा प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि एनईपी, 2020 लागू होने के बाद 2,80,000 से ज्यादा माध्यमिक विद्यालयों, लगभग 40,000 कॉलेजों और 1,000 से ज्यादा विश्वविद्यालयों द्वारा इंटर्नशिप के साथ व्यावसायिक शिक्षा प्रदान किए जाने की उम्मीद है।

शिक्षकों को स्कूलों में योग्यता आधारित शिक्षा को लागू करने के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण प्रदान किए जाने वाले सुझाव के संदर्भ में, श्री पोखरियाल ने बताया कि शिक्षा मंत्रालय द्वारा ‘निष्ठा’ नामक कार्यक्रम लागू किया गया है, जोदेश के सभी 42,00,000 प्रारंभिक स्कूल के शिक्षकों और स्कूल प्रमुखों को शामिल करने वाला एक ऑनलाइन क्षमता निर्माण कार्यक्रम है। महामारी से पहले यह कार्यक्रम फेस-टू-फेस आयोजित किया जाता था। हालांकि, इसको ध्यान में रखते हुए, महामारी के दौरान इस कार्यक्रम को शिक्षण और अध्ययन की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया गया और इसे शतप्रतिशत ऑनलाइन कर दिया गया।

मंत्री ने यह भी बताया कि सीबीएसई, केवीएस और जेएनवी द्वारा लॉकडाउन की शुरूआत होने के साथ ही अपने शिक्षकों में ऑनलाइन शिक्षण क्षमताओं का निर्माण करने के लिए व्यापक प्रयास किए गए, जिससे कि जहां भी संभव हो सके ऑनलाइन साधनों के माध्यम से अध्ययन की निरंतरता सुनिश्चित की जा सके। इस प्रक्रिया में, पूरे देश में सीबीएसई द्वारा 4,80,000 शिक्षकों को, केवीएस द्वारा 15,855 शिक्षकों को और जेएनवी द्वारा 9,085 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को एनवीएस द्वारा ऑनलाइन मूल्यांकन के संबंध में भी प्रशिक्षण प्रदान किया गया। श्री पोखरियाल ने आगे बताया कि अनवेषण आधारित और अनुभवात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षकों को लगातार प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। स्कूली शिक्षा के लिए नए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा (एनसीएफ) की भी शुरूआत की गई है और यह उम्मीद की जा रही है कि एनसीईआरटी द्वारा नए एनसीएफ के अनुसार पाठ्यपुस्तकों में बदलाव किया जाएगा। रचनात्मक सोच, जीवन कौशल, भारतीय लोकाचार, कला और एकीकरण जैसे क्षेत्रों को एकीकृत करने की आवश्यकता है।

छात्रों में नैतिक मूल्यों और नैतिकता के संदर्भ में जागरूकता प्रदान करने से संबंधित एक प्रश्न के जवाब में, , मंत्री ने कहा कि एनईपी द्वारा सिफारिश की गई है कि छात्रों को अपने नैतिक मूल्यों और नैतिक तर्कों का विकास करना चाहिए, जिसमें मानव एवं संवैधानिक मूल्यों का ज्ञान और अभ्यास; लैंगिक संवेदनशीलता; मौलिक कर्तव्य; नागरिकता कौशल और मूल्य; भारत के बारे में ज्ञान; जल एवं संसाधन संरक्षण, सफाई और स्वच्छता सहित पर्यावरण जागरूकता; और स्थानीय समुदायों, राज्यों, देश, और दुनिया द्वारा सामना किए जा रहे वर्तमान और महत्वपूर्ण मुद्दों की जानकारी और ज्ञान शामिल है। उन्होंने कहा कि शिक्षक एनईपी के आदर्शों का पालन करते हुए छात्रों के विचारों को बदल सकते हैं और छात्रों के बीच नैतिकता और मूल्यों का विकासकर सकते हैं।

श्री पोखरियाल ने बताया कि छात्रों में मानसिक/शारीरिक स्वास्थ्य के लिए योग, खेल एवं ध्यान के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मंत्रालय द्वारा कई पहलें की जा रही है। उन्होंने कहा कि सीबीएसई द्वारा फिट इंडिया गतिविधि में भागीदारी भी की गई है जिससे छात्रों को उनकी शारीरिक तंदुरुस्ती के लिए व्यवस्थित रूप से शारीरिक गतिविधियों के विभिन्न ऑनलाइन लाइव सत्रों में शामिल किया जा सके। उन्होंने कहा कि इनमें से अधिकांश लाइव सत्रों का आयोजन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त लोकप्रिय खिलाड़ियों द्वारा किया गया है जिससे लॉकडाउन के दौरान बच्चों को अपने घरों में सीमित रहते हुए भी शारीरिक फिटनेस के लिए अनुशासन उत्पन्न करने के लिए प्रेरित किया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि सभी 645 जेएनवी में खेल शिक्षक लाइव सत्र का आयोजन करते हैं और छात्रों को उनकी फिटनेस के लिए नियमित रूप से शिक्षा और अभ्यास कार्यक्रम प्रदान करते हैं। सीबीएसई द्वारा वर्तमान शैक्षणिक सत्र से माध्यमिक स्तर पर नौवीं कक्षा में एक नए विषय की शुरूआत की गई है जैसे कि फिजिकल एक्टिविटी ट्रेनर और केवीएस में छात्रों में शारीरिक फिटनेस के महत्व के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए फिटनेस प्रशिक्षण और योग पर ऑनलाइन सत्र का आयोजन।

