
व्यावसायिक गृह एवं विदेशी नागरिक मंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में आप्र एवं विदेशी नागरिक से संबंधित घोटाला, 2025 (आव्रजन एवं विदेशी नागरिक मंत्री, 2025) पर चर्चा का उत्तर दिया, चर्चा के बाद सदन ने दूतावास को जारी किया
देश की सीमा में कौन, कब, कितनी अवधि और किस उद्देश्य से आता है, यह देश की सुरक्षा का अधिकार है।
भारत में किसी का अपमान नहीं है, जहां किसी भी व्यक्ति के उद्देश्य से ज्ञान बसा जाए, जिस देश की सुरक्षा के लिए खतरा होगा, उसे संसद का अधिकार पास है
जो भारत के उद्योग में योगदान देने आते हैं, उनका स्वागत है, लेकिन जो देश में विध्वंस करते हैं, उन पर कठोर कार्रवाई होगी
अब भारत में आने वाले हर विदेशी नागरिक का संपूर्ण, संपत्ति, प्रॉपर्टी और अपार्टमेंट-टु-डेट का नियम-जोखा होगा
नया आव्रजन कानून बंधन, तकनीकी-संचालन, समयबद्ध और वैध होगा
आजादी के बाद भारत की सॉफ्ट पावर ने विश्व में डंका बजाया है और यह नई गति और नई ऊर्जा का संचार कंपनी है
मोदी सरकार ने पर्यटन नीति में करुणा, धर्म के साथ-साथ देश के प्रति आस्था का भी ध्यान रखा है
परमाणु के कलाकारों ने कभी भी तमिल तटस्थ का आंदोलन नहीं किया
“अप्रवास, वजीर और विदेशी हस्ताक्षर और गैलरी” (मैटवीएफ आरटी) को कानूनी आधार दिया गया
तीन वर्षों के गहन विचार-विमर्श के बाद इस मैक्सिकन यात्रा को सरल, सुव्यवस्थित, सुरक्षित और सुरक्षित बनाया गया
देश के 700 से अधिक देशों में जिला पुलिस विभाग (डीपीएम) की शुरुआत हुई, जिसे विदेशी पहचानकर्ता पोर्टल के नाम से जाना जाता है।
पहले एवरजन चौकियों पर प्रति व्यक्ति जांच में औसतन 4-5 मिनट लगे थे, लेकिन अब सिर्फ 1-2 मिनट लगे हैं
हमने किसी भी विदेशी को भारत में प्रवेश से पहले 24 पॉइंट पर उसकी 360 डिग्री जांच की व्यवस्था शुरू कर दी है
गृह एवं विदेशी नागरिक मंत्री अमित शाह ने आज मो में आवास एवं विदेशियों से संबंधित रोजगार, 2025 (आव्रजन एवं विदेशियों से संबंधित रोजगार, 2025) पर चर्चा की। चर्चा के बाद लार्ड ने मकान मालिक को छोड़ दिया।
सुरक्षा की चर्चा करते हुए वैज्ञानिक गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि देश के अर्थतंत्र को बनाने के लिए हमारे शिक्षा प्रणाली और फर्मों ने वैश्विक स्तर पर अनुसंधान और अनुसंधान की स्थापना की है और भारत को 2047 तक दुनिया भर में हर क्षेत्र में नया बनाने के लिए यह बहुत सारा उद्यम स्थापित किया गया है।
विदेशी गृह एवं संग्रहालय मंत्री ने कहा कि पर्यटन संस्थान एक पृथक्करण विहित द्वीप नहीं हैं बल्कि देश के कई मुद्दे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं। हमारे देश की सीमा में कौन, कब, कितनी अवधि और किस उद्देश्य से आता है, देश की सुरक्षा के लिए इस यात्रा का अधिकार बहुत पता है। श्री शाह ने कहा कि इस सर्वश्रेष्ठ के पास होने के बाद भारत में आने वाले हर विदेशी नागरिक का संपूर्ण, सुविधायुक्त, वैधानिक और अप-टू-डेट अकाउंटजोखा रखा जा रहा है और इसके माध्यम से हम देश का विकास भी सुनिश्चित कर सकते हैं। गृह मंत्री ने कहा कि देश की सुरक्षा को खतरे में डालने वालों को सीक्वल में भी देखा जा सकता है और उनकी निगरानी भी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि इससे हमारे इन सभी कर्मचारियों की नियुक्ति करने वाला सिद्ध होगा।
