24 जुलाई 2020 से 9 अगस्त 2020 तक होने वाले टोक्यो ओलंपिक 2020 को कनाडा , आस्ट्रेलिया,अमेरिका, ब्रिटेन व न्यूजीलैण्ड के दवाब में जापान ने की थी आगे बढाने की मांग की
प्यारा उतराखण्ड डाट काम
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने कोरोना महामारी के प्रकोप से पीड़ित पूरी दुनिया को देख कर जापान की राजधानी टोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों को एक साल के लिए स्थगित करने का ऐलान किया। गौरतलब है कि टोक्यो ओलंपिक 24 जुलाई 2020 से 9 अगस्त 2020 तक होने थे। इसमें पूरे विश्व के 203 देशों के 11091 खिलाड़ी, 33 खेलों की 339 प्रतियोगिताओं का भव्य आयोजन किया जाना था। ओलंपिक खेल प्रतियोगिता हर चार साल बाद आयोजित की जाती है। 2016 की खेल प्रतियोगिता रियो में आयोजित की गयी और 2024 में पैरिस में आयोजित की जानी है।
पर टोक्यो ओलंपिक खेलों को स्थगित करने का दबाव बढ़ गया है और अब अमेरिका, ब्रिटेन और न्यूजीलैंड भी उन देशों में शामिल हो गए हैं जो कि इन खेलों को टालने की मांग कर रहे हैं। कोविड-19 महामारी के कारण ओलंपिक खेलों पर लटकी अनिश्चितता की तलवार के बीच जापान के प्रधानमंत्री शिंजो ने आईओसी प्रमुख थामस बाक से टेलीफोन पर बातचीत करेंगे। मिली जानकारी के मुताबिक पीएम शिंजो आबे इस बातचीत में ओलंपिक को एक साल के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव रख सकते हैं। जापान के प्रधानमंत्री श्री आबे ने ओलंपिक समिति से कहा कि कोरोना वायरस महमारी के कारण अगर तोक्यो 2020 ओलंपिक में सभी देश और खिलाड़ी भाग नहीं ले पाते हैं तो उनको स्थगित करना अपरिहार्य होगा।जापान की इस मांग और कोरोना महामारी से पीड़ित विश्व समुदाय को देखकर ओलंपिक समिति ने टोक्यो ओलंपिक को एक साल के लिए स्थगित कर दिया।
उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी की विकरालता को देख कर कनाडा और आस्ट्रेलिया पहले ही ओलंपिक से पीछे हटने का ऐलान कर दिया था। इसके साथ अमेरिकी, जर्मनी और न्यूजीलैंड के ओलंपिक संघ और खिलाड़ियों ने भी खेलों को टालने की मांग की थी।यही नहीं विश्व एथलेटिक्स, खेल महासंघों ने भी 24 जुलाई से 9 अगस्त 2020 तक होने वाले इन खेलों को आगे बढाने की मांग की थी। इस चैतरफा दवाब को देख कर अंततः ओलंपिक समिति ने टोक्यो ओलंपिक 2020 को एक साल के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया।
ओलम्पिक खेल का आयोजन 24 जुलाई से 9 अगस्त 2020 के बीच टोक्यो, जापान, में होना तय था। खेलों की मेजबानी के लिए तीन शहरों ने अपनी बोली पेश की थी, टोक्यो, मैड्रिड और इस्तांबुल। ओलम्पिक खेलों की संस्था अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति ने 7 सितम्बर 2013 को ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना, में अपने 125वें अधिवेशन में टोक्यो को मेजबान शहर घोषित किया था।
टोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों में इस बार बेसबाल, साफ्टबसल, कराटे, स्केटबोर्ड और सर्फिंग को भी शामिल किया गया।
