( उत्तर प्रदेश के ग्रेटर में सेमीकॉन इंडिया 2024 कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के सिद्धांत का मूल पाठ)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, केंद्रीय संगीत के मेरे सहयोगी अश्विनी वैष्णव, जितिन प्रसाद, ग्लोबल सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री से जुड़े सभी दिग्गज, शिक्षा, अनुसंधान और इनोवेशन वर्ल्ड से जुड़े सभी मित्र, अन्य अतिथिगण, देवियों और सज्जनों! आपको नमस्कार !
मैं सेमी से जुड़े सभी साथियों का विशेष रूप से अभिनंदन करता हूं। भारत दुनिया का आठवां देश है, जहां वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग से जुड़ा ये भव्य आयोजन हो रहा है। और मैं कह सकता हूं कि- यह भारत में रहने का सही समय है। आप सही समय पर, सही जगह पर हैं। इक्कीसवीं सदी के भारत में – चिप्स कभी ख़राब नहीं होते! और सिर्फ इतना ही नहीं है, आज का भारत, दुनिया को भरोसा देता है- जब चिप्स ख़राब हों, तो आप भारत पर दांव लगा सकते हैं!
दोस्त,
सेमीकंडक्टर की दुनिया से जुड़े आप लोगों का नाटा डायोड से जरूर जुड़ा है। और आप जानते ही हैं, डायोड में ऊर्जा सिर्फ एक डायरेक्शन में ही मिलती है। लेकिन भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग में स्पेशल डायोड लगे हुए हैं। यहां हमारी एनर्जी दोनों डायरेक्शन में मिलती है। आपके मन में कैसे आये? और ये भी बहुत दिलचस्प है, आप निवेश करते हैं और मूल्य बनाते हैं। साथ ही सरकार, आपके पास स्थिर नीतियां और व्यापार करने में आसानी सेवाएं हैं। सेमीकंडक्टर की आपकी इंडस्ट्री ‘इंटीग्रेटेड सर्किट’ से जुड़ी हुई है। भारत भी आपको, एक ‘एकीकृत पारिस्थितिकी तंत्र’ देता है। भारत के डिजाइनरों उनकी कल्पायचाँचिप को तो आप भलीभाँति जानते हैं। डिजाइनिंग की दुनिया में 20 प्रतिशत राजपूतों का योगदान भारत है। और इसका निरंतर विस्तार हो रहा है। हम पचासी हजार तकनीशियन, इंजीनियर और अनुसंधान एवं विकास विशेषज्ञ सेमीकंडक्टर कार्यबल तैयार कर रहे हैं। भारत का फोकस अपने छात्रों और पेशेवरों को सेमीकंडक्टर उद्योग तैयार करने पर है। कल रिसर्च ही नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की पहली बैठक हुई है। इस फाउंडेशन से भारत के इकोसिस्टम को एक नई दिशा भी मिलती है, नई ऊर्जा भी मिलती है। इसके अलावा भारत ने वन ट्रिलियन रुपए का एक विशेष मूल्य निर्धारण बाजार भी बनाया है।
दोस्त,
ऐसे इनिशिएटिव्स से सेमीकंडक्टर और साइंस सेक्टर में इनोवेशन का मुद्दा बहुत तेजी से बढ़ रहा है। हम सेमीकंडक्टर से जुड़े फ्रेमवर्क पर भी बहुत फोकस कर रहे हैं। इसके अलावा आपके पास एक त्रिआयामी शक्ति भी है। पहला- भारत की आज की हमारी सुधारवादी सरकार, दूसरा- भारत में बढ़ता विनिर्माण आधार और तीसरा- भारत का आकांक्षी बाजार। एक ऐसा बाज़ार जो टेक्नोलॉजी का स्वाद जानता है। आपके लिए भी थ्री-डी पावर सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री का ऐसा बेस है, जहां मिलना और मिलना मुश्किल है।
