देव सिंह रावत
#ओम_शांति_ओम
बहुत दुख के साथ सूचित कर रहा हूं कि 18 नवंबर 2024 की रात को भारतीय आंदोलन के समर्पित सहयोगी और वरिष्ठ समाजवादी नेता राजेश यादव जी का अपने निवास रांची झारखंड में स्वर्गवास हो गया। बौद्ध, चौधरी चरण सिंह, चन्द्रशेखर, विश्व नाथ प्रताप सिंह, लालू यादव आदि समाजवादी नेताओं के संग देशहित और नवाचार के राजनीति में समर्पित रहे।
आज 20 नवंबर 24 को यादव राजेश जी के दूरभाष से उनकी शोककुल धर्मपत्नी को फोन करके बताया गया कि हृदयघात होने से उनका निधन हो गया।
हालाँकि उनके निधन की जानकारी मुझे कल 19 नवंबर 2024 को दी गई थी, उनके व्हाट्सएप से आए आकर्षक, आकर्षक और स्थिर करने वाला संदेश पापा नहीं रहे अंकल को पढ़ कर विश्वास ही नहीं हुआ। मैंने मैसेज कर खबर की सत्यता जांचनी चाही पर कोई जवाब नहीं मिला। उनके फेसबुक देखने पर वहां भी कुछ घंटे पहले उनके जंतर-मंतर पर कई पुराने कार्यक्रमों की तस्वीर डाली गई थी। विक्ट्री सती को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने बताया तो उन्होंने कहा फोन तो करो, खतरा साफ हो गया। मेरे दोनों गुणधर्म आपस में जुड़े नहीं, पर कोई उत्तर नहीं मिला। पिछले महीने ही राजेश यादव जी दिल्ली आए थे तो तीन-चार दिन लगातार हम प्रेस क्लब में दिन भर साथ रहे। यहां इस दौरान कई पत्रकार साथियों से भी उनकी मुलाकात हुई। डेढ़ दशक से अधिक समय से वे जबसे भारतीय भाषा आंदोलन (जंतर मंत्र पर चल रही चित्रकारी) से जुड़े, बड़े भाई की तरह मधुर स्नेह थे। दिल्ली में जब भी मिले तो मिले थे। वे बहुत ही मिलनसार थे, सहृदय और सुख दुख के दोस्त भी रहे थे। किस भारतीय भाषा आंदोलन का जंतर मंत्र श्री प्रधानमंत्री कार्यालय तक पदयात्रा कर इतिहास