श्री अमित शाह ने कहा कि हजारों वर्षों से भारत के ट्रैक रिकॉर्ड के बारे में कोई भी अलग-अलग डीलेगेशन नीति का विनाश नहीं है। इस नीति की उत्पत्ति उन्हें जिन देशों की रचना से हुई है, जबकि भारत तो एक भूसांस्कृतिक देश है और हमारी सभ्यता हमारी संस्कृति द्वारा निर्मित है। उन्होंने कहा कि अनुष्का के प्रति भारत का एक इतिहास रह गया है। श्री शाह ने कहा कि विश्व की सबसे अधिक अल्पसंख्यक अल्पसंख्यकता यदि किसी देश में सबसे अधिक सम्मान के साथ रहती है तो भारत में रहती है। उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आसा-पासा के 6 देशों के नागरिकों को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत शरण देने का काम किया गया है। गृह मंत्री ने कहा कि भारत ने सदाबहार मानवता की भावना को नष्ट कर दिया है और इसके लिए हमें कोई कानून नहीं दिया गया है। हमारी परंपरा और संस्कृति ने हमें वसुधैव कुटुंबकम का मंत्र सिखाया और संस्कार दिया।
ईसाई गृह मंत्री ने कहा कि समुद्र तट के देशों में भारत से लोग गए और भारतीय तीर्थों का विश्व में सबसे अधिक यागदोन हो रहा है। उन्होंने कहा कि विश्व का सबसे बड़ा प्रवासी भारत का है जो 146 देशों में फैला हुआ है। भारतीय प्रवासी पूरे विश्व की संस्कृति, शिक्षा, विज्ञान और उद्योग में अपना योगदान देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि आज अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) की संख्या लगभग 1 करोड़ 72 लाख है और इनमें व्यक्तिगत रूप से आने वाले और अन्य सभी व्यक्तियों के लिए यह विधेयक लाया गया है। श्री शाह ने कहा कि आजादी के बाद भारत की सॉफ्ट पावर ने विश्व में डंका बजाया है और यह नई गति और नई ऊर्जा का संचार करेगा।
श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में हमारा अर्थतंत्र 11वें से 5वें स्थान पर पहुंचा है और दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं में भारत की एक चमकदार छवि उभरी है। उन्होंने कहा कि भारत मैन्युफैक्चरिंग का हब बनता जा रहा है और ऐसे में हमारे यहां विश्वभर के लोगों में बहुत ही स्वाभाविकता है, जिसके कारण हमारे आप्रवासन का दायरा और स्वरूप बहुत बढ़ गया है। श्री शाह ने कहा कि इसके साथ ही शरण लेने की जगह पर अपने निहित निवास और देश को असुरक्षित करने वालों की संख्या भी बढ़ जाती है। गृह मंत्री ने कहा कि जो अपराधी फॉर्म से भारत की अर्थव्यवस्था में योगदान देने आते हैं, उन सभी का स्वागत है, लेकिन अवैध घुसपैठिए, अगर यहां आंतक फैलाते हैं तो बड़ी पूंजी के साथ योगदान दिया जाएगा। श्री शाह ने कहा कि इस नीति में उदारता भी है। उन्होंने कहा कि हृदय में करुणा, संवेदना और देश के प्रति जागरूकता को एक साथ जोड़ने की नीति बनाई गई है।
व्यावसायिक गृह एवं निबंध मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने देश के 130 करोड़ लोगों के सामने भारत को 2027 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और 2047 तक एक पूर्ण विकसित राष्ट्र बनने का संकल्प रखा है। उन्होंने कहा कि इन दोनों के लिए लक्ष्य की नियुक्ति के लिए सरल, निर्देशात्मक और समसामयिक विधान की व्यवस्था अनिवार्य है। इस सदन में मोदी सरकार के 10 साल पूरे होने के कई सारे नए और ऐतिहासिक कानून हैं। उन्होंने कहा कि तीन नए क्रिमिनल लॉ, सीएए, ईज ऑफ डूइंग बिग के लिए 39000 कंपनियों को खत्म करना, 2016 में आईबीसी कोड, बैंक मर्जर और उनके माध्यम से एनपीए को खत्म करना, 2017 में 32 सेल्स करों को एकर मार्ट रोल आउट करने जैसे काम 10 साल हो गए हैं। मोदी सरकार ने यूएपीए कानून और एनआईए अधिनियम में संशोधन किया और धारा 370 को समाप्त कर दिया। उन्होंने कहा कि 10 साल में हर क्षेत्र के हर कानून को बढ़ावा देने का काम मोदी सरकार ने किया है।
