उत्तराखंड देश स्वास्थ्य

आज पुरे उत्तराखंड में हर्ष, खुशहाली से भरा “घी संक्रांति” का त्यौहार मनाया जा रहा है ।

आज पुरे उत्तराखंड में हर्ष, खुशाली और त्यौहार का अवसर है क्योंकि आज उत्तराखंड में घी संक्रांति के रूप में मनाया जाता है। आपको पता है की उत्तराखंड एक कृषि पर आधारित एक राज्य है | पंचांग के अनुसार सूर्य एक राशि में संचरण करते हुए जब दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो उसे संक्रांति कहते हैं। एक साल में बारह संक्रांतियां होती हैं इन्ही में से एक है “घी त्यौहार” |
यह उत्तराखंड के लोगो का खेती बाड़ी और पशुपालन से जुड़ा हुआ एक ऐसा लोक पर्व है | जो इस बरसात के मौसम में उगाई जाने वाली फसलों में बालियाँ आने लगती हैं। यह त्यौहार इस मनोकामना के साथ मनाया जाता है ताकि उनकी अच्छी फसले हो।फसलो में लगी बालियों को किसान अपने घर के मुख्य दरवाज़े के ऊपर या दोनों और गोबर के साथ मिलकर चिपकाते है | इस त्यौहार के समय पूर्व में बोई गई फसलों पर बालियां लहलहाना शुरु कर देती हैं।
और आज ही के दिन उत्तराखंड में गढ़वाली , कुमाउनी सभ्यता के लोग घी को खाना जरुरी मानते है |

“घी त्यौहार” के दिन का दिनचर्या- 
सुबह सुबह लोग उठाते है स्नान करते है। फिर गोसाला जाकर वहां से ब्यायी हुई गाय का गोबर लेकर खेतो में हुई नयी फसल के कुछ पौधे लेकर उनको घर के दरवाजे के ऊपर लगाते है। और साथ साथ घर में एक से एक अनेक प्रकार के स्वादिष्ट ब्यंजन बनाये जाते है। जैसे पकोड़े , स्वाईयाँ { पूरियां } घीर ,दही और सभी ब्यंजनो में घी मिलकर खाया जाता है। और गांव में हर कोई अपने ब्यंजनो के एक दूसरे के घर देने जाते है और दूसरे लोग भी उनको बदले में अपने द्वारा बनाये गए स्वादिष्ट ब्यंजन देते है। हर त्यौहार हमारे गॉव के लोग आपस में मिलकर मानते है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने दी उत्तराखंड के लोगो को ढेर सारी बधाई

हरीश रावत ने दी बधाई

About the author

pyarauttarakhand5