अयोध्या (फैजाबाद संसदीय क्षेत्र) के बाद बदरीनाथ में भी भाजपा पराजित
देव सिंह रावत
आज 13 जुलाई 2024 को 7 राज्यों के 13 विधानसभा सीटों के लिए हुए उप चुनाव जुलाई 2024 का परिणाम एक प्रकार से भाजपा की मोदी सरकार के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है।
मोटे तौर पर इन 13 विधानसभा सीटों के परिणाम
इंडिया गठबंधन का पलड़ा भारी रहा। इंडिया गठबंधन की झोली में 10, भाजपा की झोली में 2 व एक सीट स्वतंत्र प्रत्याशी की झोली में गई।
उल्लेखनीय है कि 10 जुलाई 2024 को पश्चिम बंगाल की 4, हिमाचल की 3, उत्तराखंड की 2, पंजाब की-1, तमिलनाडु की-1, मध्य प्रदेश-1 व बिहार की 1 विधानसभा सीट पर उपचुनाव में मतदान हुआ।
इन 13 सीटों पर हुए मतदान की गणना आज 13 जुलाई को हुई।इनके परिणाम दोहपर तक घोषित किए गए।
उत्तराखंड की दोनों विधानसभा सीटों (बदरीनाथ व मंगलौर) पर सत्तारूढ़ भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा। वहीं हिमाचल जहां लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की तरह सभी सीटों पर भाजपा ने अपना परचम लहराया था। उस हिमाचल प्रदेश की तीन विधानसभा सीटों में हुए उपचुनाव में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी। यहां पर देहरा व नालागढ़ विधानसभा सीटों में कांग्रेस विजय रही। वहीं हमीरपुर विधानसभा सीट में भाजपा जीती।
भाजपा को सबसे बड़ा झटका भाजपा शासित प्रदेश उत्तराखंड में लगा। जहां देश विश्व विख्यात बदरीनाथ धाम की नाम पर बनी बदरीनाथ विधानसभा सीट पर भाजपा की प्रत्याशी राजेंद्र भंडारी को कांग्रेस का कमजोर प्रत्याशी समझा जाने वाले लखपत सिंह बुटोला ने 5224 मतों से पराजित कर सीमांत जनपद चमोली से लेकर देहरादून व दिल्ली दरबार के भाजपा मठाधीशों तक झकझोर कर रख दिया।
उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव 2024 में कुछ माह पहले ही अयोध्या की फैजाबाद लोकसभा सीट पर भी भाजपा को अपने विरोधी इंडिया गठबंधन के सपा प्रत्याशी के हाथों पराजित होकर काफी शर्मशार होना पड़ा। अभी तक उनके विरोधी भाजपा पर अयोध्या में पराजित होने का प्रहार कर रहे हैं। भाजपा इस प्रहार अभी तक उबर भी नहीं पाई थी कि उसे अब इन विधानसभा उप चुनाव में बदरीनाथ विधानसभा सीट पर मिली पराजय से देश व्यापी प्रहार झेलने पड़ रहे हैं। बदरीनाथ सीट पर सत्तारूढ़ भाजपा की हार, न केवल यहां के भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र भंडारी की हार है, अपितु यह प्रदेश की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट की भी करारी हार है। इसका सीधा असर न केवल उत्तराखंड की सरकार पर भी पड़ेगा अपितु इसके तीव्र झटकों से दिल्ली में देश सत्ता में आसीन मोदी शाह जैसे आला नेतृत्व पर भी लग रहे हैं।
मत गणना के परिणाम के अनुसार बदरीनाथ विधानसभा पर विजयी कांग्रेसी प्रत्याशी लखपत सिंह बुटोला को 28161व भाजपा के प्रत्याशी राजेंद्र भंडारी को 22937मत मिले। अन्य प्रत्याशी नवर किशोर खली को 1813, हिम्मत सिंह नेगी को 494 व इनमें से कोई नहीं नोट को 823 मत मिले। यहां पर यह उल्लेख करना आवश्यक है कि सन 2022 को हुए उत्तराखंड विधानसभा आम चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी राजेंद्र भंडारी ने भाजपा के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को करारी मात थी। महेंद्र भट्ट की राज्यसभा सांसद बनने के बाद इस गढ़वाल सीट पर लोकसभा के संसदीय सुनो मैं 2024 को जैसे ही अनिल बलूनी भाजपा के प्रत्याशी बने, उन्होंने बदरीनाथ के विधायक राजेंद्र भंडारी को भाजपा में सम्मलित कराकर विधानसभा सीट से इस्तीफा दिला दिया। इसी कारण इस विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए जिसमें समझौते के अनुसार भाजपा ने इस क्षेत्र के सबसे मजबूत प्रत्याशी राजेंद्र भंडारी को चुनावी दंगल में उतारा। परंतु स्थितियां बदल गई जहां कांग्रेसी समर्थक मतदाता राजेंद्र भंडारी पर विश्वास घात का आरोप लगा रहे थे। वहीं भाजपा के इस क्षेत्र के मतदाता व इस विधानसभा की भाजपा क्षत्रप राजेंद्र भंडारी की उम्मीदवारी को पचा नहीं पा रहे थे। इसी कारण आला नेतृत्व के समर्थन के बावजूद इस सीट पर भाजपा का प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा।
