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केदारनाथ में निर्दलीय प्रत्याशी से बची भाजपा की लाज, महाराष्ट्र व झारखण्ड में सत्तारूढ महायुति व इंडिया गठबंधन बड़ी जीत के साथ हुई सत्तासीन!

महाराष्ट्र में महायुति की भारी जीत पर मुमं पर रस्साकस्सी ,

झारखंड में फिर हेमंत, उप्र में योगी की जयकार

प्यारा उतराखण्ड डाट काम से देवसिंह रावत

आज 23नवम्बर 2024 को महाराष्ट्र व झारखण्ड राज्यों की नई विधानसभा चुनाव के साथ 15 राज्यों की 48 विधानसभा सीटों पर हुये मतदान की मतगणना हुई। इसके साथ केरल के वायनाड व महाराश्ट्र के नांदेड लोकसभा सीट के लिये भी हाल में हुये उप चुनाव की मतगणना हुई।इनके परिणाम के तहत जहां विश्व विख्यात केदारनाथ धाम क्षेत्र की विधानसभा सीट पर निर्दलीय प्रत्याषी त्रिभुवन सिंह चौहान को मिले भारी मतों की बदौलत इसी प्रतिष्ठित सीट पर भाजपा विजयी हुई। वहीं 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा (132), शिवसेना (57)व राकांपा(41) गठबंधन वाले सत्तासीन महायुति को 234 सीट जीत कर भारी जीत मिली। यहां सत्तासीन होने की हुंकार भर रहा कांग्रेस(15), शिवसेना उधव (20)व राकांपा शरद (10)नेतृत्व वाली महाराश्ट्र महाविकास अघाड़ी 48 सीटों पर सिमट गयी। दूसरी तरफ 81 विधानसभा सीटों वाली झारखण्ड में सत्तारूढ़ झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (34), कांग्रेेस (16),राजद(4), व एमएल (2), नेतृत्व वाली सत्तासीन इंडिया गठबंधन को 56 सीटों पर भारी जीत मिल कर हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार फिर से सत्तारूढ होेगी। वहीं झारखण्ड में सत्तासीन होने की हुंकार भरने वाली भाजपा(21), जदयूू(1), आदि के नेतृत्व वाली राजग गठबंधन को मुंह की खा कर केवल 24 सीटों पर सिमट गयी।
इनके साथ हुये केरल में वायनाड लोकसभा का उपचुनाव जो राहुल गांधी के इस्तीफा देने के बाद रिक्त हुई थी वहां से कांग्रेस प्रत्याषी प्रियंका गांधी ने रिकार्ड तोड 4109311 मतों से भाकपा के सत्यन नोकेरी को पराजित किया।यहां भाजपा की न्व्या हरिदार 109939 मत अर्जित कर तीसरे स्थान पर रही।वहीं भाजपा के डा संतुकराव ने नांदेड लोकसभा सीट महाराष्ट्र सीट पर बढ़त बनाई हुई है।
वहीं उप्र की 9 प्रतिष्ठित विधानसभा सीटों में ये 7 सीटों ़(कुन्दरकी,गाजियाबाद,खैर,फूलपुर, कटेहरी,मंझावा, तथा मीरापुर-रालोद), पर विजय हासिल कर योगी के नेतृत्व वाली भाजपा की उप्र सरकार ने अखिलेश के तमाम दावों की हवा ही निकाल दी। अखिलेश की सपा यहां केवल 2 सीटें (करहल व सीसामऊ), ही जीत पाई। अन्य राज्यों में हुये उप चुनाव में असम में भाजपा धोलाइ, सामगुडी व बेहार्ली ,युपीपा सिडली व अगप ने बोंगईगाव में जीत दर्ज की।
इन उप चुनाव में बिहार प्रांत में भाजपा ने तरारी, व रामगढ, जीती, जदयू की मनोरमा देवी ने बेलागंज, हिंदुस्तान अवाम मोर्चा की दीपा कुमारी ने इमामगंज सीट पर जीत दर्ज की। बंगाल की सभी छह मदारीहाट,सिताई नईहटी, हरोआ,तालदनगरा व मेदनीपुर सीटों पर सत्तारूढ तृणमूल कांग्रेस ने जीत दर्ज की। भाजपा इस चुनाव में यहां खाता भी नहीं खोल पाई।
