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आखिर आतंकी पाकिस्तान को फिर बांग्लादेश सा करारा सबक क्यों नहीं सिखा रहा है भारत?

चीन के शह पर भारत में आतंकी हमले कर रहा है पाकिस्तान

 
जम्मू कश्मीर के हंदवाडा में एक मुठभैड में 5 जांबाज हुए शहीद, लश्कर का पाकिस्तानी कमांडर भी ढेर

 
देवसिंह रावत

 
जहां एक तरफ पूरा विश्व चीन विषाणु कोरोना से फैली महामारी से त्रस्त है।  3 मई को इस महामारी से संसार के 212 देशों में करीब 35 लाख लोग पीडित है और लगभग 2.45 लाख लोग मौत के मुंह में समा गये है।भारत में भी इस महामारी से 1323 लोग मारे गये। पाकिस्तान में भी 440 लोग मारे गये है। पूरे संसार में सड़क, वायु व जल परिवहन बंद है। कल कारखाने सहित पूरा संसार थम सा गया है। इस महामारी से भयाक्रांत लोग अपने अपने घरों में सहमें हुए है। पूरी दुनिया में लोग एक दूसरे का सहयोग कर रहे है। भारत ने पाकिस्तान सहित संसार के 50 से अधिक देशों को इस बीमारी से मुक्ति के लिए दवा,चिकित्सक उपकरण व मुंह नाक पटियां मानवीय आधार पर बांट रहा है।
ऐसी वैश्विक त्रासदी में भी संसार के दो देश पाकिस्तान व उसका आका चीन  ऐसे घोर हैवानियत वाले कृत्य कर मानवता को शर्मसार कर रहे है। 3 मई की सुबह जैसे ही यह खबर आयी कि जम्मू कश्मीर के हंदवाडा इलाके में सुरक्षा बलों ने एक घर में घुस कर घरवालों को बंधक बनाने वाले आतंकियों में हुई मुठभैड में भारतीय सेना का एक कर्नल,एक मैजर सहित 5 जांबाज शहीद हो गये। इस मुठभेड़ में कर्नल आशुतोष शर्मा और मेजर अनुज सूद, नायक राजेश और लांस नायक दिनेश के साथ जम्मू कश्मीर पुलिस के उप-निरीक्षक शकील काजी भी शहीद हो गए। शहीद हुए कर्नल आशुतोष शर्मा 21 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग अधिकारी थे तथा उन्हें कश्मीर में दो बार वीरता पदक से सम्मानित किया जा चुका था।
इस घटना से दो दिन पहले भी अनैक जांबाज, पाक पोषित आतंक से जुझते हुए शहीद हो गये।
ऐसे वैश्विक त्रासदी में भी भारत पर निरंतर सीधे व आतंकी हमले कर रहे पाकिस्तान के इस प्रकार के  भारतद्रोही कृत्यों को भारत सरकार क्यों नजरांदाज कर रही है। भारत सरकार को चाहिए था कि तुरंत पाकिस्तान को आतंकी देष घोषित करके उससे सभी प्रकार के संबंध तत्काल तोड़ कर उसे ऐसा करारा सबक सिखाना चाहिए कि जिससे भयाक्रांत पाकिस्तान फिर भारत पर आतंकी हमले करने की हिम्मत तक न कर सकते।  पाकिस्तान को ठीक उसी प्रकार का जवाब की ही भाषा समझ में आती है जिस प्रकार इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार ने पाकिस्तान को बंगलादेश जैसा सबक सिखाया। देश को आशा थी कि वर्तमान मोदी सरकार भारत की संसद से लेकर सेना शिविरों से लेकर मुंम्बई में आतंकी हमला करने के लिए कुख्यात पाकिस्तान को ऐसा करारा सबक सिखाने का काम करेंगे जिससे पाकिस्तान फिर भारत की तरफ आंख उठा कर देखने की हिम्मत तक न कर सके
भारत को समझ लेना चाहिए कि वर्तमान में पाकिस्तान पूरी तरह से चीन के शिकंजे में जकडा हुआ है। वह समय समय पर पाकिस्तान को भारत पर आतंकी हमले करने के लिए उकसाता रहता है। इस कोरोना प्रकरण में जबसे भारत ने चीन द्वारा प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने के नापाक षडयंत्र पर अंकुश लगाया। तब से चीन बुरी तरह से तिलमिलाया है। वह अब पाकिस्तान को भारत पर सीधे व आतंकी हमले करने के लिए उकसा रहा है। चीन कितना अमानवीय व क्रू्रर है यह कोरोना महामारी के प्रकरण से पूरे विश्व में उजागर हो गया।