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भारत की aspirational और tech oriented society बहुत ही यूनीक है। भारत के लिए chip का मतलब सिर्फ एक टेक्नॉलॉजी भर नहीं है। हमारे लिए, ये करोड़ों aspirations को पूरा करने का माध्यम है। आज भारत चिप का एक बहुत बड़ा कंज्यूमर है। इसी चिप पर हमने दुनिया का सबसे बेहतरीन digital public infrastructure build किया है। भारत में लास्ट माइल डिलीवरी सुनिश्चित करने में आज ये छोटी सी चिप बड़े – बड़े काम आ रही है। कोरोना जैसे महासंकट में जब दुनिया के मजबूत से मजबूत बैंकिंग सिस्टम भी चरमरा गए, तब भारत में बैंक बिना रुके चल रहे थे। भारत का UPI हो, रूपे कार्ड हो, डिजी लॉकर से लेकर डिजि यात्रा तक अलग-अलग तरह के डिजिटल प्लेटफॉर्म्स, भारत के लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गए हैं। आज भारत आत्मनिर्भर होने के लिए हर सेक्टर में मैन्यूफैक्चरिंग बढ़ा रहा है। आज भारत बड़े पैमाने पर ग्रीन ट्रांजिशन कर रहा है। आज भारत में data centres की डिमांड लगातार बढ़ रही है। यानि Global semiconductor industry को drive करने में भारत बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है।
साथियों,
एक पुरानी प्रचलित कहावत रही है-‘Let the chips fall where they may’. यानि जो चल रहा है, उसे वैसे ही चलने दिया जाए। आज का Young और Aspirational भारत इस भावना पर नहीं चलता। आज भारत का मंत्र है- ‘Increasing the number of chips produced in India’. और इसलिए हमने सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को आगे बढ़ाने के लिए बहुत सारे कदम उठाए हैं। भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी लगाने के लिए 50 परसेंट सपोर्ट भारत सरकार दे रही है। इसमें राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर और मदद कर रही हैं। भारत की इन नीतियों के कारण ही बहुत कम समय में 1.5 ट्रिलियन रुपए से ज्यादा के Investments इस क्षेत्र में भारत में हो चुके हैं। और आज कई प्रोजेक्ट्स पाइपलाइन में हैं। Semicon India Program भी एक अद्भुत योजना है। इसके तहत, Front end fabs, Display fabs, semiconductor packaging, Compound semiconductors, Sensors और display manufacturing के लिए financial support दिया जा रहा है। यानि भारत में 360 डिग्री अप्रोच के साथ काम हो रहा है। हमारी सरकार भारत में पूरे semiconductor supply chain ecosystem को आगे बढ़ा रही है। मैंने इस साल लाल किले से कहा है- हमारा सपना है कि दुनिया की हर डिवाइस में इंडियन मेड चिप हो। सेमीकंडक्टर पावर हाउस बनने के लिए जो भी जरूरी होगा, भारत वो सब करने वाला है।
साथियों,
Critical Minerals के Domestic Production और इसके Overseas Acquisition के लिए हमने कुछ समय पहले Critical Mineral Mission की घोषणा की है। Critical Minerals को Customs Duty से छूट देना हो, Critical minerals blocks की Mining के Auctions हों, इन सब पर तेजी से काम हो रहा है। और सिर्फ इतना ही नहीं है, हम Indian Institute of Space Sciences में एक सेमीकंडक्टर रिसर्च सेंटर बनाने के लिए भी काम कर रहे हैं। हम IIT’s के साथ पार्टनरशिप कर रहे हैं, ताकि हमारे engineers ना सिर्फ अभी के लिए high tech chips बनाएं बल्कि next gen chips पर भी रीसर्च करें। हम International Collaborations को भी आगे बढ़ा रहे हैं। आप लोगों ने Oil Diplomacy का नाम सुना है, आज का युग Silicon Diplomacy का युग है। इसी साल भारत Indo-Pacific Economic Framework की Supply Chain Council का Vice Chair चुना गया है। हम QUAD Semiconductor Supply Chain Initiative के भी बड़े पार्टनर हैं और हाल ही में हमने जापान और सिंगापुर समेत कई देशों के साथ एग्रीमेंट भी साइन किए हैं। इस सेक्टर में अमेरिका के साथ भी भारत अपना सहयोग लगातार बढ़ा रहा है।