श्री अमित शाह ने कहा कि इस बिल से हमारे तीसरे नंबर का अर्थतंत्र बनेगा और नई शिक्षा नीति में हमारी यूनिवर्सिटियां ग्लोबल का सपना पूरा करेंगी। इस शोध के क्षेत्र में आर एंड डी करने वालों को उदार मन और डिजाइन के साथ काम करने का अच्छा केंद्र मिलेगा, देश को विश्वभर में खेलों का उत्कृष्ट केंद्र बनाने का सपना पूरा होगा, भारत में मेड अभ्यास और आर्बिट मिशन का अंतर्राष्ट्रीय केंद्र भी बनेगा। उन्होंने कहा कि इन सबके लिए यह बिल अच्छा है, बहुत ही शानदार ढंग से तैयार करना। श्री शाह ने कहा कि वर्तमान में यह पूरी व्यवस्था 4 अधिनियमों में बँटी हुई है, लेकिन इसमें कोचिंग भी है और कई कमियाँ हैं। यह समग्र अधिनियमों को प्रस्तावित कर सभी अंतरालों को समाप्त करने के लिए हमारे 2047 तक विकसित भारत निर्माण के लक्ष्य की प्राथमिकता में मदद करेगा।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि वर्ष 2047 तक पूर्ण विकसित भारत के निर्माण के हमारे लक्ष्य में एक सशक्त अप्रवासन नीति का बहुत बड़ा महत्व होगा। यह विधेयक हमारी प्रणाली को सरल, स्ट्रीमलाइन, सिस्टेमैटिक, और सुरक्षित करेगा। उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ यह बिल ट्रांस्पेरेंट, ट्रैक ड्रिवन, टाइमबाउंड और विश्वसनीय भी होगा। श्री शाह ने कहा कि इन सारे पहलुओं पर तीन साल तक गहन विचार के बाद गृह मंत्रालय ने इस विधेयक को डिज़ाइन किया है। श्री शाह ने कहा कि राजनीतिक कारणों से इस विधेयक का विरोध नहीं करना चाहिए। इस विधेयक के तहत भारत में आने वाले यात्रियों का डेटाबेस तो बनेगा ही, इसके साथ ही यहां हर प्रकार के टूरिज़्म पोटेंशियल का दोहन कर इसमें बहुत वृद्धि होगी, जिससे भारत की ग्लोबल ब्रांडिंग बढ़ाने में बहुत मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इससे रोजगार और जीडीपी को बढ़ाने में बहुत फायदा होगा। गृह मंत्री ने कहा कि आज़ादी के 75 साल बाद आज भारत की सॉफ्ट पावर ने पूरी दुनिया मे डंका बजाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि सॉफ्ट पावर का मतलब है, हमारा योग, आयुर्वेद, उपनिषद, वेद और हमारी ऑर्गेनिक खेती प्रणाली जिसे पूरी दुनिया आज उम्मीद के साथ देख रही है।
श्री अमित शाह ने कहा कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से विदेश से ड्रग कार्टेल, घुसपैठियों की कार्टेल, हथियारों और देश के अर्थतंत्र को खोखला करने वाले हवाला व्यापार को समाप्त करने की भी इस विधेयक में व्यवस्था की गई है। कानूनी प्रावधानों के साथ साथ उनके उल्लघंन पर दंडात्मक कार्रवाई भी इसमें समाहित की गई है। उन्होंने कहा कि तीनों पुराने विधेयक 1920, 1939 और 1946 में देश आज़ाद होने से पहले ब्रिटेन की संसद में बने थे और आज हमारी पूरी आप्रवासन नीति नए भारत की नई संसद में बनने जा रही है, जो एक ऐतिहासिक बात है। श्री शाह ने कहा कि हमारे देश की एक महत्वपूर्ण नीति जो देश की सुरक्षा, व्यापार और विकास को सुनिश्चित करती है, वह विदेशी संसद में बनी थी। उन्होंने कहा कि यह कानून प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध की आपाधापी और अंग्रेज सरकार की रक्षा के