भाजपा की छात्रवृत्ति व मतदाताओं की समर्थन कोई लिए उनका धन्यवाद करते हुए विजई कांग्रेसी प्रत्याशी लखपत बुटोला ने जीत के बाद उन तमाम लोगों का धन्यवाद किया जिन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उनकी विजय को मजबूत बनाने का काम किया।
इस प्रकार साफ है कि बदरीनाथ विधानसभा सीट भाजपा भीतर घात के कारण हारी।
वही मंगलोर की विधानसभा सीट पर हुई उपचुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी काजी मोहम्मद निजामुद्दीन ने भाजपा की नए प्रत्याशी करतार सिंह भडाना को 422 मतों के कांटे की टक्कर में पराजित किया। इस सीट पर जहां कई मोहम्मद निजामुद्दीन को 31 727, भाजपा की करतार सिंह भडाना को 31305, बसपा के उबैदुर रहमान मोंटी को 19559, विजय कुमार कश्यप को 35 1, दीपक कुमार को 314, साथिया जाती को 206 व इनमें से कोई नहीं कोई 2 37 मत मिले।
मंगलोर विधानसभा सीट पर पर कांग्रेस का पलड़ा भारी नजर आ रहा था। परंतु बसपा ने यहां कांग्रेस का खेल बिगाड़ने की कोई कमी नहीं रखी। यहां बसपा की प्रत्याशी रहमान मोंटी ने 19559 मत अर्जित कर कांग्रेस की आशाओं पर पानी फेरने का भरकश प्रयास किया। बसपा के इस सहयोग से भाजपा करतार सिंह भडाना को चुनावी दंगल में उतार कर काफी हद तक अपने लक्ष्य में कामयाब हो गई थी पर केवल 422 मतों से वह पिछड गई। भाजपा कि यह रणनीति भले ही भाजपा की मत प्रतिशत को बढ़ाने में कामयाब रही परंतु करतार सिंह भडाना को चुनाव लड़ाने से यहां भाजपा पर उत्तराखंडी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर बाहर के आयातित प्रत्याशी को चुनावी दंगल में उतारने कड़ा प्रहार किया। हालांकि करतार सिंह भडाना ने अपनी ख्याति के अनुसार तीसरे नंबर की भाजपा को मुख्य मुकाबले में लाने का श्रेय दिया जा सकता है। जनता के कटघरे में भडाना नहीं अपितु भाजपा नेतृत्व ही रहा।
जुलाई 2024 को हुई 13 विधानसभा के उपचुनाव में बंगाल की रामगंज, राणाघाट दक्षिण, बागदा व मानिक तल्ला सीटों पर तृणमूल कांग्रेस ने अपने विरोधी भाजपा, कांग्रेस व वामपंथियों को धूल चटाते हुए चारों सीटें अपनी झोली में डाली।
वहीं हिमाचल विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव में भाजपा केवल एक सीट जीतकर अपनी लाज बचा पाई वहीं कांग्रेस ने दो सीटें जीतकर लोकसभा चुनाव 2024 में मिली करारी हार के दंश से उबर पाई। हिमाचल की देहरा में कांग्रेस के कमलेश ठाकुर व नालागढ़ में कांग्रेस के प्रत्याशी हरदीप सिंह बाबा ने भाजपा को मात दी। वहीं हमीरपुर में भाजपा के प्रत्याशी आशीष शर्मा ने कांग्रेस प्रत्याशी डा पुष्पेन्द्र वर्मा को मात दे कर भाजपा की लाज बचाई।
मप्र में हुए विधानसभा उपचुनाव में अमरवाड़ा सीट में भाजपा की लाज बाल-बाल बची। यहां अगर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के देवी राम चुनावी दंगल में नहीं उतरती तो भाजपा के लिए यह सीट बचाना बहुत ही मुश्किल पड़ जाता। यहां पर भाजपा की प्रत्याशी कमलेश प्रताप शाह ने कांग्रेस की धीरन शाह सुखराम को 3027 मतोंं से पराजित किया जबकि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को 28 000 से अधिक मत मिले।
इसी तरह बिहार में शपथ सिंह बीजेपी जेडीयू गठबंधन की प्रत्याशी को रुपौली विधानसभा क्षेत्र में एक स्वतंत्र प्रत्याशी शंकर सिंह ने 8204 मतों से करारी मात देकर भाजपा जदयू गठबंधन की चूलें हिला दी, वहीं बिहार में सत्ता की दावेदार राजद को तीसरे नंबर पर धकेल दिया। बीमा भारती की हार से राजद में एक प्रकार से खलबली मच गई।
तमिलनाडु की विक्रवंडी विधानसभा सीट से सत्तारूढ द्रमुक के अनियुर शिवा विजय रहे।
पंजाब में सत्तारूढ आम आदमी पार्टी की सरकार अपनी लाज बचाने में सफल रही। पंजाब में जालंधर पश्चिम नमक विधानसभा सीट में आपके मोहिंद्र भगत को विजय मिली। परंतु दूसरे नंबर पर भाजपा रही,कांग्रेस तीसरे व अकाली चोथे स्थान पर रहे।