साथियों,
आप सभी भारत के सेमीकंडक्टर मिशन को भी जानते हैं। कुछ लोग सवाल भी उठाते हैं कि भारत इस पर फोकस क्यों कर रहा है। ऐसे लोगों को हमारे डिजिटल इंडिया मिशन को ज़रूर स्टडी करना चाहिए। डिजिटल इंडिया मिशन का लक्ष्य, देश को एक transparent, effective और leakage free governance देना था। और आज हम इसके multiplier effect को अनुभव कर रहे हैं। डिजिटल इंडिया की सफलता के लिए हमें affordable mobile handsets और data की ज़रूरत थी। इसके लिए हमने ज़रूरी रिफॉर्म्स और ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया। एक दशक पहले, हम मोबाइल फोन के बड़े importers में से एक थे। आज हम दुनिया के नंबर-2 producer और exporter हैं। अभी एक ताज़ा रिपोर्ट आई है। आज भारत, 5G handsets का दूसरा सबसे बड़ा मार्केट बन चुका है। 2 साल पहले ही हमने 5G rollout शुरु किया था। आज देखिए, हम कहां से कहां पहुंच चुके हैं। आज भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर 150 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा का हो चुका है। और अब तो हमारा लक्ष्य और बड़ा है। इस दशक के अंत तक हम अपने इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाना चाहते हैं। इससे भारत के युवाओं के लिए करीब 6 मिलियन यानि 60 लाख jobs क्रिएट होंगी। भारत के सेमीकंडक्टर सेक्टर को भी इसका बहुत अधिक फायदा होगा। हमारा लक्ष्य है कि Electronic Manufacturing का 100 परसेंट काम भारत में ही हो। यानि भारत, Semiconductor Chips भी बनाएगा और उनके Finished Goods भी बनाएगा।
साथियों,
भारत का सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम, सिर्फ भारत का ही नहीं बल्कि विश्व प्रसिद्ध का भी समाधान देता है। आप लोगों ने भी डिजाइनिंग से लेकर एक रूपक जरूर सुना होगा। ये रूप है- ‘असफलता का एकल बिंदु’. डिजाइनिंग के दौरान यह बताया गया है कि इस खामी का पता कैसे लगाया जा सकता है। मकसद यही होता है कि सिस्टम किसी एक ही कंपनी पर अख्तियार नहीं कर रहा है। ये काम सिर्फ डिजाइनिंग तक ही सीमित नहीं है। ये हमारे जीवन में विशेष रूप से आपूर्ति श्रृंखला के सन्दर्भ में भी लागू होती है। कोविड हो, युद्ध हो, मंदी के समय में ऐसी कोई संस्था नहीं, कंसीलर सप्लाई सीरीज से नुकसान नहीं हुआ। सप्लाइ सप्लाई सीरीज का असोसिएशन बहुत जरूरी है। और इसलिए मुझे खुशी है कि भारत में अलग-अलग गांवों में पैदा हुए मिशन का एक अहम हिस्सा है। और हमें एक और बात याद रखना है। टेक्नोलॉजी के साथ जब डेमोक्रेटिक डेमोक्रेटिक जुड़ता है तो टेक्नोलॉजी की ऊर्जा शक्ति बढ़ती है। वहीं अगर टेक्नोलॉजी से डेमोक्रेटिक डेमोक्रेसी हटती है, तो टेक्नोलॉजी घातक डोमेस्टिक से देर से विकसित नहीं होती है। इसलिए, टेक्नॉलॉजी मैन्युफैक्चरिंग हो या सेमी ड्राइवर हो, हमारा फोकस बिल्कुल स्पष्ट है। हम एक ऐसी दुनिया बना रहे हैं, जो संकट के समय में भी नहीं रुकता, नहीं रहता- निरंतर चलती रहती हैं। आप भी भारत के सिद्धांतों को ठोस तरीकों से अपनाएं, इसी विश्वास के साथ आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। बहुत-बहुत धन्यवाद !
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