स्वायत्त सरकार ने संबद्ध, अधीनस्थ सुविधाओं और स्वायत्त आंदोलन में ई-ऑफिस को लागू करने के निर्देश निर्धारित किए, ई-ऑफिस के कार्यान्वयन के लिए डीएएपीजी राष्ट्रीय विभाग और एनआईसी, सूचना अनुरूप होगा।
10 जुलाई, 2024 को डीएएपीजी द्वारा आयोजित अंतर-मंत्रालयी परामर्श बैठक में भारत सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों, संबद्ध/अधीनस्थ लेखन और स्वायत्त शासन के अधिकारियों ने भाग लिया, तथा ई-ऑफिस को विस्तार देने के लिए समयसीमा तय की गई।
वर्ष 2019-2024 के दौरान केंद्रीय सचिवालय में ई-ऑफिस को प्रोत्साहन में उल्लेखनीय गति आई और 37 लाख फाइलें, यानी 94 प्रतिशत व्यक्तियों को ई-फाइल के रूप में और 95 प्रतिशत व्यक्तियों को ई-रसीद के रूप में भुगतान की गईं। सरकार ने इस पहल को और बढ़ाने के लिए ई-ऑफिस विकसित किया है। केंद्रीय सचिवालय में ई-ऑफिस के सफल समापन की आधारशिला रखते हुए सरकार ने निर्णय लिया है कि डीएपीजी की सरकार के 100 दिवसीय कार्यकाल के तहत भारत सरकार के सभी संलग्न, पर्याप्त दस्तावेज और स्वायत्तशासी ई-ऑफिस लागू किए जाएंगे। अंतर-मंत्रालयी परामर्श के बाद 133 संलग्न, अधीनस्थ ढांचे और स्वायत्त निकाय की पहचान की गई। डीएएपीजी ने 24 जून 2024 को अधीनस्थ कार्यालयों और स्वायत्त जिलों में ई-ऑफिस विस्तार के निर्देश जारी किए।
डीपीजी सचिव वी. श्रीनिवास की अध्यक्षता में एक अंतर-मंत्रालयी बैठक में ऑन-बोर्डिंग रोडमैप और तकनीकी तौर-तरीकों पर चर्चा की गई और इसमें सभी मंत्रालयों/विभागों के अधिकारी और 133 संबद्ध, अधीनस्थ लेखन और स्वायत्त समाज के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। एनआईसी की उप प्रमुख श्रीमती रचना श्रीवास्तव के नेतृत्व में एनआईसी की टीम ने ई-ऑफिस के कार्यान्वयन के लिए प्रक्रियागत तकनीकी जानकारी प्रस्तुत की। यह निर्णय लिया गया है कि सभी मंत्रालय/विभाग अपने संबद्ध, अधीनस्थ स्तर और स्वायत्त निकायों के साथ समन्वय करेंगे, नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे, डाटा सेंटर स्थापित करेंगे और सरकार के 100 दिनों के अंदर ई-ऑफिस को निश्चित समय-सीमा में लागू करेंगे। । के उपयोग/लाइसेंसों की संख्या पर एनआईसी को अनुरोध प्रस्तुत करेंगे।
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