तकनीक दुनिया देश

लाखों लोगों का दिल जीत कर सेवानिवृत हुये विश्व विख्यात नेत्र चिकित्सक पद्मश्री डा जीवनसिंह टिटियाल 

उत्तराखंड के सुदूरवर्ती  गांव में जन्म ले कर भारत के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान के उत्सव विभाग के प्रमुख रहे 
देव रावत रावत (प्यारा उत्तराखंड डाटा काम से)
इसी पखवाड़े 31 दिसंबर 2024 को हमारे देश भारत के सबसे बड़े प्रतिष्ठित अस्पताल डॉ. राजेंद्र प्रसाद उत्सव विज्ञान केंद्र, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली के प्रमुख एवं विश्व प्रसिद्ध नेत्र चिकित्सक प्रोफेसर डॉ. जीवन सिंह टिटियाल सेवा निवृत जोसेफ। रोजाना 70-80 के दशक में समुद्र तट को देखने के लिए उन्होंने वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी जी, विश्वविख्यात संत दलाई लामा और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी गिरिडीह सहित समुद्र तटों का दौरा किया। उन्होंने विश्व में दर्शन विज्ञान क्षेत्र में सचिवालय प्राप्त किया। जीवन में सदैव अपनी कर्तव्यनिष्ठा, कर्तव्यनिष्ठा, सहृदयता, सरलता, सजगता, सहजता और मृदुलता से मानव समाज की संपूर्ण संस्था से सेवा की। दा टाइटल की इसी उल्लेखनीय उपलब्धि को देखते हुए भारत के राष्ट्रपति को 2014 में पद्मश्री डिग्री से भी सम्मानित किया गया।
पूरे संस्थान में सेवानिवृति के अवसर पर उनकी नामांकन सेवाएँ एवं उच्च मानवीय गुणों के प्रखर ध्वजवाहक दा टिटियाल ने भावभीनी अश्रुपूर्ण विदाई दी। अपने सहयोगियों के अपार स्नेह को देखकर आप भी भावुक हो गए। दा टिटियाल की धर्मपत्नी बसंती टिटियाल सफल और सहृदय गृहणी हैं। टिटियल दम्पति की पुत्र व पुत्री दोनों अपने पिता की तरह ही चिकित्सा क्षेत्र में सेवारत हैं। अपने जीवन काल में दा टिटियाल ने देश विदेश में आश्रम आश्रमों और सम्मेलनों में भाग लिया। उनकी चिकित्सा आदि पुस्तक डीप ऑस्ट्रिया रही में। अपने सफल जीवन के लिए डा टिटियाल ने अपने नमूने, मार्गदर्शकों व शैतान के साथ भगवान का स्नेह अपनत्व व आशीर्वाद को श्रेय दिया।
दा जीवन सिंह टिटियाल के करीबी आचार्य आचार्य डॉ0 धर्म शास्त्री (जो स्वयं इस प्रतिष्ठित संस्थान के संस्था के सदस्य के साथ रहते हैं, 41 वर्ष की सेवा के बाद निर्देशित पद से सेवानिवृत्त टैटू) के 1959 में दा टिटियाल का जन्म
उत्तराखंड का एक छोटा सा गांव धारचूला के निकट, पिथौरागढ़ में हुआ। दादा-दादी, माता-पिता के साथ 5 भाई-बहन का अद्भुत परिवार। उत्तराखंड के अधिकांश तटीय क्षेत्र के ग्रामीण बच्चों की तरह उन्हें भी घर से 10-16 किमी दूर विद्यालय में शिक्षा ग्रहण की। गाँव से ही उन्होंने विज्ञान वर्ग से स्नातक और बारहवीं कक्षा की पढ़ाई करने के बाद उच्च शिक्षा बी.एस.सी. से ग्रहण की। तदोपरांत थिएटर देश के सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान एम्स दिल्ली से ज्येष्ठ उत्सव उत्सव विज्ञान केंद्र में एमडी की शिक्षा डिग्रियां हासिल कीं, उनके बाद उन्हें डॉ. राजेंद्र प्रसाद उत्सव विज्ञान केंद्र में सीनियर रेजीडेंसी की और 1991 में स्नातक सदस्य कल्टी सहायक आचार्य नियुक्त किया गया। इसके बाद 2005 में प्रोफेसर (प्रोफेसर) पद पर पदोनाटक हुए। उनके बाद सितंबर 2021 में आपको डॉ राजेंद्र प्रसाद उत्सव विज्ञान केंद्र के प्रमुख की जिम्मेदारी दी गई। भारत ही नहीं बल्कि देश चित्रण में उन्होंने उत्सव विज्ञान क्षेत्र में काम करते हुए हमारे उत्तराखंड का नाम रोशन किया है। आप एक दिन में 70-80 में समुद्र तट को देख चुके थे और इतनी ही संख्या में समुद्र तट के तटवर्ती शल्य चिकित्सा भी कर रहे थे। उन्होंने विश्व में अवलोकन विज्ञान क्षेत्र में सचिवालय से प्राप्त किए गए मानवता समाज में समुद्र तट को अपनी व्यवसायिकता प्रदान की। आपके जीवन में सदैव शीतलता, सरलता, सजगता, सहजता और मृदुलता का आकलन किया गया है। 2024 मार्च माह में उन्होंने अपने जीवन यात्रा की डौमेंट्री एक भव्य अवसर प्रस्तुत की। कर्त्तव्य निष्ठा और सहृदयता से दा टिटियाल ने उत्तराखंड और भारत सहित सभी मित्रों का अपना मन बनाया है। डा टिटियाल के सेवानिवृत्त स्थिर जीवन की इच्छा ने उनके करीबी आचार्य धर्मदेव ने कहा कि डॉ राजेंद्र प्रसाद उत्सव विज्ञान केंद्र के इतिहास में सन् 1967 से लेकर फिर से ऐसे मानवतावादी उत्सव विज्ञान विशेषज्ञ की छवि और प्रतिष्ठा का पहली बार अवलोकन किया गया। उनके इनसाइडर, निपुणता, कर्मठता, शीतलता और परिश्रम के गुण देखे गए। आपमें सत्य, अहिंसा, प्रेम, करुणा, सेवा, सिमरन, स्वाध्याय, संतोष, संत्सग, कर्तव्य और विश्व भक्ति के भाव की परिभाषा दी गई है। शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि एक मनुष्य दूसरे मनुष्य की सेवा करके ईश्वर के दर्शन कर सकता है। वैद्यकीय विशेषज्ञ को भगवान का रूप माना जाता है। आप भी उसी रूप में भगवान हैं। आर्य समाज के प्रखर ध्वजवाहक कालाचार्य धर्मसिंह शास्त्री ने आज 4 व 4 जनवरी 2025 को दूरभाष से उनके विराट व्यक्तित्व की जानकारी प्रचलित समाचार पत्र ‘प्यारा उत्तराखंड’ में प्रकाशित करने की सलाह दी। विश्व व्युत्पत्ति चिकित्सक
डॉ0 जीवन सिंह टिटियाल जी को उनकी सेवानिवृत्ति पर बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ।

About the author

pyarauttarakhand5