लिए बनाए गए थे। उन्होंने कहा कि यह विधेयक विकसित भारत की यात्रा शुरू होने के बाद अमृतकाल के प्रथम चरण और भारत के हितों के लिए बनाया गया है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि पुराने कानूनों में कई ओवरलैपिंग थी जिन्हें हमने खत्म किया है,। साथ ही ऐजेंसियों के बीच समन्वय की कमी, डेटा प्रबंधन और सत्यापन की जटिलता को भी समाप्त कर दिया है। पुराने कानूनो के विरोधाभासी प्रावधानों को समाप्त कर इस विधेयक में अधिकारक्षेत्र की स्पष्टता लाई गई है। उन्होंने कहा कि यात्रियों और अधिकारियों के लीगल कन्फ्यूज़न को एकसाथ एक ही बिल समाप्त कर देगा और यह व्यापक कानून अनुपालन के बोझ को भी बहुत हल्का कर देगा। श्री शाह ने कहा कि भारत में प्रवेश, ठहरने और बाहर जाने के लिए अनिवार्य दस्तावेज़ों की अनिवार्यता की आवश्यकता हमने पूरी की है। इनका उलंल्घन करने वाले किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने की शक्तियां भी इस कानून में दी गई हैं। श्री शाह ने कहा कि भारत से किसी विदेशी को हटाने की भी शक्तियां दी हैं। गृह मंत्री ने कहा कि एक प्रकार से आज के समय के अनुकूल प्रावधान बनाने का खुले मन से काम किया गया है। उन्होंने कहा कि पुराने कानूनों में कुल 45 धाराएं थीं, लेकिन इस कानून में 36 धाराएं रहेंगी, 26 पुरानी और 10 नई। श्री शाह ने कहा कि 36 धाराओं में ही हमारे आप्रवासन का लेखाजोखा दिया जाएगा। गृह मंत्री ने कहा कि हमारा देश धर्मशाला नहीं है कि जो चाहे जिस भी उद्देश्य से यहां आकर रह सकता है। उन्होंने कहा कि कानूनी तरीके से अपने और हमारे देश को समृद्ध करने कोई व्यक्ति आता है तो उसका स्वागत है लेकिन अगर वह सुरक्षा के लिए खतरा है तो उसे रोकने का प्रावधान करने का अधिकार हमारी संसद को है। गृह मंत्री ने कहा कि हम अपनी सीमाओं पर संवेदनशील स्थानों और सेना के प्रतिष्ठानों को सबके लिए खुला नहीं छोड़ सकते।
केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि ऑनलाइन पर्यटन वीजा देने की शुरुआत वर्ष 2010 में पांच देशों के नागरिकों से हुई थी। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के दौरान यह सुविधा केवल 10 देशों तक सीमित थी, लेकिन हम इसे 169 देशों के लिए लागू कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना है, लेकिन यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि विदेशी नागरिक केवल निर्धारित समय तक ही यहां रहें। वे हमेशा के लिए नहीं रह सकते और न ही वे देश के नागरिक बन सकते हैं।
श्री अमित शाह ने कहा कि सरकार ने 31 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों और 6 प्रमुख बंदरगाहों पर ‘Visa on Arrival’ की सुविधा भी शुरू की। वर्ष 2023 में ‘आयुष वीजा’ की नई श्रेणी भी शुरू की गई है। अब ई-वीजा की कुल 9 श्रेणियाँ होंगी, जिनमें ई-पर्यटन वीजा, ई-व्यापार वीजा, ई-चिकित्सा वीजा, चिकित्सा परिचारक वीजा, ई-आयुष वीजा, ई-प्रचारक वीजा, ई-छात्र वीजा और ई-छात्र आश्रित वीजा शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी श्रेणियों में ई-वीजा का प्रावधान कर हमने विदेशियों के लिए भारत आने की प्रक्रिया को सरल बनाया है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हम उन्हीं लोगों को रोकना चाहते हैं, जिनके उद्देश्य सही नहीं हैं, और यह तय करने का अधिकार भारत सरकार को है। उन्होंने कहा कि आयुष वीजा की श्रेणियों की