चीन ने जिस धूर्तता से अपने देश में बुहान में उपजे इस कोरोना विषाणु से विश्व को सजग करने के बजाय गुमराह करने का कृत्य किया, वहीं उसके नापाक षडयंत्र को उसने अपनी धूर्तता से खुद ही कर दिया। जिस प्रकार उसने बुहान से पूरे विश्व को जोडे रखा। जिस प्रकार उसने इस महामारी के बाद चिकित्सा उपकरण पूरे विश्व से खरीद कर अपने यहां भण्डारन किया। उसके बाद जब यह बीमारी चीन के सहयोग से पूरे विश्व में फैली तो उसने पूरे विश्व में इन्हीं चिकित्सा उपकरणों को दुनिया भर में भारी किमतों में बेचा।
यही नहीं जब पूरा विश्व इस चीनी महामारी से त्रस्त रहा तो उस समय चीन, ताइवान व जापान से लगी अपनी सीमा पर युद्धाभ्यास के साथ छोटे परमाणु परीक्षण करने पर उतारू रहा। इन सबसे चीन के मंसूबे खुद ही उजागर हो गये। ऐसे समय में पाकिस्तान द्वारा बार बार भारत पर सीधे व आतंकी हमले करने के पीछे एक ही बात मजबूती से समाने आती है कि वह चीन की शह पर भारत में आतंकी हमले कर रहा है। यही नहीं भारत में जो वर्षों से आतंकवाद सर उठा रहा है, नागरिकता कानून के खिलाफ भारत में हुए हिंसक प्रदर्शन के पीछे भी  आतंकी पाकिस्तान ही खलनायक की तरह खडा है।
ऐसे में भारत सरकार को चाहिए कि वह हैवान पाकिस्तान को, करारा सबक सिखाये भारत, पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करके सभी संबंध तोड़ देना चाहिए था। इसके लिए भारत को अपने देश के हितों की रक्षा कैसे की जा सकती । इसके लिए इजराइल, चीन, अमेरिका व रूस से सीख लेनी चाहिए । परन्तु भारत सरकार को यह काम संसद पर हुए हमले के तुरंत बाद कर देना चाहिए था। परन्तु वह मुम्बई, पठानकोट, उडी व कश्मीर आदि में पाकिस्तानी आतंक का मुंहतोड़ जवाब नहीं दे पाया। पुलवामा हमले के बाद भी भारत सरकार ने पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करके, उससे सभी संबंध तोड कर उसको बंग्लादेश जैसा सबक सिखाना चाहिए था परन्तु पुलवामा हमले के उतर में दिये गये जवाब से भी आतंकी पाकिस्तान ने कोई सबक नहीं सीख पाया।

हाॅ भारत सरकार ने पाकिस्तान को दिये गये मित्र राष्ट्र का दर्जा जरूर हटाया। परन्तु उसको आतंकी देश घोषित करने व उससे सभी संबंध तोडने के साथ उसे बंग्लादेश सा सबक नहीं सिखाने से उसके आतंकी मंसूबों पर कोई अंकुश नहीं लग पाया। अब तो पानी सर से बहुत बह गया है। भारत सरकार को भारत को तबाह करने को तुले आतंकी पाकिस्तान को हर हाल में करारा सबक सिखाना चाहिए। अन्यथा हम आये दिन शहीदों को शब्दों की श्रद्धांजलि व पाकिस्तान को कडी चेतावनी देने तक ही सीमित रहेंगे।देश के हुक्मरानों को यह बात समझनी होगी कि जांबाजों का खून पानी नहीं होता और देश की अखण्डता की रक्षा करना सरकार का प्रथम दायित्व है। पाकिस्तान ऐसा हैवान है जो मित्रता की बात नहीं अपितु ताकत की ही भाषा समझता है। इसलिए भारत की रक्षा के लिए पाकिस्तान का आतंकी सर हर हाल में कुचलना चाहिए।

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