उत्तराखंड

उतराखण्ड के मुख्यमंत्री रावत ने किया घर वापस लोटने वालो व युवाओं के लिए स्वरोजगार योजना का शुभारंभ

निर्माण,सेवा क्षेत्र व व्यवसायिक क्षेत्र में स्वरोजगार के लिए   कर्ज  देगा बैंक
देहरादून(प्याउ)। कोरोना महामारी पर अंकुश लगाने के लिए लम्बे समय तक रखी गयी तालाबंदी से अपने गांव वापस आये व युवाओं में स्वरोजगार प्रारम्भ करने के लिए उतराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने देहरादून स्थित सचिवालय में स्वरोजगार योजना का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश की नौकरशाही से आग्रह किया कि इस महत्वपूर्ण योजनाकी जानकारी प्रदेश के गांव गांव तक पंहुचाने का कार्य में सहभागी निभायें। इस योजना के तहत बैंकों से  कर्ज  दिलाया जाएगा। यह विनिर्माण क्षेत्र के 25 लाख रूपये लागत के कार्य योजना व सेवा-व्यवसायिक क्षेत्र के लिए लिए अधिकतम लागत सीमा 10 लाख रूपये तय की गयी। इसमें आवेदक की आयु 18 वर्ष होनी चाहिए। परिवार के एक सदस्य को केवल एक बार ही इस योजना से लाभ मिलेगा। इसके लिए आवेदन महाप्रबंधक एवं जिला उद्योग केंद्रो से इंटरनेट व सीधे किया जा सकता है।

उतराखण्ड सचिवालय में इस योजना पर प्रकाश डालते हुए  मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के युवाओं व हाल ही में घर लौटे राज्य के प्रवासी लोगों को स्वरोजगार के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का शुभारंभ किया गया है। सुक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम विभाग द्वारा जारी योजना की के मुख्य बातें
– इस योजना से राज्य के कुशल और अकुशल दस्तकार, हस्तशिल्पि और बेरोजगार युवा खुद के व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित होंगे।

– इसमें दुकान खोलना,मुर्गीपालन, पशुपालन, डेरी खोलना, मिल्क बूथ, मछली पालन,ब्यूटी पार्लर, ढाबा, होटल, रेस्टोरेंट खोलना आदि कई कार्य किए जा सकते हैं।

-योजना में सब्सिडी दी जाएगी। मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में अधिकतम 25 लाख सर्विस सेक्टर में अधिकतम 10 लाख तक ऋण लिया जा सकता है। इस ऋण पर दूरस्थ जिलों में 25% सब्सिडी, पर्वतीय जिलों में 20% सब्सिडी तथा मैदानी क्षेत्रों में 15% सब्सिडी मिलेगी। अधिकतम छूट 6.25 लाख तक मिलेगी।

– वही व्यक्ति योजना का लाभ ले सकता है जो उत्तराखंड का मूल या स्थायी निवासी हो, 18 साल से अधिक उम्र का हो तथा पहले से किसी बैंक या वित्तीय संस्था का डिफॉल्टर न रहा हो

-मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में राष्ट्रीयकृत बैंकों, ग्रामीण बैंकों, सहकारी बैंकों के माध्यम से ऋण मिलेगा। योजना के अन्तर्गत सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों द्वारा परियोजना लागत का 10% जबकि विशेष श्रेणी के लाभार्थियों को परियोजना लागत का 5% स्वयं के अंशदान के रूप में जमा करना होगा।

– आवेदन के लिए, आवेदकों को महाप्रबंधक एवं जिला उद्योग केन्द्रों में इंटरनेट एवं सीधे आवेदन करने की सुविधा है।

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