
संसद प्रश्न:
20 मार्च 2025, दिल्ली से पसुकाभास
सरकार का अधिसूचना जारी करने वाला कदम अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को आधिकारिक तौर पर जारी किया जा रहा है: –
- गैर-सरकारी कंपनी (एनजीई) को पूर्ण अंतरिक्ष क्षेत्र में शामिल करने के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को उदार बनाया गया।
- नेशनल स्पेस डेना वॉलीबॉल एवं अथॉरिटी सेंटर (इन-स्पेस) की स्थापना एनएसई द्वारा की गई स्थापना को बढ़ावा देना, सक्षम करना, अधिकार प्राप्त करना और पर्यवेक्षण जारी रखना है।
- मानकीकृत स्पष्टता सुनिश्चित करने और एक समृद्ध अंतरिक्ष इको-सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए भारतीय अंतरिक्ष नीति – 2023, उद्देश्य, सिद्धांत और संरचना (एनजीपी) और एफ सिद्धांत नीति की स्थापना की गई।
- स्पेस में टेक्नॉलजी और एनजीई को सपोर्ट देने के लिए टेक्नॉलजी एंग्जैरिटी लाखा निधि (टीएएफ), सीड फंड, प्लांट सपोर्ट सपोर्ट, मेंटरशिप और टेक्निकल जैसे अलग-अलग प्रोजेक्ट लगाए जा रहे हैं। अब तक सिगलाई के साथ 78 एकाकी पत्र पर हस्ताक्षर किये जा चुके हैं और 31.12.2024 से 72 एकाकी पत्र जारी किये जा चुके हैं।
- एक पृथ्वी रिसर्च (ईओ) सिस्टम के तहत एआई कंसोएज पर्सनल पर्सनल कैपिटल (पीपीपी) सिस्टम स्थापित करने की दिशा में काम कर रहा है।
- भारतीय सोसायटी का लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) का काम जारी है।
- भारतीय कोचिंग के लिए कक्षीय कर्मचारी तक पहुंच के अवसर पैदा हो रहे हैं।
- सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष में 1000 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है।
लगभग 330 इंस्टीट्यूट/स्टार्टअप/एमएसएमई अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए इन-स्पेस से जुड़े हुए हैं, जैसे स्पेस स्पेसशिप के लिए प्राधिकरण, डेटा प्रसार, तकनीकी शास्त्र, प्रचार प्रसार, आईएएन-स्पेस टेक्नोलॉजी सेंटर और इसरो स्टाफ फीचर्स रीच आदि।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधान मंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. उमर सिंह ने यह जानकारी आज सागर में एक लिखित उत्तर में दी।
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