श्री पोखरियाल ने बताया कि छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के संदर्भ में मंत्रालय द्वारा एक पहल की शुरूआत की गई है, जिसका नाम है ‘मनोदर्पण’ जिसमें कोविड प्रकोप के दौरान और उसके बाद छात्रों, शिक्षकों और परिवारों को मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए मनो-सामाजिक सहायता प्रदान करने के लिए कई गतिविधियों को शामिल किया गया है।

मंत्री जी ने कहा कि गैजेट्स की कमी और पर्याप्त नेटवर्क के अभाव के कारण डिजिटल डिवाइड से संबंधित सवाल के उत्तर में कहा कि शिक्षा मंत्रालय ने पीएम ई-विद्या के अंतर्गत ‘कोहिरन्स’ मॉडल की शुरूआत की है। उन्होंने कहा कि ‘दीक्षा’पर उपलब्ध ऑनलाइन सामग्री अब ‘स्वयं प्रभा’ टीवी चैनल के माध्यम से उपलब्ध है। इसी प्रकार, यह रेडियो पर भी उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार से केवल इंटरनेट तक पहुंच प्राप्त करना आवश्यक नहीं रह जाएगा क्योंकि टीवी और रेडियो भी ऑनलाइन सामग्री से सुसंगत होंगे।

श्री पोखरियाल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि स्वयं प्रभा डीटीएच चैनल का मतलब उन छात्रों को सहायता और पहुंच प्रदान करना है जिनकी पहुंच इंटरनेट तक नहीं है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में शिक्षा मंत्रालय में कुल 32 चैनल उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक कार्यक्रमों का प्रसारण करने के लिए समर्पित हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से 12 टीवी चैनलों को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के लिए आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के अंतर्गत एक वर्ग, एक टीवी चैनल के लिए निर्धारित किया गया है।

श्री पोखरियाल ने कहा कि रेडियो प्रसारण का उपयोग दूरदराज के इलाकों में उन बच्चों के लिए किया जा रहा है जिन्हें ऑनलाइन माध्यम प्राप्त नहीं हैं और एनसीईआरटी द्वारा उच्च गुणवत्ता वाले ऑडियो/रेडियो कार्यक्रमों का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें प्रभावी मीडिया प्रतिपादन जैसे उपयुक्त संगीत, ध्वनि प्रभाव और मीडिया जगत में ख्याति प्राप्त अनुभवी और चमचमाते कलाकारों की भागीदारी शामिल है। उन्होंने कहा कि सीआईईटी-एनसीईआरटी द्वारा हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू और संस्कृत में कुल मिलाकर लगभग 2,000 ऑडियो-रेडियो कार्यक्रम प्रसारित किए जा रहे हैं।

ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन करने में उत्पन्न हो रही बाधाओं को दूर करने के संदर्भ में, मंत्री ने कहा कि हम पीएम ई-विद्या के अंतर्गतअन्य बातों के अलावा शिक्षा-दीक्षा, स्वयं प्रभा, सामुदायिक रेडियो, शिक्षा वाणी के लिए बहुमॉडल उपायों का लाभ उठाने के लिए अपने प्रयासों के माध्यम से लगातार आगे बढ़ रहे हैं।उन्होंने कहा कि इसके अलावा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर, लर्निंग एन्हांसमेंट गाइडलाइंस का उपयोग करने और डिजिटल शिक्षा पर प्रज्ञा संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करने की भी सलाह दी गई है।

प्रवेश परीक्षाओं की समय-सारणी और पाठ्यक्रम के संदर्भ में, मंत्री ने कहा कि जेईई (मुख्य) 2021 परीक्षा का पाठ्यक्रम वैसा ही रहेगा जैसा कि पिछले वर्ष था। हालांकि, उन्होंने कहा कि कुछ बोर्डों द्वारा पाठ्यक्रम में की गई कटौती के प्रभाव को समाप्त करने के लिए, जेईई (मुख्य) 2021 के प्रश्न पत्रों में 90 प्रश्न (भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित में 30 प्रश्न क्रमशः) शामिल होंगे, जिनमें से परिक्षार्थी को 75 प्रश्नों (भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित में 25 प्रश्न क्रमशः) के उत्तर देने होंगे।

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