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अयोध्या में राम मंदिर भूमिपूजन को भारत के लिए एक ऐतिहासिक व गौरवपूर्ण दिन :केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह

“प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा भव्य राम मंदिर का भूमि पूजन व शिलान्यास ने महान भारतीय संस्कृति व सभ्यता के इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय लिखा है और एक नए युग की शुरुआत की है”

 

“राम मंदिर निर्माण से यह पुण्यभूमि अयोध्या जी पुनः विश्व में अपने पूर्ण वैभव के साथ जग उठेगी। धर्म और विकास के समन्वय से रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे”

 

“आज के दिन मैं उन सभी तपस्वियों को नमन करता हूँ जिन्होंने इतने वर्षों तक सनातन संस्कृति की इस अमूल्य धरोहर के लिए संघर्ष किया”

06अगस्त 2020
नई दिल्ली  से पसूकाभास

 

केन्द्रीय गृह मंत्री  अमित शाह ने अयोध्या में राम मंदिर के भूमिपूजन व शिलान्यास  को भारत के लिए एक ऐतिहासिक व गौरवपूर्ण दिन बताया है। अपने ट्वीट्स में श्री अमित शाह ने कहा कि “प्रभु श्री राम की जन्मभूमि पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा भव्य राम मंदिर का भूमि पूजन व शिलान्यास किया गया, जिसने महान भारतीय संस्कृति व सभ्यता के इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय लिखा है और एक नए युग की शुरुआत की है”।

 

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि “अयोध्याजी में राम मंदिर निर्माण सदियों से दुनिया भर के हिंदुओं की आस्था का प्रतीक रहा है। आज पीएम श्री नरेंद्र मोदी और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने राम मंदिर का भूमिपूजन करके करोड़ों लोगों की आस्था को सम्मान देने का काम किया है, इसके लिए मैं उनका हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ”।

 

श्री अमित शाह ने यह भी कहा कि “प्रभु श्री राम जी के आदर्श एवं विचार भारतवर्ष की आत्मा में बसते हैं। उनका चरित्र एवं जीवन दर्शन भारतीय संस्कृति की आधारशिला है। राम मंदिर निर्माण से यह पुण्यभूमि अयोध्याजी पुनः विश्व में अपने पूर्ण वैभव के साथ जग उठेगी। धर्म और विकास के समन्वय से रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे”।

 

उन्होने कहा कि “इस भव्य प्रभु श्री राम मंदिर का निर्माण प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मजबूत और निर्णायक नेतृत्व को दर्शाता है। इस अविस्मरणीय दिन पर सभी भारतवासियों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। मोदी सरकार भारतीय संस्कृति और उसके मूल्यों की रक्षा व संरक्षण के लिए हमेशा कटिबद्ध रहेगी”।

 

श्री अमित शाह ने यह भी कहा कि “प्रभु श्री राम मंदिर निर्माण असंख्य नाम-अनाम रामभक्तों के सदियों के निरंतर त्याग, संघर्ष, तपस्या और बलिदान का परिणाम है। आज के दिन मैं उन सभी तपस्वियों को नमन करता हूँ जिन्होंने इतने वर्षों तक सनातन संस्कृति की इस अमूल्य धरोहर के लिए संघर्ष किया। जय श्री राम!”

 

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