बादल फटने से मुनस्यारी के टांगा व गैला पत्थरकोट गांव में भारी तबाही
प्यारा उत्तराखंड डाट काम
जहां एक तरफ देश की राजधानी दिल्ली में कल हुई 1 घंटे की अति वर्षा से ही तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और कई मकान ध्वस्त हो गए। कई घंटों तक यातायात अवरुद्ध रहा ।वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड में अति वर्षा से कई स्थानों पर लोगों का जीना बेहाल हो गया। वही अति वर्षा से बिहार सहित देश के कई राज्यों में जलभराव से लोगों का जीना दुश्वार हो गया।उत्तराखंड में सड़क आदि निर्माण के कार्यों पर पर्वतीय मानकों को नजरअंदाज करके भारी विनाशकारी कटान करने के कारण दरक रहे हैं पहाड़ । हो रही है भारी त्रासदी।
इस त्रासदी में करीब डेढ़ दर्जन से अधिक लोग मारे गए वह करोड़ों रुपए की संपत्ति नष्ट हो गई।
उत्तराखंड में सीमांत जनपद पिथौरागढ़ चमोली रुद्रप्रयाग बागेश्वर देहरादून सहित कई जनपदों में अति वर्षा से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। विगत 2 दिन से हो रही निरंतर बारिश से उत्तराखंड में जनजीवन बिल्कुल अस्त व्यस्त हो गया । यहां दर्जनों सड़क मार्ग अवरुद्ध हो चुके हैं ।अनेकों पुल बह गए हैं और प्रदेश में अतिवृष्टि से भारी नुकसान हुआ है। खासकर उत्तराखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के धारचूला व मुनस्यारी जनपद चमोली उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जनपद की तहसील बंगापानी के अंतर्गत ग्राम-गैला पथरकोट,बाता टाँगा एवं सिरतौला में
विगत दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण भारी जानमाल के नुकसान की सूचना है। कई लोग लापता बताए जा रहे हैं।
टांगा व गैला पत्थरकोट गांव में भारी तबाही हुई अभी तक 3 मरे 11 लापता हैं ।गांव में बादल फटने से यह तबाही हुई ।गैला पत्थरकोट गांव मैं एक परिवार कि घर मलवा घुसने से मां बाप और बेटी जमींदोज हो गई यह त्रासदी सोमवार के तड़के घोर अंधेरे में 3:00 बजे जब लोग सो रहे थे, तब बादल फटने यानी अतिवृष्टि से मांगा व गैला पत्थरकोट में बादल फटने से भारी तबाही मच गई लोगों ने मीलों दूर पैदल जा कर प्रशासन को इस तरह स्थिति की जानकारी दी। इसके बाद ही यहां पर राहत और बचाव कार्य जारी किए गए ।एक दर्जन के करीब लोग लापता बताए गए लोगों के मकान जमीन वह परिजन इस त्रासदी में खो गए।
वहीं चंपावत में भी अतिवृष्टि से अनेक सड़क मार्ग सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गए चंपावत में भारी बारिश से कोटड़ी सड़क पूर्णागिरि में सड़क धंसी।
पिथौरागढ़ में अतिवृष्टि से हुई जनहानि को दुख
प्रकट करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने जिलाधिकारी पिथौरागढ़ को निर्देश दिए हैं कि राहत और बचाव कार्य में किसी तरह की कोताही न बरती जाए, प्रभावित क्षेत्र में तुरंत एसडीआरएफ की एक टीम और भेजी जाए तथा प्रभावितों को तत्काल अनुमन्य राहत राशि उपलब्ध कराई जाए। इसके साथ ही जरूरी सुविधाएं भी मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। जो लोग अभी तक लापता हैं, उनकी खोज के लिए तत्काल युद्ध स्तर पर खोज अभियान शुरू किया जाए। अभी एसडीआरएफ की दो टीमें राहत व बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र देहरादून में घटना से आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों नए मुख्यमंत्री को अवगत कराया।
वही लोहाघाट में दिल्ली से अपने परिजनों के साथ करना महामारी में अपने गांव गई बालिका रितिका बोहरा सुपुत्री पान सिंह बोहरा की एक तालाब में नहाते समय डूबने से उस समय मौत हो गई ,जब वह अपनी सहेलियों के साथ इस तालाब में स्नान करने गई । अतिवृष्टि से इस तालाब का पानी का स्तर बढ़ चुका था।
अति वर्षा से काली नदी, गोरी नदी व सरयू आदि नदियों का प्रचंड वेग देखकर लोग दहशत से सहमे हुए थे।
तटवर्ती क्षेत्रों में इन नदियों से कटान होने की आशंका से प्रशासन ने कई परिवारों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था।
इस अति बरसात से सीमावर्ती क्षेत्र में बने कई पुल बह गए।
इन पुलों के बहने से मुनस्यारी में चीन सीमांत क्षेत्रों संपर्क टूट गया है।
इससे जिम्मी घाट बैली ब्रिज सहित तीन पुल बह गए जिससे क्षेत्र के हजारों जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ।इसके साथ यह सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पुल भी है।अतिवृष्टि से हर साल भारी प्रभाव पड़ता है ।2013 में उत्तराखंड त्रासदी जग जाहिर हुई जिसमें कम से कम हजारों लोग कलवित हुए ।उत्तराखंड में सदियों से लोग इसी विनाश का प्रतीक मानते काल बेसकाल कहते थे। सीमांत जनपद चमोली में पीपलकोटी जोशीमठ के समीप स्थानों पर पहाड़ी दरकने से सड़क यातायात अवरूद्धध होगया है ।