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देखिये कैसे भारत ने फिर से चीन के मंसूबो को किया ध्वस्त ?

भारत और नेपाल के नक्शा विवाद की वजह से दोनों देशों के रिश्तों में जमी बर्फ पिघलने लगी है। आज दोनों देशों के अधिकारियों के बीच सोमवार को काठमांडू में बैठक हुई।

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये से हुई दोनों देशो की बातचीत।और भारत की मदद से नेपाल में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की गई। और दोनों देशो के बीच रिश्तो को और मजबूत करने पर बात हुई।

कोरोना महामारी की वजह से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक में नेपाल के विदेश सचिव शंकर दास बैरागी और नेपाल में भारतीय राजदूत विजय मोहन क्वात्रा ने भाग लिया। यह बैठक करीब एक घंटे तक चली।

बैठक में भारत की मदद से नेपाल में चल रहे विभिन्न प्रोजेक्टों की प्रगति पर चर्चा की गई. भारत के राजदूत ने आश्वासन दिया कि वह नेपाल की मदद से पीछे नहीं हटेगा और अन्य परियोजनाओं में भी लगातार सहयोग करता रहेगा.

आपको बता दे की जब से भारत ने कालापानी के नजदीक से एक रोड बनाई है जो भारत की सुरक्षा की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण थी। लेकिन नेपाल ने इस पर सवाल उठाते हुई कालापानी लिपुलेख को अपना हिस्सा बताया इसके बाद से भारत के साथ नेपाल की सरकार ने रोटी बेटी के सम्बन्ध को ख़राब करने का कोई मौका नई छोड़ा। भारत में हो रहे हर मुद्दे पर नेपाल की सरकार का भारत की सरकार के विरोध में आवाज आने लगी। चाहे वो सीमा का मामला हो या भगवान श्री राम के जन्म भूमि अयोध्या को नकली जन्म भूमि बताना हो जिसका नेपाल के लोगो ने ही जमकर विरोध किया था।

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