संख्या भी बढ़ाई गई है। अवैध प्रवासियों और निर्धारित समय सीमा से अधिक वक्त तक रुकने वालों की निगरानी के लिए “आप्रवास, वीजा और विदेशी पंजीकरण तथा ट्रैकिंग” (IVFRT) को कानूनी आधार दिया गया है। सभी इमिग्रेशन पोस्ट्स पर भारतीय मिशन, विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) और विदेशी पंजीकरण कार्यालय (FRO) को एंड-टू-एंड एकीकृत प्रणाली से जोड़ने का काम पूरा कर लिया गया है। श्री शाह ने कहा कि देशभर के 700 से अधिक जिलों में District Police Module (DPM) भी शुरू किया गया है, जिसे Foreigners Identification Portal के नाम से जाना जाता है।
श्री अमित शाह ने कहा कि 2014 में इमिग्रेशन पोस्ट्स की संख्या 83 थी, जो अब बढ़कर 114 हो गई है, यानी इसमें 37 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सरकार ने इमिग्रेशन पोस्ट्स के आधुनिकीकरण के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। पहले इमिग्रेशन चौकियों पर प्रति व्यक्ति जांच में औसतन 4-5 मिनट लगते थे, लेकिन अब सिर्फ 1-2 मिनट लगते हैं। उन्होंने कहा कि Fast Track Immigration – Trusted Traveller Program (FTI-TTP) को आठ प्रमुख हवाई अड्डों पर लागू किया गया है, जिसमें यदि यात्री पहले से सारी जानकारी भरकर आता है, तो केवल 30 सेकंड में जांच प्रक्रिया पूरी हो जाती है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पहले Integrated Check Post (ICP) काउंटर 743 थे, लेकिन अब यह 206 प्रतिशत बढ़ कर 2278 हो गए हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के समय भारत में आने वाले व्यक्तियों की संख्या 2 करोड़ 49 लाख थी, जबकि मोदी सरकार के दौरान 2024 के अंत तक 4 करोड़ लोग भारत आए। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के समय भारत से बाहर जाने वाले लोगों की संख्या 2 करोड़ 59 लाख थी, जो हमारी सरकार में 4 करोड़ 11 लाख रही है। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर, भारत आने और भारत से बाहर जाने वालों कि संख्या पहले 5 करोड़ 8 लाख थी, जो अब बढ़कर 8 करोड़ 12 लाख हो गई है यानि इसमें 69 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि किसी एक दशक में यह सबसे अधिक वृद्धि है और अगर सभी दशकों के हिसाब से देखें तो यह वृद्धि लगभग 50 प्रतिशत से ज्यादा एक ही दशक में हुई है।
श्री अमित शाह ने कहा कि जिनका उद्देश्य सही नहीं है, उन्हें देश में आने से जरूर रोका जाएगा, क्योंकि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ मामला है। उन्होंने कहा कि पहले से ही हमारे कानूनों में विदेशी नागरिकों को प्रवेश से वंचित रखने का प्रावधान अधिकारियों के पास था। वीजा धारकों को देश के किसी एक बिंदु तक जाने देने का अधिकार भी अधिकारियों के पास ही था। लेकिन अधिकारियों के पास किसी विदेशी को प्रवेश से वंचित करने का अधिकार होने का मतलब यह नहीं कि वे मनमानी करेंगे। गृह मंत्री ने कहा कि किसी को प्रवेश से रोकने का निर्णय कई एजेंसियों के इनपुट के आधार पर ही लिया जा सकता है। श्री शाह ने कहा कि 2014 के बाद हमने तय किया कि किसी को भी रोकने से पहले 24 बिंदुओं पर उसकी 360 डिग्री जांच की जाएगी।
