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उत्तराखंड सरकार और आइसलैंड की कंपनी VERKIS के मध्य संपादित हुआ भूतापीय ऊर्जा के अन्वेषण और इसके विकास से संबंधित समझोता

* मुख्यमंत्री धामी और आइसलैंड के राजदूत बेनेडिक्ट हॉस्कुलसन की उपस्थिति में हुआ समझौता ज्ञापन*

17 जनवरी, 2025। सचिवालय मीडिया सेंटर लाइब्रेरी से 

समझोता का मुख्य बिंदु: —-

*उत्तराखंड में भूतापीय ऊर्जा तट और विकास से पर्यटन नवीन आयाम*

*आइसलैंड की कंपनी वर्कशॉप की विशेषज्ञता का लाभ*

*उत्तराखंड के साथ-साथ देश की ऊर्जा सुरक्षा और सतत विकास में मैलस्टोन साबित होगा*

*उत्तराखंड में भू तापीय ऊर्जा के दोहन योग्य 40 भूतापीय स्थल*

*भारत के 2070 के कार्बन डाइऑक्साइड के संकल्प में सहायक होगा*

उत्तराखंड सरकार और आइसलैंड कंपनी की वर्कशॉप कंसल्टिंग इंजिनियर्स के मध्य सचिवालय में मुख्यमंत्री धामी और आइसलैंड के राजदूत डॉ. बेनेडिक्ट हॉस्कुलसन की गरिमामयी उपस्थिति में *उत्तराखंड में भूतापीय ऊर्जा का प्रभुत्व और विकास* के संबंध में सागर सखी हुई।

वर्चुअल माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्यर सिंह धामी ने उत्तराखंड के साथ-साथ देश की ऊर्जा सुरक्षा और सतत विकास क्षेत्र की इस घटना के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि भूतापीय ऊर्जा के इस सिद्धांत के माध्यम से न केवल स्वच्छ और मध्यम ऊर्जा का लक्ष्य प्राप्त होगा, बल्कि सुनिश्चित सुरक्षा सुनिश्चित रहेगी, जबकि समग्र विकास का मार्ग भी अदृश्य होगा।

उन्होंने कहा कि आइसलैंड भूतापीय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी देश है और इनमें से तकनीकी सहयोग और अनुभव से उत्तराखंड भूतापीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण राज्य उभरेगा।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार के तीन महत्वपूर्ण मंत्रालय पर्यावरण वन जलवायु एवं पर्यावरण मंत्रालय, नवीन आयाम एवं ऊर्जा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से इसकी अनापत्ति भी प्राप्त हो चुकी है। कहा कि राज्य में भूतापीय ऊर्जा के व्यवहारिकता का अध्ययन भार का वहन आइसलैंड सरकार द्वारा किया जाएगा।

विशेषज्ञ का कहना है कि भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण एवं भारतीय भू-विज्ञान संस्थान द्वारा संचालित सर्वेक्षणकर्ता के अनुसार, उत्तराखंड राज्य में लगभग 40 भू-तापीय स्थल प्रस्तावित हैं, जिनमें भू-तापीय ऊर्जा का दोहन किया जा सकता है।

मै. वर्कशॉप कंसल्टिंग इंजीनियर्स आइसलैंड की प्रमुख कंपनी है जो भूतापीय ऊर्जा क्षेत्र में वैश्विक विशेषज्ञता रखती है। उनकी तकनीकी क्षमताएं और अनुभव उत्तराखंड में भूतापीय इंजीनियरों को तेजी से और प्रतिभावानों से विकसित करने में सहायक होंगे।

इस दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, दिलीप जावलकर और दीपेंद्र चौधरी, विशेष सचिव/रेजिडेंट कमिश्नर अजय मिश्रा, अपर सचिव रंजना राजगुरु, प्रबंध निदेशक यू.जे.वी.एन. लिमिटेड संदीप सिंहल, प्रबंध निदेशक पिटकुल पी.सी. ध्यानी वर्कशॉप कंपनी से हैंकर हेरोल्डसन, रंजीत कुंना और आइसलैंड एंबेसी से राहुल चांगथम उपस्थित थे।

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