उत्तराखंड में करीब करीब 8 महीने से जिस जवान को कभी सीमारेखा पार कर पाकिस्तान के कब्जे में होने की बात कही जा रही थी और कभी लापता होने की।आठ महीने पहले उत्तरी कश्मीर में बर्फ में फिसलकर लापता हुए उत्तराखंड के शहीद जवान राजेंद्र का शव शनिवार को बारामुला जिले में स्थित गुलमर्ग इलाके से बरामद हुआ है।शहीद का पार्थिव शरीर 18 अगस्त को देहरादून पहुंचेगा। जवान के शव मिलने की सूचना के बाद से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। परिवार के लोग बेसब्री से पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे हैं। सेना की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, जवान के पार्थिव शरीर का पहले कोविड टेस्ट जम्मू में सेना के बेस अस्पताल में कराया जायेगा।
इतने लम्बे समय तक जवान की कोई खबर न मिलने के कारण सरकार कर चुकी थी शहीद घोषित कर दिया था। आपको बता दें कि देहरादून निवासी शहीद हवलदार राजेन्द्र सिंह 11 गढ़वाल में तैनात थे। बीते आठ जनवरी को गुलमर्ग में डयूटी के दौरान वे एवलांच के कारण फिसलकर पाकिस्तान के बॉर्डर की तरफ गिर गए थे। काफी खोजबीन के बाद भी उनका शव नही मिल पाया था। जिसके बाद सेना ने उन्हें पिछले माह शहीद घोषित कर दिया था।
राजेश्वरी ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री के अलावा थल सेना प्रमुख को पत्र लिख पाकिस्तान से संपर्क करने की मांग भी की थी। शनिवार को आठ महीने बाद हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी का शव बरामद होने पर सभी संशयों पर विराम लग गया।