ईसाई गृह मंत्री ने कहा कि डेमेज पासपोर्ट का वर्णन अलग-अलग घटनाओं के कारण समय-समय पर बना रहता है। ऐसी घटनाओं के आधार पर नियम बदले जा सकते हैं, लेकिन कानून नहीं बदले जा सकते। इसलिए सरकार ने धारा-30 में नियम बनाने के अधिकार दिये हैं। धारा- 33 लागू नहीं होगी जो भारत की सुरक्षा के लिए खतरा है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय में कितने विदेशी शिक्षक प्रवेश करते हैं और कितने विदेशी छात्र अध्ययन करते हैं, यह जानकारी प्राप्त करना भारत सरकार का अधिकार है और यह जानकारी प्राप्त करना भी आवश्यक है।
श्री अमित शाह ने कहा कि बांग्लादेश से सती हमारी सीमा 2216 किलोमीटर लंबी है, जिसमें 653 किलोमीटर का निर्माण किया गया है। पेज के पास रोड का भी भुगतान हो चुका है और चौकियां भी स्थापित की जा चुकी हैं। सेज फेंसिंग की लंबाई 563 किमी है, लेकिन 563 किमी में 112 किमी ऐसी जगह है, जहां बॉर्डर फेंसिंग संभव नहीं है, क्योंकि वहां के नाले, नदियां और सागर-नीची पहाड़ियां हैं, जहां फेंसिंग संभव नहीं है। 450 किमी जगह पर फेंसिंग हो चुकी है और बाकी 450 किमी के लिए केंद्र ने डीओ लेटर को 10 बार रिमाइंडर दिया है, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार को जमीन नहीं मिली है। श्री शाह ने कहा कि बंगाल के गृह सचिव ने बंगाल के सचिव के साथ सात बैठकें की हैं, लेकिन वे इसके लिए तैयार नहीं हैं। जहां जहां फेंसिंग लगाने का काम शुरू होता है, वहां जगह-जगह पार्टी के लोगों का जमावड़ा लग जाता है। उन्होंने कहा कि 453 किमी की फेंसिंग रोक का मुख्य कारण पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से क्रेजी डिविजन है। श्री शाह ने कहा कि 453 किमी की फेंसिंग के बाद 112 किमी की सीमा खुली रहेगी। इस 112 किलोमीटर में नदियाँ, जंगल और कठोर वनस्पति क्षेत्र हैं, जहाँ से लोग व्यवस्था करते हैं।
ईसाई गृह मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के अवैध अपराध असम से आए थे और अब बंगाल से आए हैं। श्री शाह ने कहा कि बंगाल में उनकी पार्टी की सरकार आने के बाद वहां भी बंदोबस्ती की जाएगी। उन्होंने कहा कि आजादी के वक्त जो नाटक भारत आए, उन्हें हम घुसपैठिए नहीं मानते, वे क्रांतिकारी हैं। जो अपने धर्म और परिवार से बचकर यहाँ आये हैं, वे सही अर्थों में खोजे गए हैं। इसलिए हम नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लेकर आए, जो कोई भेदभाव नहीं करता। श्री शाह ने कहा कि इनमें से कोई भी हिंदू, बौद्ध, सिख, पारसी, ईसाई और जैन व्यक्ति भारत आता है तो उनका स्वागत है। लेकिन जो भी घुसपैठिए आते हैं, वे समुद्र तट छोड़ देते हैं। जर्मनी पर लागू होता है, जिन पर अत्याचार हुआ,विभाजन की विभीषिका जेली और उनके परिवार पर अत्याचार हुआ। एक सदस्य के सवाल का जवाब देते हुए श्री शाह ने कहा कि उनके दल में कभी भी किसी भी तरह से तमिलनाडु के छात्रों का अपमान नहीं किया जाता है।
फ्रांस के गृह मंत्री ने कहा कि यह चार फ्लोरिडा को नौकरी से निकालने के लिए लाया गया है। इन चार दस्तावेजों में भी कमियाँ थीं, उन्हें दूर कर दिया गया था, प्रशिक्षण को भी समाप्त कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि आज के समय में भारत के अर्थतंत्र, शिक्षा, चिकित्सा पद्धति, अनुसंधान और लीगल व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग चाहिए, साथ ही हमें विश्व का भी समर्थन करना चाहिए। गृह मंत्री ने कहा कि इन बुनियादी ढांचे पर ध्यान दिया जाए, लेकिन सबसे पहले देश की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई है।
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