उल्लेखनीय है कि ओलम्पिक खेल प्रतियोगिताओं में अग्रणी खेल प्रतियोगिता है जिसमे हजारों एथेलीट, कई प्रकार के खेलों में भाग लेते हैं। ओलम्पिक की शीतकालीन एवं ग्रीष्मकालीन प्रतियोगिताओं में 200 से ज्यादा देश प्रतिभाग के रूप में शामिल होते हैं। ओलम्पिक खेल प्रत्येक चार वर्ष के अंतराल से आयोजित किये जाते हैं। ओलम्पिक खेलों का आयोजन अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति करती है।ओलम्पिक खेलों (1896-2016)का इतिहास बहुत ही पुराना है। प्राचीन ओलम्पिक खेलों का आयोजन 1200 साल पूर्व योद्धा-खिलाड़ियों के बीच हुआ था। पुराने समय में शांतिपूर्ण समय अंतराल के दौरान योद्धाओं के बीच प्रतिस्पर्धा के साथ खेलों का विकास हुआ। शुरुआती दौर में दौड़, मुक्केबाजी, कुश्ती और रथों की दौड़ सैनिक प्रशिक्षण का हिस्सा हुआ करते थे। इनमें से सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले योद्धा प्रतिस्पर्धी को खेलों में अपना दमखम दिखाने का मौका मिलता था ।
प्राचीन काल में यह ग्रीस यानी यूनान की राजधानी एथेंस में 1896 में आयोजित किया गया था। ओलंपिया पर्वत पर खेले जाने के कारण इसका नाम ओलम्पिक पड़ा।ख्2, ओलम्पिक में राज्यों और शहरों के खिलाड़ी भाग लेते थे। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ओलम्पिक खेलों के दौरान शहरों और राज्यों के बीच लड़ाई तक स्थगित कर दिए जाते थे। इस खेलों में लड़ाई और घुड़सवारी काफी लोकप्रिय खेल थे। लेकिन उसके बाद भी सालों तक ओलम्पिक आंदोलन का स्वरूप नहीं ले पाया। तमाम सुविधाओं की कमी, आयोजन की मेजबानी की समस्या और खिलाड़ियों की कम भागीदारी-इन सभी समस्याओं के बावजूद धीरे-धीरे ओलम्पिक अपने मकसद में कघमयाब होता गया। प्राचीन ओलम्पिक की शुरुआत ७७६ बीसी में हुई मानी जाती है।
मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया के अनुसार ओलंपिक का मुख्य खेल जिसे ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेल के नाम से भी विख्यात है। इसके अलावा ओलंपिक समिति विश्व स्तर के दो और खेल प्रतियोगिताओं का भी आयोजन करती है। जिसमें शीतकालीन ओलम्पिक खेल,पैरालम्पिक खेल । प्रत्येक राष्ट्र में ओलंपिक समिति एक राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति का भी गठन करती है।
प्राचीन ओलम्पिक में बाक्सिंग, कुश्ती, घुड़सवारी के खेल खेले जाते थे। खेल के विजेता को कविता और मूर्तियों के जरिए प्रशंसित किया जाता था। हर चार साल पर होने वाले ओलम्पिक खेल के वर्ष को ओलंपियाड के नाम से भी जाना जाता था। ओलम्पिक खेल अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली बहु-खेल प्रतियोगिता है। इन खेलो में भारत गोल्ड मेड्ल प्राप्त कर चूका है। एक अन्य दंतकथा के अनुसार हरक्यूलिस ने ज्यूस के सम्मान में ओलम्पिक स्टेडियम बनवाया गया। छठवीं और पांचवीं शताब्दी में ओलम्पिक खेलों की लोकप्रियता चरम पर पहुंच गई थी। लेकिन बाद में रोमन साम्राज्य की बढ़ती शक्ति से ग्रीस खास प्रभावित हुआ और धीरे-धीरे ओलम्पिक खेलों का महत्व गिरने लगा।