छत्तीसगढ में भाजपा के सुनील कुमार सोनी ने रामपुर नगर दक्षिण सीट जीती। गुजरात की वाव विधानसभा सीट पर भाजपा ने बाजी मारी।वहीं कर्नाटक की शिग्गाओं, सन्डुर व चन्नपटना विधानसभा सीट पर कांग्रेस जीती। इसके साथ कांग्रेस ने केरल की पालाक्काड सीट व माकपा ने चेलाक्करा विधानसभा सीट जीती। मध्यप्रदेश में विजयपुर सीट पर कांग्रेस व बुधनी सीट पर भाजपा जीती। मेधालय की गम्बेगरे सीट पर नेशनल पीपुल्स पार्टी विजय रही।पंजाब की डेराबाबा नानक,चब्बेवाल,व गिदडबाहा में आप तथा बरनाला में कांग्रेेस जीती। राजस्थान में झुन्झुनू ,रामगढ़,, खींवसर, सलूम्बर व देवली-उनियारा में भाजपा, दौसा से कांग्रेस, तथा चौरासी से भारत आदिवासी पार्टी ने जीत अर्जित की। इसके अलावा सिक्किम के सोरेंग-चाकुंग व नामची-सिंधीथांग में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा निर्विरोध जीता।
15 राज्यों की जिन 48 विधानसभा सीटों पर काउंटिंग हो रही है, उनमें उत्तर प्रदेश की 9 सीटें हैं, जिस पर देशभर का नजरें टिकी हुई है। इस उप चुनाव को 2027 का सेमीफाइनल माना जा रहा था। उप्र -9, राजस्थान -7, बंगाल -6 असम -5 पंजाब- 4, बिहार -4, कर्नाटक -3 केरल -3, उतराखण्ड -1
सिक्किम की 2सीटों पर क्रांतिकारी मोर्चा के दोनों प्रत्याशी निर्विरोध चुने गए। इन सीटों पर चुनाव मतदान 13 व 20 नवम्बर 2024 में हुआ।
उतराखण्ड की एकमात्र परन्तु महत्वपूर्ण केदारनाथ विधानसभा सीट पर भाजपा विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद रिक्त हुई सीट पर भाजपा ने अपनी परंपरा को दर किनारे करके षोक संतप्त शैलारानी रावत के परिजन को प्रत्याशी बनाने के बजाय इसी विधानसभा क्षेत्र से दो बार पूर्व विधायक रही व एक बार विद्रोही रही वर्तमान प्रदेश भाजपा महिला मोर्चे के अध्यक्षा आशा नौटियाल को चुनावी दंगल में उतारा। इस चुनाव पर प्रदेष भाजपा नहीं भाजपा केंद्रीय नेतृत्व की प्रतिष्ठा भी दाव पर लगी थी। क्योकि इससे पहले बदरीनाथ विधानसभा के लिये हुये उप चुनाव में भाजपा अपने प्रदेश अध्यक्ष की गृह सीट पर ही विधानसभा आम चुनाव व उप चुनाव दोनों हार गये थे। इससे पूरे देश में भाजपा की किरकिरी हो रही थी। इसी किरकिरी से बचने के लिये भाजपा नेतृत्व ने भले ही आशा नौटियाल को चुनावी दंगल में उतारने से पहले ही प्रदेश सरकार की पूरी ताकत वहां झौंक दी थी। इसके बाबजूद भाजपा केवल 5622 मतों से विजय रही। आषा नौटियाल को जहां 23814 मत मिले वहीं पराजित कांग्रेसी प्रत्याशी मनोज रावत को 18192 मत मिले। यहां पर स्वतंत्र प्रत्याशी त्रिभुवन सिंह चौहान को 9311 मत मिले। वहीं उक्रांद प्रत्याषी डा आषुतोष भण्डारी को 1314 मत मिले।आर पी सिंह को 493 मत मिले व प्रदीप रोशन रूडिया को 483 मत मिले। इसके अलावा यहां पर उपरोक्त में कोई नहीं यानि नोटा को 834 मत मिले। इस प्रकार देखा जाय तो अगर इस विधानसभा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी त्रिभुवन सिंह को इतना मत नहीं मिलता तो यहां पर भाजपा की हार बदरीनाथ की तरह हो जाती। एक प्रकार से केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को स्वतंत्र प्रत्याशी का आभार प्रकट करना चाहिये जिनके कारण भाजपा को बदरीनाथ जैसी हार के दंश से बचाने का काम किया। इसके साथ अगर कांग्रेस के प्रत्याशी के पास भाजपा की तरह संसाधनों व संगठन की मजबूती रहती तो भाजपा के लिये यह उपचुनाव शर्मसार करने वाला साबित होता। क्योकि महाराष्ट्र की तरह उतराखण्ड में भाजपा सरकार अपने काम के दम पर चुनाव तो जीतने से रही। यहां पर जो भी जीत मिलती हैे मोदी के नाम से मिलती है।

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