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भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर 3-4जुलाई 2024को दिल्ली में आयोजित हो रहा है वैश्विक‘ इंडिया एआई शिखर सम्मेलन 2024’

भारत कृत्रिम वृक्षों पर वैश्विक भागीदारी (जे.पी.) के प्रमुख अध्यक्ष के रूप में सदस्य देशों और कृत्रिम वृक्षों की मेजबानी करेगा।

 01 जुलाई 2024, दिल्ली से पसूकाभास 

कृत्रिम विकास के  विकास, उन्नयन  और उसकी प्रति समर्पण के लिए प्रति भारत सरकार की अखंडता की पुष्टि करते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय 3 और 4 जुलाई, 2024 को नई दिल्ली में ‘ ग्लोबल इंडिया गाइडेड शिखर सम्मेलन’  का आयोजन कर रहा है। । इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य सहयोग और ज्ञान के नायकों को बढ़ावा देना है, जो भारत की प्रकृति और समग्र विकास की दिशा में काम कर रहे हैं।

वैश्विक भारत शिखर सम्मेलन  2024

यह शिखर सम्मेलन विज्ञान, उद्योग, नागरिक समाज, विचारधारा, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और शिक्षा जगत के अग्रणी अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन को प्रमुख मुद्दों और चर्चा के बारे में परिज्ञान साझा करने के लिए एक मंच पर आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन उत्साह की जिम्मेदारी है, विकास, वैश्विक उत्साह के बीच सहयोग और ज्ञान के प्रसार के लिए – उत्साह को बढ़ावा देने के लिए प्रति भारत सरकार के समर्पण पर जोर देता है। ग्लोबल इंडिया दुर्गम शिखर सम्मेलन 2024 के माध्यम से भारत अपने अनुकूल नवाचार में एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने की अपेक्षा करता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि अनुकूल लाभ सभी के लिए सुलभ हों और वे सामाजिक-आर्थिक विकास में गलत हों। होन। योगदान दें। दें।

प्रेस की सूची  और  शिखर सम्मेलन के कार्यक्रमों  के लिए यहां क्लिक करें।

कृत्रिम विकास पर आधारित वैश्विक भागीदारी (जे.पी.)  के  प्रमुख  के रूप में भारत को एक सुरक्षित, संरक्षित और विश्वसनीय दृष्टिकोण के रूप में देखा जा रहा है। गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए सदस्य देशों और सेवाओं की मेजबानी भी की जाएगी।

 

भारत दमन मिशन के बारे में जानकारी

भारत  मिशन का  उद्देश्य  एक ऐसे व्यापक पर्यावरण तंत्र का निर्माण करना है जो डेस्टिनी एक्सेसरीज़ के प्रजातंत्रीकरण, डेटा की गुणवत्ता को बढ़ाए, स्वदेशी फिटनेस विशेषज्ञों को विकसित करके, शीर्ष फिटनेस प्रतिभाओं को आकर्षित करके, उद्योग सहयोग को सक्षम करके, असुरक्षित जोखिम प्रबंधन को सक्षम करे। करके, सामाजिक रूप से प्रभावशाली हितैषी परियोजना को सर्वोपरि बढ़ावा दें और नैतिक हितैषी को बढ़ावा देकर नवीन हितैषी को बढ़ावा दें। यह मिशन निम्नलिखित सात स्तंभों के माध्यम से भारत के आदर्श संस्कृति तंत्र और समग्र विकास को बढ़ावा देता है। यह  ग्लोबल इंडिया शिखर सम्मेलन का मुख्य विचार बिंदु होगा। 

भारत मिशन के प्रमुख स्तंभ

  1. भारत में उपलब्ध कंप्यूट क्षमता:  सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से 10,000 से अधिक जीपीयू के साथ एक स्केलेबल किफायती इकोसिस्टम की स्थापना करना। एक मार्केटप्लेस सूट को सेवा और पूर्व-प्रशिक्षित मॉडल के रूप में उपलब्ध मॉडल के रूप में कार्य किया जाएगा, जो आवश्यक अनुरूपताओं के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
  2. भारत में उन्नत विकास केंद्र:  स्वदेशी और बड़े मल्टीमॉडल मॉडल (एल मॉडल) तथा डोमेन-निर्दिष्ट प्रमुख मॉडल विकसित करने और सतत विकास पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। यह मॉडल भारत के विविध स्वरूपों और संस्कृतियों की विविध स्वरूपों को समर्पित है।
  3. भारत हटाना डेटाबेस:  अभिनव के लिए उच्च गुणवत्ता वाले गैर-व्यक्तिगत डेटाबेस तक अच्छी तरह से व्यवस्थित करना। एक संयुक्त डेटा-सॉफ़्टवेयर भारतीय प्रदूषण और चिंताओं के लिए सहज प्रयास होगा, जिससे मजबूत सकारात्मक मॉडल के विकास में सहायता मिलेगी।
  4. भारत समर्थित ऐप विकास पहल:  केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य नागरिकों और अन्य नागरिकों के साथ समस्याओं का समाधान करके महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुकूल माहौल को बढ़ावा देना। यह पहल बड़े पैमाने पर सामाजिक-आर्थिक बदलाव के लिए प्रभावशाली समाधान विकसित करने पर केंद्रित है।
  5. भारत में दूरस्थ भविष्य कौशल:  विभिन्न रेडियो स्टेशनों पर उन्नत सुविधाओं को बढ़ाकर 2 और 3 शहरों में डेटा और उन्नत सुविधाओं की स्थापना करके उन्नत सुविधाओं की बाधाओं को कम करना। इस देश में कुशल कार्य की एक स्थिर प्रणाली निश्चित होती है।
  6. भारत में सस्ती भाषाएँ:  गहन तकनीकी नवाचारों के साथ-साथ सस्ती भाषाएँ का समर्थन करना। जोखिम प्रबंधन और वित्तीय सहायता प्रदान करके, इस मिशन का उद्देश्य तकनीकी प्रगति और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाले प्राकृतिक पर्यावरण संरक्षण के जीवंत पर्यावरण तंत्र का पोषण करना है।
  7. सुरक्षित एवं विश्वसनीय अनुरूपता: सशक्त अनुरूपता  परियोजना के अनुरूपता, स्वदेशी उपकरण एवं रूपरेखाओं के विकास और नैतिक, उन्नत एवं विश्वसनीय अनुरूपता के लिए अनुरूपता स्थापित करने के माध्यम से सशक्त अनुरूपता विकास सुनिश्चित करना।

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