393 ईस्वी के आसपास ओलम्पिक खेल ग्रीस यानी यूनान में बंद हो गया। 1896 के बाद वर्ष 1900 में पेरिस को ओलम्पिक की मेजबानी का इंतजार नहीं करना पड़ा और संस्करण लोकप्रिय नहीं हो सके क्योंकि इस दौरान भव्य आयोजनों की कमी रही। 2008 में चीन की राजधानी बीजिंग ओलम्पिक में अब तक का सबसे अच्छा आयोजन माना गया है। पंद्रह दिन तक चले ओलम्पिक खेलों के दौरान चीन ने ना सिर्फ अपनी शानदार मेजबानी से लोगों का दिल जीता बल्कि सबसे ज्यादा स्वर्ण पदक जीत कर भी इतिहास रचा। भारत ने भी ओलम्पिक के इतिहास में पहली बार 1928 में स्वर्ण पदक जीता और उसे पहली बार एक साथ तीन पदक भी मिले। विश्व के प्राचीनतम अंतरराष्ट्रीय खेल समारोह ओलम्पिक का आयोजन 2016 का ब्राजील के शहर रिओ डी जेनेरियो में 5 अगस्त से 21 तक चला ! । इस बार के रिओ डी जेनेरियो ओलम्पिक में 26 खेलों में 204 देशों के लगभग 10500 खिलाड़ीयों ने भाग लीया था। इस बार भारत ने ओलम्पिक में रजत, कांस्य पदक जीता था।
ओलम्पिक के आदर्श- 1.ओलम्पिक ध्वज- बेरोंन पियरे डी कोबर्टीन के सुझाव पर 1913 में ओलम्पिक ध्वज का सृजन हुआ जून 1914 को इसका विधिवत उद्घाटन पेरिस में हुआ। इस ध्वज को सर्वप्रथम 1920 के एंटवर्प ओलम्पिक में फहराया गया। ध्वज की पृष्टभूमि सफेद है सिल्क के बने ध्वज के मध्य में ओलम्पिक प्रतीक के रूप में पांच रंगीन एक दूसरे से मिले हुए दर्शाये गए है जो विश्व के 5 महाद्वीपो के प्रतिनिधित्व करने के सांथ ही निष्पक्ष एवं मुक्त स्पर्धा का प्रतीक है नीला चक्र – यूरोप, पीला चक्र – एशिया, काला चक्र- अफ्रीका, हरा चक्र- आस्ट्रेलिया, लाल चक्र – उत्तरी एवं दक्षिणी अमेरिका का प्रतीक है।
ओलम्पिक का उद्देश्य- सन 1897 में फादर डिडोन द्वारा रचित सिटियस , अल्टीयस,फोर्टियस लेटिन में ओलम्पिक के उद्देश्य है जिनका अर्थ है तेज,ऊंचा,बलवान । इसको पहली बार 1920 में ओलम्पिक के उद्देश्य के रूप में एंटवर्प (बेल्जियम) ओलम्पिक खेलो में प्रस्तुत किया गया।
ओलम्पिक मशाल- इसे जलाने की शुरुआत 1928 से एम्स्टर्डम ओलम्पिक से हुई। 1936 में बर्लिन ओलम्पिक में मशाल के वर्तमान स्वरूप को अपनाया गया। इसी समय से मशाल को आयोजित स्थल तक लाने का प्रचलन शुरू हुआ।इस मशाल को खेल शुरू होने के कुछ दिन पूर्व यूनान के ओलम्पिया में हेरा मन्दिर के सामने सूर्य की किरणों से प्रज्वलित किया जाता है विभिन्न खिलाड़ियों द्वारा वहाँ से आयोजन स्थल तक लाया जाता है इसी मशाल से खेल समारोह विशेष की मशाल प्रज्वलित की जाती है। ओलम्पिक पदक- ओलम्पिक खेलो में तीन प्रकार के पदक दिए जाते है 1.स्वर्ण पदक 2.रजक पदक 3.कांस्य पदक।
अब देखना है कि कोरोना महामारी पूरे विश्व को कहां तक प्रभावित करती है। टोक्यो ओलंपिक पर जो ग्रहण कोरोना महामारी का लगा है उस पर लगे बादल एक साल के अंदर छंट पाते हैं या नहीं।