22अप्रैल 2025, दिल्ली से पसूकाभास
किसी देश का विमानन क्षेत्र उसकी आर्थिक प्रगति का आधार होता है तो आवाजाही के साथ पर्यटन और उद्योग जैसे अहम क्षेत्रों की प्रगति में भी इसका अहम योगदान होता है। इन अहम तथ्यों को नकार एक समय ऐसा भी था, जब भारत में विमान यात्रा को केवल विलासिता का प्रतीक माना जाता था। आम आदमी की पहुंच से कहीं दूर हवाई जहाज केवल उसके सपनों तक सीमित था। इसी दूरी को मिठाने की शुरुआत 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की पहली राष्ट्रीय नागर विमानन नीति के साथ की तो हलाई जहाज में सफर करने के आम आदमी के सपनों को पूरा करने की दिशा में 27 अप्रैल 2017 को शिमला से दिल्ली के लिए पहले विमान ने उड़ान भरी। इसी योजना का परिणाम है कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार है।
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